अपनी विस्तारवादी नीति के तहत चीन को आखिर एक बड़ी सफलता मिल ही गयी। चीन ने Hong-Kong में सफलतापूर्वक अपने तथाकथित सुरक्षा कानून को लागू कर दिया है, जिसकी दुनियाभर में आलोचना की जा रही है। Hong-kong भी अब चीन के ही किसी अन्य हिस्से के समान बन गया है, जहां सभी तरह की राजनीतिक गतिविधियां अब प्रतिबंधित हो चुकी हैं। अब अगर आप जिनपिंग सरकार की मर्ज़ी के बिना सड़क पर भी निकले तो आपको आतंकी घोषित कर दिया जाएगा। हालांकि, इस बीच Hong-Kong की CEO कैरी लैम बड़ी ही बेशर्मी से इस कानून की तारीफ कर जिनपिंग सरकार का बचाव कर रही हैं। कैरी के मुताबिक यह कानून Hong-Kong के लोगों की भलाई के लिए ही लाया गया है। Hong-Kong की CEO का खुद का परिवार तो ब्रिटेन में रहता है, और वहाँ लोकतंत्र का आनंद लेता है, लेकिन वे Hong-Kong के लाखों लोगों को कैद में करना चाहती हैं।
Although Carrie Lam renounced her British nationality, her HUSBAND and TWO SONS are BRITISH citizens. It is clear that Lam doesn't care about Hong Kong and its future, her family lives outside and it's all that matters for her.
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— Indranil Sen (@TheIndranilSen) July 4, 2020
Hong-Kong की CEO होने के नाते उनसे यह उम्मीद लगाई जा रही थी कि वे अपने लोगों के लिए खड़ी होंगी, लेकिन इसके ठीक उलट उन्होंने CCP सरकार की चाटुकारिता करनी शुरू कर दी। सुरक्षा कानून की तारीफ में उन्होंने ऐसे पुल बांधे जो शायद खुद जिनपिंग भी ना बांध पाएँ। कैरी लैम ने एक बयान जारी कर सुरक्षा कानून के मामले पर कहा “हांगकांग चीन लोक गणराज्य का अभिन्न अंग है, जहां उच्च स्तरीय स्वशासन होता है। राष्ट्रीय प्रभूसत्ता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा करना हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र का संवैधानिक उत्तदायित्व है। हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा के सामने मौजूद खतरा दिन-ब-दिन लगातार बढ़ रहा है। केंद्र सरकार ने राष्ट्र स्तरीय सुरक्षा कानून बनाया, जिसकी बड़ी आवश्यकता है। इस कानून का पारित होना एक देश दो व्यवस्थाएं प्रणाली की संपूर्णता का महत्वपूर्ण कदम है, जिससे हांगकांग समाज में शीघ्र ही स्थिरता की बहाली के लिए मददगार सिद्ध होगा”।
इस बयान को पढ़कर समझा जा सकता है कि असल में कैरी लैम कोई नेता नहीं, बल्कि कठपुतली हैं, CCP की कठपुतली! लैम Hong-Kong में रहकर शुरू से ही लोकतन्त्र समर्थक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एजेंडा चलाती आई हैं। उन्होंने चुनावों में उन असंख्य लोकतन्त्र समर्थक उम्मीदवारों का करियर खत्म किया, जो स्वतंत्रता का समर्थन कर रहे थे। जुलाई 2018 में तो लैम ने लोकतन्त्र समर्थक Hong Kong National Party को देशद्रोह के आरोपों के तहत प्रतिबंधित कर दिया था।
पिछले सालों के लोकतन्त्र समर्थक प्रदर्शनों के बाद नवंबर में हुए चुनावों में कैरी लैम को बड़ी हार का मुंह देखना पड़ा था। Hong-Kong की लगभग 80 प्रतिशत सीटों पर लोकतन्त्र समर्थकों का कब्जा हो गया था, जिसके बाद कैरी लैम ने कई बड़े नेताओं को हिरासत में लेकर अपनी खीज दिखाई थी। इसी वर्ष अप्रैल में लैम प्रशासन ने Martin Lee, Jimmy Lai और Margaret Ng को गिरफ्तार करने का फैसला लिया था। ये तीनों ही नाम लोकतंत्र समर्थकों के लिए बड़े नाम हैं।
Hong-Kong में जो कुछ भी किया जा रहा है, वह नियमों के खिलाफ है। चीन Sino-British Declaration की खुली धज्जियां उड़ा रहा है, और कैरी इस मामले में चीनी सरकार का भरपूर समर्थन कर रही हैं। दुनियाभर में कई देश Hong-Kong को लेकर चीन द्वारा उठाए जा रहे इन कदमों की निंदा कर रहे हैं। यहाँ तक कि one china policy को कूड़े में फेंकते हुए भारत भी Hong-Kong की स्थिति पर अपनी चुप्पी तोड़ चुका है और अपनी चिंता जता चुका है। जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजीव चंदर ने कहा था, ‘हम हाल की इन घटनाओं पर चिंता जताने वाले कई बयान सुन चुके हैं। हमें उम्मीद है कि संबंधित पक्ष इन बातों का ध्यान रखेंगे और इसका उचित, गंभीर और निष्पक्ष समाधान करेंगे।’
ताइवान, UK और USA जैसे देश Hong-Kongers के लिए शरण देने की व्यवस्था कर रहे हैं। हालांकि, कैरी लैम का प्रशासन Hong-Kong के कुछ लोगों पर आपराधिक मामला दर्ज कर उन्हें उड़ान भरने से भी रोक रहा है। कैरी लैम का यह रवैये बेहद निंदनीय है। अगर वे एक नेता की तरह CCP के दमनकारी रवैये का विरोध नहीं कर सकती, तो उन्हें अपने पद से तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।