Jiomart में Big bazaar का विलय: टेलिकॉम के बाद अब retail सेक्टर पर होगा अंबानी का राज

अब retail सेक्टर में भी होगा “जियो दे दना दन”

अंबानी

(PC: The Print)

Mint की एक रिपोर्ट के मुताबिक रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लगभग 27 हज़ार करोड़ रुपयों में फ्युचर ग्रुप के retail assets को खरीद सकती है। किशोर बियानी के नेतृत्व वाला फ्युचर ग्रुप लोकप्रिय रीटेल चेन big bazaar का मालिक है। मुकेश अंबानी ई-कॉमर्स और रीटेल बिजनेस के क्षेत्र में घुसने से पहले ही इस डील पर अपनी निगाहें टिकाए बैठे थे। हालांकि, अभी pricing की वजह से डील पक्की नहीं हो पाई है।

फ्युचर ग्रुप ने अपनी 5 कंपनियों को एक साथ मिलाने का फैसला लिया है। ये 5 कंपनियाँ हैं Future Retail Ltd, Future Consumer, Future Lifestyle Fashions, Future Supply Chain और Future Market Networks! इन 5 कंपनियों को मिलाकर एक नई कंपनी बनाई जाएगी जिसका नाम होगा Future Enterprise Limited, जिसे रिलायन्स को करीब 27 हज़ार करोड़ रुपए में बेचा जाएगा।

रिपोर्ट के मुताबिक “फ्युचर ग्रुप के fashion, ग्रोसरी रीटेल से जुड़े ब्रांड्स जैसे Big Bazaar, FoodHall, Nilgiris, FBB, Central, Heritage Foods और Brand Factory भी रिलायंस भी बेच दिये जाएंगे। कुल मिलाकर इन सभी ब्राण्ड्स के करीब 1700 स्टोर्स रिलायंस को बेच दिये जाएंगे”।

इस खरीद के बाद रिलायंस के पास भारत की सबसे बड़ी रीटेल चेन होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि अभी कंपनी के पास पहले से ही देशभर में 12 हज़ार स्टोर्स उपलब्ध है। रिलायंस रीटेल ने वित्त वर्ष 2019-20 में 1.63 लाख करोड़ का राजस्व प्राप्त किया था।

मुकेश अंबानी पहले ही साफ कर चुके हैं कि उनकी कंपनी को consumer बिजनेस क्षेत्र में तेजी से विकास करना है, क्योंकि अभी इस क्षेत्र से कंपनी के कुल राजस्व का केवल 20 प्रतिशत हिस्सा ही आता है। वे चाहते हैं कि वर्ष 2025 तक consumer बिजनेस कंपनी के कुल राजस्व में एनर्जी और refining व्यवसाय जितना ही योगदान दे।

भविष्य में भी मुकेश अंबानी पेट्रो केमिकल बिजनेस से हटकर कंज़्यूमर बिजनेस पर ही ध्यान देना चाहते हैं। पहले कभी RIL का टोटल प्रॉफ़िट सिर्फ पेट्रो बिजनेस पर ही आधारित होता था, लेकिन अब कंपनी के Ebitda यानि tax, depreciation और amortization के खर्च से पहले की कमाई में कंज़्यूमर बिजनेस की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत तक पहुंच गयी है।

रिलायंस Jio पहले ही देश के गाँव-गाँव तक पहुँच चुकी है, और इसे रिलायंस के physical retail infrastructure से जोड़ दिया गया तो रिलायंस जल्द ही दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी को भी खड़ा कर सकती है। Jio गांवों में छोटे retailers के सहारे ही अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने पर विचार कर रही है।

भारत में अभी ई-कॉमर्स क्षेत्र में विदेशी कंपनियाँ ही काम कर रही हैं, जिनमें Amazon और Flipkart सबसे बड़ी कंपनियाँ हैं। सरकार भी इन सब को छोड़कर लोकल कंपनी Jiomart को सहायता देना चाहेगी, जो कि अपने ई-कॉमर्स मॉडल में इन किराना स्टोर्स को प्राथमिकता देता है। Jiomart ने मुंबई में पहले ही इसके ट्रायल शुरू कर दिये हैं और फेसबुक से हुई हाल ही डील के बाद jiomart whatsapp के जरिये भी ग्रामीण बाज़ारों तक पहुँच बनाने की कोशिश करेगा। कई सालों तक देश में ये ई-कॉमर्स कंपनियाँ नियमों की धज्जियां उड़ाकर कारोबार करती रहीं और देश के लोकल उद्योगपतियों को उसका खामियाजा भुगतना पड़ता रहा।

मुकेश अंबानी किसी भी व्यवसाय में अपना एकाधिकार कायम करने में विश्वास रखते हैं। उनकी Jio पहले ही telecom क्षेत्र में अपना एकाधिकार स्थापित कर चुकी है। ऐसे में अब उनका अगला निशाना ई-कॉमर्स दिखाई दे रहा है, जिसे पूरा करने में वे सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

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