चीन ने अब QUAD का भी डुप्लीकेट Version बनाया है, और ये भी क्वालिटी में ‘Poor’ है

वो कहते हैं न, चीनी माल चलाऊ नहीं होता!

अफगानिस्तान

विश्व के लगभग सभी देशों के द्वारा चीन को किनारा किए जाने के बाद अब ड्रैगन अपना एक Quad क्लब बना रहा है। इस क्लब में उसके साथी हैं पाकिस्तान, नेपाल और अफगानिस्तान। दरअसल, चीनी ने अफगानिस्तान और नेपाल को ‘आयरन ब्रदर’ पाकिस्तान के जैसा बनने के लिए कहा है। साथ ही अनुरोध किया है कि चारों देश मिलकर सहयोग करें। ऐसे में कह सकते हैंं कि चीन का यह नकली Quad बनाने का प्रयास भारत, अमेरिका जापान और ऑस्ट्रेलिया के असली Quad समूह को टक्कर देने के लिए है।

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने सोमवार को पाकिस्तान, अफगानिस्तान और नेपाल के अपने समकक्षों के साथ पहली वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित की। इस बैठक के दौरान इन देशों ने कोरोना से निपटने, अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और ‘BRI’ परियोजनाओं को फिर से शुरू करने के चार सूत्री योजना पर विचार किया। BBC की रिपोर्ट के अनुसार इस बैठक में चीन के विदेश मंत्री ने कोरोना से निपटने में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की भूमिका का समर्थन करने की भी अपील की। इस दौरान चीनी विदेश मंत्री ने पाकिस्तान, नेपाल के साथ-साथ अफगानिस्तान को प्रलोभन देते हुए अपने जाल में फंसाने की भरपूर कोशिश की। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की वैक्सीन विकसित होने के बाद चीन इन तीनों देशों को वैक्सीन देगा और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने में उनकी मदद करेगा।

यहाँ चीन द्वारा भारत के पड़ोसियों के साथ मिलकर एक बैठक करना चीन की मंशा को दिखाता है कि वह भारत के पड़ोसियों से नजदीकी बनाकर उसे अस्थिर करने का प्रयास भी स्पष्ट है। चीन की शुरू से ही यह मंशा रही है कि वह भारत को रणनीतिक रूप से इस प्रकार घेर ले, जिससे भारत पर सदैव चीन का प्रभाव बना रहे। इसी नीति के तहत शुरू से ही चीन ने भारत के पड़ोसी देशों को अपनी मुट्ठी में करने के प्रयास किए हैं। श्रीलंका और मालदीव जैसे भारत के पड़ोसी देशों को चीन ने कर्ज के जाल में फंसा कर भारत विरोधी रुख अपनाने के लिए मजबूर किया था, लेकिन सरकार बदलने से चीन की योजना धरी की धरी रह गयी।

इसके बाद चीन ने नेपाल और बांग्लादेश के साथ यही कर रहा और उन्हें भारत के खिलाफ भड़का रहा है। नेपाल तो भारत विरोध में उतर चुका है और अब ऐसे लगता है कि वह चीन के इस नकली Quad में शामिल हो जाएगा। वहीं चीन ने बांग्लादेश को लुभाने के लिए बांग्लादेश से आयातित 97 प्रतिशत वस्तुओं को पूरी तरह से ड्यूटी फ्री करने का फैसला किया है। हालांकि, बांग्लादेश अभी भी भारत के साथ अपने रिश्तों को बिगाड़ना नहीं चाहता है। पाकिस्तान पहले से ही चीन का दास बन चुका है। इन देशों के बाद अब चीन अफगानिस्तान को भी अपने पाले में करने का भरपूर प्रयास कर रहा है। इसी के मद्देनजर चीन के विदेश मंत्री ने यह बैठक की थी।

चीन का इस तरह से भारत के पड़ोसियों को भड़काना उसकी बेचैनी को भी दिखा रहा है। चीन कोरोना वायरस के बाद से ही विश्व में अलग-थलग पड़ा हुआ है और उसके प्रमुख ट्रेडिंग पार्टनर जैसे अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान, ब्रिटेन कई यूरोपीय देश उसके खिलाफ हो चुके हैं। चीन को कहीं से भी अंतरराष्ट्रीय समर्थन नहीं मिल रहा हैं। न ही दक्षिण चीन  सागर के मुद्दे पर समर्थन मिल रहा है और न ही भारत सीमा बॉर्डर विवाद के ऊपर। यही कारण है कि अब चीन को अपनी अंतराष्ट्रीय ताकत दिखाने के लिए नेपाल, पाकिस्तान और युद्ध-ग्रस्त अफगानिस्तान को अपने साथ करना पड़ रहा है। यह हास्यास्पद है कि एक तरफ भारत अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ Quad समूह बना रहा है तो वहीं चीन पाकिस्तान, नेपाल और अफगानिस्तान के साथ मिल कर Quad बना रहा है। भारत के साथ दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति है तो वही चीन के दुनिया का सबसे कर्जदार देश पाकिस्तान। इसी से इन दोनों की संगठनों की ताकत का अंदाजा लग रहा है। चीन उन देशों को साथ लेकर दुनिया और भारत को अपनी ताकत दिखाना चाह रहा है जो भारत के Quad के सामने कहीं भी नहीं टिकते हैं। चीन की बेचैनी और हताशा हास्यास्पद है।

 

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