विकास दुबे मामले में लिबरल पत्रकारों ने अपने ट्वीट्स से अपनी ही कब्र खोदने का काम किया है

इनके reaction तो देखो जहरीला भी है और मज़ेदार भी

विकास दुबे

आखिरकार कई दिनों की मशक्कत के बाद कानपुर में आठ पुलिस अफसरों की हत्या कर फरार अपराधी विकास दुबे पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। विकास को उज्जैन में मध्य प्रदेश की पुलिस ने हिरासत में लिया है, और फिलहाल उसे उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंप दिया गया है।

परंतु, विकास दुबे की गिरफ्तारी के साथ-साथ उन लोगों की मंशाओं पर भी पानी फिर गया, जो यूपी सरकार को इस मुद्दे पर घेर कर अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेंकना चाहते थे। वामपंथी पत्रकारों के हाथों से मानो एक सुनहरा अवसर छिन सा गया। इन लोगों ने विकास दुबे के नाम पर काफी हवाई किले तैयार किए थे, जो विकास की गिरफ्तारी के साथ ही बुरी तरह ढह गए।

उदाहरण के लिए स्वाति चतुर्वेदी के ट्वीट को देखिये। अक्सर अपने विवादित ट्वीट्स के लिए सुर्खियों में रहने वाली स्वाति चतुर्वेदी ने कल रात यह कयास लगाया कि विकास अब तक नेपाल पहुँच चुका है, और उसके पकड़े जाने की उम्मीद बहुत कम है।

वैसे ये वामपंथी पत्रकार तो यही चाहते थे कि विकास दुबे का एनकाउंटर हो जाये और इनके कनेक्शन भी सामने न पाए क्योंकि इनका कनेक्शन भी राजनीतिक पार्टियों से कम कोई है. कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो विकास दुबे का कनेक्शन समाजवादी पार्टी से भी रहा है ऐसे में रोहिणी सिंह का परेशान होना और खुद को तसल्ली देने के लिए ट्वीट करना तो बनता है न। इसी उद्देश्य से द वायर की स्टार पत्रकारों में से एक रोहिणी सिंह ने स्वाति की बातों का अनुमोदन करते हुए एक के बाद एक कई ट्वीट किए। पहली ट्वीट में मोहतरमा लिखती हैं, “जहां यूपी पुलिस वाले टोल बूथ पर पोस्टर चिपका उसे ढूंढ रहे थे, विकास दुबे आराम से फरीदाबाद के बीकानेरवाला में बैठकर खाना खा रहा था”।

इस पर स्वाति ने भी अपने सुवचन देते हुए ट्वीट किया, “रोहिणी, अभी एक आईएएस अफसर ने बताया कि प्रशासन हम दोनों के व्यवहार से बहुत रुष्ट है। पता नहीं क्यों”।

इसके अलावा रोहिणी सिंह ने यूपी पुलिस का उपहास उड़ाते हुए ट्वीट लिखा, “विकास दुबे बिलकुल भी चपल नहीं है। जब वो साइकिल पर भागा तो पुलिस उसे पकड़ ही नहीं पाई। स्टेट बॉर्डर क्रॉस किया, और फिर हरियाणा से भी भाग निकला, और यूपी पुलिस बस टोल बूथ पर पोस्टर चिपकाती रह गई”।

यही नहीं, जब स्वाति चतुर्वेदी ने कहा कि विकास दुबे का गिरफ्तार होना आवश्यक है, तो रोहिणी सिंह ने यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, “ऐसा शायद ही हो। सत्ता में बैठे शक्तिशाली लोग विकास के हाथों अपनी पोल नहीं खुलने देना चाहेंगे। तभी उसका एंकाउंटर कर दिया जाएगा”।

अब ऐसे समय में हमारे राजदीप बाबू कैसे शांत बैठते? जनाब ने सुबह सुबह ही एक ‘धमाकेदार’ ट्वीट किया, “एक रिटायर्ड आईपीएस ऑफिसर के अनुसार बहुत मुश्किल है विकास दुबे का पकड़ा जाना, उसका एनकाउंटर ही होगा। वैसे भी वो बड़े लोगों के बहुत गहरे राज़ जानता है, और 6 दिन हो गए हैं 8 पुलिसवालों को मरे हुए। बस देखते रहिए!”

पर इन सभी लोगों के उच्च विचार देखकर भगवान भी सोचे होंगे – ऐसे कैसे बच्चों? राजदीप के इस ट्वीट के लगभग आधे घंटे के अंदर अंदर ही सोशल मीडिया पर ये खबर वायरल हो गई कि विकास दुबे को हिरासत में लिया जा चुका है, और वामपंथी पत्रकारों के सारे किए कराये पर पानी फिर गया।

पर क्या इससे वामपंथी कोई सीख लेंगे? ऐसा सोचना भी हास्यास्पद है, और प्रमाण है रोहिणी सिंह का इस खबर पर ट्वीट, जहां वे लिखी हैं, “बड़े आराम से मिला, बड़े आराम से सरेंडर किया, ये बताता है कि कितनी निकृष्ट और भ्रष्ट है यूपी की पुलिस!” इनकी बातें धरी की धरी रह गईं पर यहां भी खुद को सही दिखाना है।

गौरतलब है कि जब विकास दुबे पकड़ा नहीं गया था तब ये यूपी पुलिस पर तंज कसने में व्यस्त थे और अब जब वो पकड़ा गया तब भी इनके लिए यूपी पुलिस किसी काम की नहीं। जबकि वास्तविकता तो ये है कि ये वामपंथी पत्रकार डरे हुए हैं कि कहीं विकास दुबे के राजनीतिक सम्बन्ध के इनके आकाओं की मुश्किलें न बढ़ जाए।

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