Hong-Kong की बर्बादी की शुरुआत हो चुकी है, “सुरक्षा कानून” के बाद वहाँ सांस लेना भी मुश्किल हो गया है

सावधान! अगर आप Hong-Kong में सड़क पर निकले, तो आतंकवादी घोषित कर दिये जाओगे

Hong-kong

अपनी विस्तारवादी नीति के तहत चीन को आखिर एक बड़ी सफलता मिल ही गयी। चीन ने Hong-Kong में सफलतापूर्वक अपने तथाकथित सुरक्षा कानून को लागू कर दिया है, जिसकी दुनियाभर में आलोचना की जा रही है। Hong-kong भी अब चीन के ही किसी अन्य हिस्से के समान बन गया है, जहां सभी तरह की राजनीतिक गतिविधियां अब प्रतिबंधित हो चुकी हैं।

अब तक Sino-British Joint Declaration के तहत Hong-Kong एक विशेष प्रशासनिक क्षेत्र हुआ करता था, जहां लोगों को “फ्री स्पीच” और “संगठन बनाने” जैसे मूलभूत लोकतांत्रिक अधिकार मिले हुए थे, लेकिन अब CCP सरकार को अगर Hong-Kong में होने वाली किसी भी गतिविधि से कोई परेशानी होगी तो वह आसानी से उसे “सुरक्षा के लिए खतरा” घोषित कर उसपर पाबंदी लगा सकेगी।

Hong-Kong में नया सुरक्षा कानून लागू करने की ज़िम्मेदारी बेहद क्रूर CCP कट्टरवादी Zheng Yanxiong को दी गयी है। वर्ष 2011 में जब चीन के वुकान गाँव में विद्रोह देखने को मिला था, तो ज़्हेंग यंजोंग (Zheng Yanxiong ) को ही उसे कुचलने की ज़िम्मेदारी दी गयी थी। गाँव-वाले तब CCP द्वारा उनकी ज़मीन हड़पने का विरोध कर रहे थे। हालांकि, CCP ने यह घोषित कर दिया था कि वे विदेशी ताकतों के साथ मिले हुए हैं।

Hong-Kong में भी नया कानून लागू होने के बाद CCP ने सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, और उनके खिलाफ बेरहमी से water cannons, pellets और आँसू गैस का इस्तेमाल किया जा रहा है। Hong-Kong के लिए यह चीन का “जन्मदिन का उपहार है”। इस उपहार के बाद चीन की सुरक्षा एजेंसी Hong-Kong में घुसकर Hong-Kongers के खिलाफ कार्रवाई कर सकेगी, और उनके खिलाफ CCP के अदालतों में मुकदमा चला सकेगी।

चीन नहीं चाहता कि Hong-kong के लोग खुलकर चीन के खिलाफ बोलें, इसीलिए उसने अब इस कानून को लागू किया है। अब अगर Hong-kong पुलिस को कोई भी व्यक्ति प्रदर्शन करता हुए दिखाई देता है, तो पुलिस आसानी से उसे गिरफ्तार कर सकती है।

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चीन की CCP सरकार और Hong-Kong की कठपुतली सरकार नए सुरक्षा कानून को Hong-kongers के लिए लाभदायक सिद्ध करने की कोशिश कर रही है, लेकिन यह कानून इतना भयावह है जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल है। नए कानून में आतंकवाद की परिभाषा के तहत किसी व्यक्ति को मात्र सड़क पर उतरने के लिए आतंकवादी घोषित किया जा सकता है। इस नए कानून का सबसे पहल शिकार बने हैं 23 वर्षीय Hong-Konger तोंग यिंग-कित! अब Hong-kong में ऐसी “आतंकी गतिविधियों” के लिए उम्रभर कैद का प्रावधान किया जा चुका है।

दुनियाभर में कई देश Hong-Kong को लेकर चीन द्वारा उठाए जा रहा इन कदमों की निंदा कर रहे हैं। यहाँ तक कि one china policy को कूड़े में फेंकते हुए भारत भी Hong-Kong की स्थिति पर अपनी चुप्पी तोड़ चुका है और अपनी चिंता जता चुका है। जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजीव चंदर ने कहा था, ‘हम हाल की इन घटनाओं पर चिंता जताने वाले कई बयान सुन चुके हैं। हमें उम्मीद है कि संबंधित पक्ष इन बातों का ध्यान रखेंगे और इसका उचित, गंभीर और निष्पक्ष समाधान करेंगे।’

ताइवान, UK और USA जैसे देश Hong-Kongers के लिए शरण देने की व्यवस्था कर रहे हैं। हालांकि, चीनी प्रशासन Hong-Kong के कुछ लोगों पर आपराधिक मामला दर्ज कर उन्हें उड़ान भरने से भी रोक रहा है। Hong-Kong चीन की विस्तारवादी नीति का पहला शिकार है। अगर दुनिया जल्द ही नहीं जागी, तो चीन दक्षिण चीन सागर, पूर्वी चीनी सागर में भी ऐसे ही दावे मजबूत कर सकता है।

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