जिस वंशवाद और अकर्मण्यता के लिए बॉलीवुड को दबी ज़ुबान में निशाने पर लिया जाता था, आज सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के कारण उसपर खुलकर चर्चा भी हो रही है, और दोषियों पर जमकर निशाना साधा भी जा रहा है। इसी कड़ी में अभिनेत्री कंगना रनौत का इंटरव्यू काफी अहम माना जा रहा है, जहां उन्होंने वंशवाद पर अपने विचार साझा करते हुए करण जौहर और महेश भट्ट जैसे बॉलीवुड के ठेकेदारों की पोल खोलकर रख दी।
इसमें कोई दो राय नहीं है कि कंगना रनौत सुशांत की मृत्यु को आत्महत्या मानने को तैयार नहीं है और उन्होंने इसकी निष्पक्ष जांच कराने की मांग भी की है। इसी मामले में जब अर्नब गोस्वामी ने रिपब्लिक टीवी पर कंगना का साक्षात्कार लिया, तो कंगना ने बॉलीवुड की कलई खोलते हुए कई ऐसी बातें साझा की, जिससे बॉलीवुड में योग्यता को मिलने वाले सम्मान पर एक बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा हो जाता है।
कंगना रनौत ने कई लोगों को निशाने पर लिया, चाहे वो जावेद अख्तर हो, या फिर यश राज फिल्म्स के मालिक आदित्य चोपड़ा। लेकिन जिस व्यक्ति की उन्होंने धज्जियां उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, वे थे फिल्म निर्माता और निर्देशक महेश भट्ट, जिन्हें सुशांत की अवस्था की तुलना परवीन बाबी से करने के लिए सोशल मीडिया पर गुस्से का शिकार होना पड़ रहा है।
कंगना रनौत ने अर्नब से अपने साक्षात्कार में बताया, “हाँ मैं बहुत आभारी हूँ कि महेश भट्ट ने मुझे बॉलीवुड में लॉंन्च किया, पर इसका मतलब ये नहीं है कि वे मुझे चप्पल मारें या फिर भद्दी भद्दी गालियां दें। मैंने इसलिए उनकी एक फिल्म को ना कहा क्योंकि उसमें एक सुसाइड बॉम्बर का महिमामंडन किया जा रहा था [यहाँ कंगना का इशारा पूजा भट्ट द्वारा निर्देशित फिल्म ‘धोखा’ की ओर था]। इसके लिए वो मुझे चप्पलों से मारने वाले थे, कि तभी उनकी बेटी ने किसी तरह उन्हें रोक लिया”। यदि ये बात शत प्रतिशत सत्य है, तो फिर ये बातें सिद्ध करती हैं कि आखिर क्यों महेश भट्ट बॉलीवुड उद्योग पर वो कलंक है, जिसे मिटाये नहीं मिटाया जा सकता। कंगना ने ये भी कहा कि यदि वे अपने दावों को सिद्ध नहीं कर पाईं, तो वे अपना पद्म श्री पुरस्कार तक लौटाने के लिए तैयार हैं।
कंगना ने ये जवाब पूजा भट्ट के उस ट्वीट के उपलक्ष्य में दिया था जहां उन्होंने कहा कि कंगना को शुक्र गुज़ार होना चाहिए कि उनके पिता महेश भट्ट, और मुकेश भट्ट जैसे लोगों ने उन्हें मौका दिया। पर कंगना वहीं पर नहीं रुकी। उन्होंने तो आलिया भट्ट तक को नहीं छोड़ा। कंगना ने बॉलीवुड अवार्ड की सार्थकता पर निशाना साधते हुए कहा, “ये अवार्ड्स केवल उन्हीं को दिये जाते हैं, जो या तो समय पर पहुँच जाये, या फिर बॉलीवुड परिवारों की जी हुज़ूरी करें। ‘गली बॉय’ जैसी औसत फिल्म और उसमें औसत दर्जे की अदाकारी के लिए आलिया भट्ट जैसों को फिल्मफेयर अवार्ड्स दिये गए, जबकि सुशांत सिंह राजपूत की शानदार फिल्म ‘छिछोरे’ को एक भी पुरस्कार नहीं मिला”।
कंगना रनौत का निशाना शायद बिलकुल सटीक लगा, क्योंकि कुछ ही समय बाद आलिया भट्ट ने बिना कंगना रनौत का नाम लिए अपने इन्स्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट डाला, “सच तो सच है, चाहे कोई न यकीन करे। झूठ तो झूठ होता है, क्योंकि सब उसपर यकीन करते हैं”।
कंगना रनौत के समर्थन में यूट्यूब चैनल Tried and Refused Productions ने भी इन मुद्दों पर प्रकाश डाला और बताया कि कैसे कंगना की बातों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। जब कंगना ने करण जौहर द्वारा ड्राइव को न रिलीज़ करने का मुद्दा उठाया, तो उसपर इसी चैनल द्वारा प्रकाशित वीडियो में करण जौहर का वो क्लिप भी दिखाया गया, जहां उन्होंने अकड़ते हुए कहा कि यदि कंगना को समस्या है तो वो छोड़ दे इस इंडस्ट्री को। इसमें ये भी बताया गया कि कैसे करण जौहर समस्या को स्वीकारने के बजाए उसका उपहास उड़ाते हैं और समस्या बताने वालों को ‘विक्टिम कार्ड’ खेलने का आरोप लगाते हैं।
सच कहें तो कंगना रनौत ने एक बार फिर सिद्ध किया है कि कैसे बॉलीवुड का एलीट वर्ग आज भी इस फिल्म उद्योग को अपनी निजी जागीर समझ कर यहां गलत लोगों को बढ़ावा देता है, और किस तरह से प्रतिभावान अभिनेताओं को सिर्फ इसलिए उनके ‘क्लब’ में जगह नहीं मिलती, क्योंकि वे बाहरी हैं।