‘भारत में काम करना है तो चीन से NO कनेक्शन’, Tech Firm को सख्त सन्देश देते हुए अब भारत 275 apps को बैन करने वाला है

देश की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं

PC: Toner News

लगता है भारत चीन से चुन-चुन कर बदला लेने के मूड में है। यदि किसी को ऐसा लग रहा है कि भारत ने केवल 59 चीनी एप्स को प्रतिबंधित कर अपने कर्तव्य का पालन कर लिया है, तो वो गलत है। अब 47 क्लोन एप्स को प्रतिबंधित के पश्चात भारत ने करीब 275 ऐसे एप्स की सूची बनाई है, जिसमें कहीं न कहीं चीनी निवेश किया गया है। इसका एक ही अर्थ है – अमेरिका की भांति अब भारत भी चीन का पूर्णतया सर्वनाश चाहता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारत सरकार ने करीब 275 एप्स की विशेष सूची तैयार की है, जो भले ही किसी भी देश द्वारा रचित हो, परंतु उसमें कहीं न कहीं चीन का निवेश है। कयास लगाए जा रहे हैं कि इसमें कई ऐसे एप्स हैं, जिनका या तो टेंसेंट या फिर अलीबाबा जैसी कंपनियों के साथ कहीं न कहीं लिंक है। रिपोर्ट के अनुसार इन 275 ऐप्स में गेमिंग ऐप PUBG भी शामिल है, जो चाइना के वैल्यूबल इंटरनेट Tencent का हिस्सा है. साथ ही इसमें Xiaomi की बनाई गई Zili ऐप, ई-कॉमर्स Alibaba की Aliexpress ऐप, Resso ऐप और Bytedance की ULike ऐप शामिल है।

हालांकि, इन एप्स पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन ऐसा मानना है कि इन एप्स पर केंद्र सरकार कड़ी निगरानी रखेगी। इससे पहले सरकार ने जिन 47 क्लोन ऐप्स को बैन किया है, उनमें टिकटॉक लाइट, हेलो लाइट, शेयरइट लाइट, बिगो लाइट और वीएफवाय लाइट शामिल हैं। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बताया कि यह 47 चीनी क्लोन ऐप्स भी डेटा चीन की खुफिया एजेंसियों तक पहुंचा रहे थे।

सच कहें तो भारत के इस निर्णय से एक बार फिर सिद्ध होता है कि भारत चीन को पूरी तरह बर्बाद करने के लिए कितना प्रतिबद्ध है। भारत ने चीन को उसी की शैली में जवाब देने का निर्णय किया है। जब चीन ने गलवान घाटी पर हमला किया था, तो वह इस गलतफहमी में था कि भारत पलटकर जवाब कभी नहीं दे सकता, और यदि देगा भी, तो कुछ छिटपुट नुकसान करेगा।

परंतु भारत के वर्तमान प्रशासन ने मामले की गंभीरता को समझा। अपने सैन्य तैयारियों पर पूरा ध्यान देते हुए भारत ने कूटनीतिक माध्यम से चीन को पाकिस्तान की भांति पहले अलग-थलग करना शुरू किया। चूंकि गलती चीन की थी, इसलिए अनेक देशों ने निस्संकोच भारत का साथ देने की घोषणा की। अमेरिका, फ्रांस, यहाँ तक कि ऑस्ट्रेलिया ने भी भारत की हर प्रकार से सहायता करने की पेशकश की। फ्रांस, इज़राइल और रूस जैसे देशों ने भारत को दिये जाने वाले शास्त्रों की डिलिवरी समय से पहले ही सुनिश्चित की।

तद्पश्चात स्थानीय स्तर पर भारतीयों ने भी चीन के विरुद्ध मोर्चा संभाल लिया। जहां जनता ने चीन के विरुद्ध मोर्चा संभालते हुए चीनी सामान के बहिष्कार की मांग की, तो वहीं व्यापार संगठनों ने चीन को आर्थिक मोर्चे पर नुकसान पहुंचाने की व्यवस्था की। भारत में व्यापारियों के शीर्ष संगठनों में शामिल कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा चीनी सामान के बहिष्कार और भारतीय सामान के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए चीन (China) के 500 से ज्यादा सामानों की सूची भी जारी की है जिनके आयात पर रोक लगाई जाएगी।

CAIT ने करीब 3,000 ऐसी वस्तुओं की लिस्ट बनाई जिनका बड़ा हिस्सा चीन से आयात किया जाता है, लेकिन जिनका विकल्प भारत में मौजूद है या तैयार किया जा सकता है। कैट ने ‘भारतीय सामान – हमारा अभिमान’ नाम से शुरू किए गए इस राष्ट्रीय अभियान के तहत दिसंबर 2021 तक चीन (China) से आयात में एक लाख करोड़ रुपये की कमी लाने का लक्ष्य रखा है। यही नहीं CAIT यानि Confederation of All India Traders (CAIT) ने निर्णय लिया है कि अब वे किसी भी स्थिति में चीन में बनी राखियों को हाथ नहीं लगाएंगे, जिससे चीन को करीब 4000 करोड़ के नुकसान होने का अंदेशा है।

परंतु जो दांव 29 जून को भारत ने चीन के विरुद्ध चला था, उसके बारे में चीन ने अपने सपने में भी नहीं सोचा होगा। 59 चीनी ऐप्प को भारत में बैन कर दिया गया। इन एप्स में टिक-टॉक जैसी कंपनियां भी शामिल थीं, जिसके भारत में 22 करोड़ यूजर्स थे। चीनी मीडिया के अनुसार भारत के इस कदम से टिकटॉक को 6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान पहुंचा है।

अब जिस तरह से भारत ने 275 ऐसे एप्स को चिन्हित किया है, जिसमें चीनी निवेश कहीं न कहीं किया गया है, तो उससे स्पष्ट है कि अब भारत भी चीन को उसकी असल औकात दिखाने पर उतारू है। भारत की प्रतिबद्धता को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि ये तो बस शुरुआत, क्यों चीन के विरुद्ध असल कार्रवाई अभी बाकी है।

Exit mobile version