Asia टेक किंग बनने के लिए तैयार है: भारत का JIO और जापान का Rakuten 5G तकनीक के लिए वैश्विक दौड़ का नेतृत्व करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं

चीनी टेक को बाय-बाय!

Jio

जैसे-जैसे दुनिया 5 जी तकनीक की ओर अग्रसर है, वैसे वैसे एशिया दुनिया का इंटरनेट किंग बनता जा रहा है।  कोई भी अब Huawei की बात नहीं कर रहा है और न ही किसी अन्य चाइनीज़ टेक की बात कर रहा है। यहां बात हो रही है दो प्रमुख टेक / टेलीकॉम दिग्गजों की- भारत की रिलायंस जियो और जापान के Rakuten कंपनी की।

सच कहें तो गैर-चीनी फर्मों की दौड़ में ये दोनों सबसे आगे चल रहे हैं। रिलायंस जियो और Rakuten दोनों ही ऐसे कंपनी हैं जो चीनी उपकरणों से मुक्त होने का दावा करते हैं। इनका कहना है कि 5g तकनीक के मामले में इनके इक्विपमेंट्स स्वदेशी हैं। आज पूरी दुनिया चीनी सामानों के प्रभाव से मुक्त होना चाहती है खासकर अमेरिका ऐसे में Jio और Rakuten, ये दोनों टेलीकॉम सबसे बेहतरीन विकल्प हैं और 5G तकनीक पर ये तेजी से काम कर रहे हैं।

हाल ही में रिलायंस की 43वीं वार्षिक आम सभा में कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने अपने बहुप्रतीक्षित 5जी नेटवर्क की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि “सरकार की ओर से 5जी सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम का ऐलान होते ही जियो 5जी सेवाओं को ट्रायल के लिए शुरू कर दिया जाएगा। जियो का 5जी सोल्यूशन दूसरी टेलीकॉम कंपनियों को उपलब्ध कराया जाएगा।” 

जियो का 5जी नेटवर्क अपने आधिकारिक लॉन्च से पहले ही कितना लोकप्रिय हो चुका है, इसका अंदाज़ा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि स्वयं अमेरिकी प्रशासन इससे काफी प्रभावित हुआ है। इसी वर्ष जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारत आए थे तो मुकेश अंबानी ने उन्हें बताया था कि उनकी कंपनी में एक भी चीनी पार्टी नहीं है। यह सुनने के बाद ट्रम्प ने मुकेश अंबानी की तारीफ़ करते हुए कहा था “अरे वाह! यह तो बहुत अच्छा है”।

Rakuten मोबाइल का उदय समान रूप से अभूतपूर्व रहा है। जापानी टेक दिग्गज 5 जी तकनीक में क्रांति लाना चाहता है। यह पहले ही जापान में अपने प्रतिद्वंद्वियों द्वारा लगाए गए लगभग आधे दामों पर 4 जी सेवाओं की शुरुआत कर चुका है। Rakuten भी अपनी 5G सेवाओं को किकस्टार्ट करना चाहता था, लेकिन कोरोनावायरस महामारी के कारण इसमें देरी हो गयी। गैर-चीनी फर्मों की दौड़ में अग्रणी होने के कारण, यह चीन के Huawei से बेहतर विकल्प सिद्ध हो सकता है।

Jio और Rakuten दोनों ही कुछ ऐसे Telecome कंपनियां हैं जो चीनी उपकरणों से पूरी तरह मुक्त होने का दावा कर सकती हैं जहां तक 5G तकनीक का संबंध है। एक ऐसे युग में जिसमें सामान्य रूप से स्वतंत्र दुनिया और विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका खुद को चीनी प्रभाव से बचाना चाहता है, स्वदेशी तकनीक अपने आप में सबसे बड़ा फायदा है। अन्यथा, Jio और Rakuten ने 5G तकनीक में काफी प्रगति की है।

अब एक ओपेन RAN सिस्टम में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के उपकरण मूल RAN सिस्टम के मुक़ाबले अलग अलग लगाए जाते हैं। ऐसा आवश्यक नहीं है कि सभी उपकरण एक ही सप्लायर से आए, जिसके कारण एक ओपेन RAN सिस्टम में अधिक flexibility और अधिक कॉम्पटिशन होता है। इसीलिए Rakuten और जियो ने अमेरिकी टेक कंपनियाँ जैसे सिस्को, एयरस्पैन और मैवनीर के साथ संबंध स्थापित किए हैं, और इसीलिए 5जी तकनीक के परिप्रेक्ष्य में Rakuten और Jio आने वाले समय में तगड़े खिलाड़ी बन सकते हैं।

परंतु बात सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है। डोनाल्ड ट्रम्प Huawei के एक असरदार विकल्प के लिए दुनिया की खाक छानते फिर रहे हैं। परंतु अमेरिकी कंपनियाँ इस दिशा से कोसों दूर हैं, और ट्रम्प उनकी प्रतीक्षा नहीं कर सकते। इसीलिए वे ऐसा विकल्प चाहते थे, जो न केवल असरदार हो, बल्कि किफ़ायती हो और चीन के प्रभाव से हर तरह से मुक्त हो। इसीलिए इस परिप्रेक्ष्य में जापानी Rakuten और भारतीय Jio की अहमियत और अधिक बढ़ जाती है, क्योंकि वे न केवल उच्च गुणवत्ता का वचन देते हैं, बल्कि उनमें किसी भी प्रकार का चीनी उपकरण मौजूद नहीं है।

परंतु ऐसा नहीं है कि कोई और कंपनी ऐसी सुविधा नहीं प्रदान कर सकती। स्वीडन में स्थित एरिक्सन और फ़िनलैंड स्थित नोकिया कंपनी ये सुविधाएं प्रदान कर सकती है, परंतु न तो वे एशियाई मार्केट की मांगों को पूरा कर सकती है, और न ही वे चीनी उपकरणों से मुक्त कंपनियाँ। इकोनॉमिक टाइम्स से बातचीत के दौरान भारत सरकार द्वारा नियुक्त 5जी पैनल के प्रमुख ने बताया, “हमें इस बात पर यकीन नहीं है कि यूरोपीय कंपनी [नोकिया और एरिक्सन] चीन के प्रभाव से मुक्त हैं। वे Huawei जैसे भी हो सकते हैं”।

लेकिन सच कहें तो 5जी तकनीक के अलावा भी जियो और Rakuten के पास ऐसे कई विकल्प हैं, जिससे वे आधुनिक तकनीक के भावी सम्राट बन सकते हैं। दोनों ही ई कॉमर्स में अपना भाग्य आजमा रहे हैं, और Rakuten तो अपने आप में जापानी ई कॉमर्स के सबसे दमदार खिलाड़ियों में से एक है। इसके अलावा जियो ने फेसबुक से एक अहम साझेदारी की है, जिसके अंतर्गत रिलायंस जियो देश के 3 करोड़ से अधिक किराना दुकानों से जुड़ने का प्रयास करेगा, जिसमें व्हाट्सएप उसकी सहायता करेगा।

ऐसे में आने वाले समय में Rakuten और जियो तकनीक के सम्राट बन सकते हैं, क्योंकि एक बार 5जी उनकी मुट्ठी में आ गया, तो फिर दिल्ली दूर नहीं। एक समय अमेरिका विश्व तकनीक का बादशाह हुआ करता था, परंतु वे 5जी पर अपनी पकड़ नहीं बना पाये। लेकिन अब जिस तरह से Rakuten और रिलायंस जियो ई कॉमर्स, टेलिकॉम और इन्टरनेट पर अपनी पकड़ बना रहे हैं, उससे आने वाले समय में एशिया तकनीक का चक्रवर्ती सम्राट बन सकता है।

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