आखिरकार कई दिनों की मशक्कत के बाद कानपुर में आठ पुलिस अफसरों की हत्या कर फरार अपराधी विकास दुबे पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। विकास को उज्जैन में मध्य प्रदेश की पुलिस ने हिरासत में लिया है, और फिलहाल उसे उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंप दिया गया है।
परंतु, विकास दुबे की गिरफ्तारी के साथ-साथ उन लोगों की मंशाओं पर भी पानी फिर गया, जो यूपी सरकार को इस मुद्दे पर घेर कर अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेंकना चाहते थे। वामपंथी पत्रकारों के हाथों से मानो एक सुनहरा अवसर छिन सा गया। इन लोगों ने विकास दुबे के नाम पर काफी हवाई किले तैयार किए थे, जो विकास की गिरफ्तारी के साथ ही बुरी तरह ढह गए।
उदाहरण के लिए स्वाति चतुर्वेदी के ट्वीट को देखिये। अक्सर अपने विवादित ट्वीट्स के लिए सुर्खियों में रहने वाली स्वाति चतुर्वेदी ने कल रात यह कयास लगाया कि विकास अब तक नेपाल पहुँच चुका है, और उसके पकड़े जाने की उम्मीद बहुत कम है।
So apparently Vikas has managed to reach Nepal
— Swati Chaturvedi (@bainjal) July 8, 2020
वैसे ये वामपंथी पत्रकार तो यही चाहते थे कि विकास दुबे का एनकाउंटर हो जाये और इनके कनेक्शन भी सामने न पाए क्योंकि इनका कनेक्शन भी राजनीतिक पार्टियों से कम कोई है. कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो विकास दुबे का कनेक्शन समाजवादी पार्टी से भी रहा है ऐसे में रोहिणी सिंह का परेशान होना और खुद को तसल्ली देने के लिए ट्वीट करना तो बनता है न। इसी उद्देश्य से द वायर की स्टार पत्रकारों में से एक रोहिणी सिंह ने स्वाति की बातों का अनुमोदन करते हुए एक के बाद एक कई ट्वीट किए। पहली ट्वीट में मोहतरमा लिखती हैं, “जहां यूपी पुलिस वाले टोल बूथ पर पोस्टर चिपका उसे ढूंढ रहे थे, विकास दुबे आराम से फरीदाबाद के बीकानेरवाला में बैठकर खाना खा रहा था”।
While @Uppolice is trying to locate him by sticking his posters on toll booths, Vikas Dubey was merrily eating at Bikanerwala in Faridabad, Haryana.
— Rohini Singh (@rohini_sgh) July 8, 2020
इस पर स्वाति ने भी अपने सुवचन देते हुए ट्वीट किया, “रोहिणी, अभी एक आईएएस अफसर ने बताया कि प्रशासन हम दोनों के व्यवहार से बहुत रुष्ट है। पता नहीं क्यों”।
Hahaha. Rohini, just been told by a UP IAS official “we need to stop Rohini & Swati from exposing us” wonder why
— Swati Chaturvedi (@bainjal) July 8, 2020
इसके अलावा रोहिणी सिंह ने यूपी पुलिस का उपहास उड़ाते हुए ट्वीट लिखा, “विकास दुबे बिलकुल भी चपल नहीं है। जब वो साइकिल पर भागा तो पुलिस उसे पकड़ ही नहीं पाई। स्टेट बॉर्डर क्रॉस किया, और फिर हरियाणा से भी भाग निकला, और यूपी पुलिस बस टोल बूथ पर पोस्टर चिपकाती रह गई”।
Vikas Dubey isn’t the most athletic. He limps and has two rods installed in his legs. @Uppolice wasn’t able to catch him when he escaped on a bicycle. He crossed the state borders, reached Haryana and has again escaped @Uppolice that has been busy sticking his posters at tolls!
— Rohini Singh (@rohini_sgh) July 8, 2020
यही नहीं, जब स्वाति चतुर्वेदी ने कहा कि विकास दुबे का गिरफ्तार होना आवश्यक है, तो रोहिणी सिंह ने यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, “ऐसा शायद ही हो। सत्ता में बैठे शक्तिशाली लोग विकास के हाथों अपनी पोल नहीं खुलने देना चाहेंगे। तभी उसका एंकाउंटर कर दिया जाएगा”।
But precisely because powerful people don’t want the tales out is the reason why he may be ‘encountered’
— Rohini Singh (@rohini_sgh) July 8, 2020
अब ऐसे समय में हमारे राजदीप बाबू कैसे शांत बैठते? जनाब ने सुबह सुबह ही एक ‘धमाकेदार’ ट्वीट किया, “एक रिटायर्ड आईपीएस ऑफिसर के अनुसार बहुत मुश्किल है विकास दुबे का पकड़ा जाना, उसका एनकाउंटर ही होगा। वैसे भी वो बड़े लोगों के बहुत गहरे राज़ जानता है, और 6 दिन हो गए हैं 8 पुलिसवालों को मरे हुए। बस देखते रहिए!”
A retired IPS officer tells me: ‘It’s unlikely Vikas Dubey will be caught; he and associates will be mostly ‘encountered’, they know too many secrets about too many ‘big’ people’” well, it’s day 6 since the gangster escaped after killing 8 policemen. Watch this space!
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) July 9, 2020
पर इन सभी लोगों के उच्च विचार देखकर भगवान भी सोचे होंगे – ऐसे कैसे बच्चों? राजदीप के इस ट्वीट के लगभग आधे घंटे के अंदर अंदर ही सोशल मीडिया पर ये खबर वायरल हो गई कि विकास दुबे को हिरासत में लिया जा चुका है, और वामपंथी पत्रकारों के सारे किए कराये पर पानी फिर गया।
पर क्या इससे वामपंथी कोई सीख लेंगे? ऐसा सोचना भी हास्यास्पद है, और प्रमाण है रोहिणी सिंह का इस खबर पर ट्वीट, जहां वे लिखी हैं, “बड़े आराम से मिला, बड़े आराम से सरेंडर किया, ये बताता है कि कितनी निकृष्ट और भ्रष्ट है यूपी की पुलिस!” इनकी बातें धरी की धरी रह गईं पर यहां भी खुद को सही दिखाना है।
गौरतलब है कि जब विकास दुबे पकड़ा नहीं गया था तब ये यूपी पुलिस पर तंज कसने में व्यस्त थे और अब जब वो पकड़ा गया तब भी इनके लिए यूपी पुलिस किसी काम की नहीं। जबकि वास्तविकता तो ये है कि ये वामपंथी पत्रकार डरे हुए हैं कि कहीं विकास दुबे के राजनीतिक सम्बन्ध के इनके आकाओं की मुश्किलें न बढ़ जाए।