पश्चिम बंगाल में BJP MLA की हत्या भाजपा के नेताओं, समर्थकों और वोटरों के लिए बड़ा संदेश है

इस हत्या को सिर्फ हत्या समझने की भूल मत करना!

भाजपा

(PC : News Rush)

पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक विधायक को सोमवार को उत्तर दिनाजपुर जिले में उनके गांव में फांसी पर लटका पाया गया।

घटना हेमताबाद इलाके के बिंदाल में हुई। विधायक देवेंद्र नाथ रे 2019 में भाजपा में शामिल हुए थे। वह रहस्यमय तरीके से एक स्थानीय बाजार के पास अपने घर से कुछ मीटर की दूरी पर लटके पाए गए।

इससे पहले, उन्हें 2016 में मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के टिकट पर चुना गया था। हालांकि, रे के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि उनकी राजनीति से ताल्लुक रखने के कारण उनकी हत्या की गई है और इस मामले की पूरी जांच करो जाने की मांग की है।

राज्य के भाजपा नेताओं ने कहा कि लोगों का स्पष्ट मत है कि उन्हें पहले मारा गया और फिर उनके गांव में लटका दिया गया। पश्चिम बंगाल भाजपा ने ट्वीट किया, उनका अपराध यह था कि वह 2019 में भाजपा में शामिल हो गए।

राज्य के वरिष्ठ भाजपा नेता सायंतन बसु ने कहा, अगर बंगाल में एक निर्वाचित विधायक सुरक्षित नहीं है, तो यहां आम लोगों की सुरक्षा क्या होगी? हम इस मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग करेंगे। राज्य में कोई कानून-व्यवस्था नहीं है।

वहीं, उत्तर दिनाजपुर जिले के तृणमूल कांग्रेस के नेता अमल आचार्य ने इस घटना को दुखद बताते हुए कहा कि इसके लिए जो भी जिम्मेदार हैं, उन्हें फौरन सजा मिलनी चाहिए।

घटना की निंदा करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, रे की हत्या की गई है। विजयवर्गीय ने हत्या के पीछे रे की राजनीतिक संबद्धता पर भी सवाल उठाए।

देवेंद्र नाथ रे की हत्या के जरिये पश्चिम बंगाल के राजनीतिक गुंडों ने भाजपा और उसके समर्थकों को यह संदेश दे दिया है कि राज्य में भाजपा की राजनीतिक गतिविधि को बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं और BJP के MLA की हत्या से वोटर्स के बीच यह संदेश गया है कि भाजपा के लिए वोट करने भर से मृत्यु उनके दरवाजे तक पहुँच सकती है।

पश्चिम बंगाल राज्य में कानून व्यवस्था सबसे निचले स्तर पर पहुँच चुकी है। केंद्र सरकार को जल्द से जल्द ज़रूरी कदम उठाकर राज्य में भाजपा के कार्यकर्ताओं और नेताओं की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए। अन्यथा BJP के लिए राज्य में सांस लेना भी मुश्किल हो जाएगा। इस पूरे मामले पर ममता बनर्जी की निष्क्रियता इस मामले पर हिंसक राजनीति को साफ बयां करती है।

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