जिनपिंग ने मृत सैनिकों को सम्मान न देकर चीनी सेना का अपमान किया, तो पीएम मोदी सीधा युद्धक्षेत्र पहुँच गए

जिनपिंग दुम दबाकर भाग गया, पीएम मोदी सरहद पर आ खड़े हुए!

पीएम मोदी

PC: newsbust.in

चीन के साथ बॉर्डर विवाद के बीच शुक्रवार सुबह प्रधानमंत्री जवानों का हौसला बढ़ाने लद्दाख के लेह पहुंच गए। वहां उन्होंने ना सिर्फ जवानों के साथ बातचीत कर उनके साहस को सलाम किया, बल्कि सिंह समान दहाड़ मारते हुए चीन को भी कड़ी चेतावनी जारी की। पीएम मोदी ने यह यात्रा ऐसे समय में की है, जब मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन की सेना PLA में अपनी ही सरकार के खिलाफ रोष बढ़ रहा है। दरअसल, चीनी सरकार ने भारतीय सैनिकों के हाथों मरे सैनिकों के ना तो नाम उजागर किए और ना ही उन्हें सम्मान दिया, जिसके बाद चीनी सैनिक अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। ऐसे में पीएम मोदी ने भारतीय सैनिकों के साथ खड़े होकर चीनी सेना के साथ-साथ चीनी सरकार को कड़ा संदेश भेजा है।

प्रधानमंत्री मोदी लद्दाख में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के साथ पहुंचे थे। इस दौरे से चीन को साफ संदेश गया कि चीन के खिलाफ मुंहतोड़ कार्रवाई के लिए भारतीय सेना और भारतीय राजनीतिक नेतृत्व पूरी तरह तैयार है। लेह में पीएम मोदी की मौजूदगी से वैसे ही चीनी सेना की हवा टाइट हो गयी होगी, रही सही कसर पीएम मोदी ने अपने भाषण से पूरी कर दी। पीएम मोदी ने जवानों को संबोधित करते हुए ऐसा भाषण दिया कि यह आने वाले कई दिनों तक चीनी नेताओं को सुई की तरह चुभेगा।

अपने भाषण में पीएम मोदी ने पहले जवानों का हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा “आज जिस कठिन परिस्थिति में आप देश की हिफाजत करते हैं, उसका मुकाबला पूरे विश्व में कोई नहीं कर सकता। आपका साहस उस ऊंचाई से भी ऊंचा है, जहां आप तैनात हैं। आपका निश्चय उस घाटी से भी सख्त है, जिसे आप रोज कदमों से नापते हैं। आपकी इच्छाशक्ति आसपास के पर्वतों जैसी अटल है।’’ इसके बाद पीएम मोदी ने चीन को आड़े हाथों लिया। बड़ी ही खूबसूरती से उन्होंने चीन पर हमला बोलते हुए कहा “हम वो लोग हैं, जो बांसुरीधारी कृष्ण की पूजा करते हैं, हम वही लोग हैं जो सुदर्शन चक्रधारी कृष्ण को भी आदर्श मानकर चलते हैं। इसी प्रेरणा से भारत हर आक्रमण के बाद और सशक्त बनकर उभरा है”।

बता दें कि मई महीने की शुरुआत से ही चीन अपनी विस्तारवादी नीति के तहत भारत के लद्दाख में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहा है। जून महीने में तो चीनी सैनिकों ने भारत के सैनिकों पर शारीरिक हमला तक बोल दिया था, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, जबकि चीन के 40 से ज़्यादा सैनिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।

चीन की आक्रामक नीति के खिलाफ बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा “विस्तारवाद का युग खत्म हो चुका है। ये युग विकासवाद का है। तेजी से बदलते हुए वक्त में विकासवाद ही प्रासंगिक है। इसी के लिए अवसर हैं। विकासवाद ही भविष्य का आधार भी है। बीती शताब्दियों में विस्तारवाद ने ही मानवता का विनाश करने का प्रयास किया है। विस्तारवाद की जिद जब किसी पर सवार हुई, उसने हमेशा विश्व शांति के सामने खतरा पैदा किया है। इतिहास गवाह है कि ऐसी ताकतें मिट गई हैं या मुड़ने के लिए मजबूर हो गई हैं। विश्व का हमेशा यही अनुभव रहा है। पूरे विश्व ने विस्तारवाद के खिलाफ मन बना लिया है।’’

पीएम मोदी की इस लेह यात्रा से चीनी सेना को एक बड़ा संदेश गया। चीनी सेना वही सेना है जिसे चीनी सरकार द्वारा नकार दिया गया है। जब बॉर्डर पर चीनी सैनिक मरे, तो उनको राजकीय सम्मान तक नहीं दिया गया। दुनिया को उनका पता नहीं चला। जिनपिंग एक तरफ अपने सैनिकों के साथ इस तरह का अमानवीय व्यवहार कर रहे हैं, तो वहीं पीएम मोदी सरहद पर अपने सैनिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। चीनी सेना भारत की हुंकार से पहले ही बैकफुट पर आ चुकी थी, अब पीएम मोदी की यह यात्रा चीनी सैनिकों के मनोबल को पूरी तरह तोड़ देगी। पीएम मोदी ने चीन का हाल भी कांग्रेस जैसा कर दिया है, लड़ाई से पहले ही चीन को उसकी जगह बता दी गयी है।

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