“ये कानून से ऊपर हैं क्या?” सुशांत को न्याय दिलाने के लिए स्वामी ने खोला तीनों खानों के खिलाफ मोर्चा

खान बनाम स्वामी!

स्वामी

(PC: Shortpedia)

सुशांत सिंह राजपूत की आकस्मिक मृत्यु के बाद से ही उनके प्रशंसक, सिनेमा प्रेमी और कई प्रमुख हस्तियाँ न्याय के लिए अभियान चला रहे हैं। वे चाहते हैं कि जिन लोगों के कारण सुशांत सिंह राजपूत को आत्महत्या करने के लिए विवश होना पड़ा हो, उनके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो। इसी बीच प्रख्यात अधिवक्ता एवं राजनीतिज्ञ सुब्रमण्यम स्वामी भी इस अभियान में हिस्सा लेने के लिए सामने आए हैं, और उन्होने सुशांत सिंह राजपूत के लिए त्वरित न्याय की मांग भी की है।

सुब्रमण्यम स्वामी ने हाल ही में ट्वीट किया, “बॉलीवुड के तीन ‘बाहुबली’ सलमान खान, शाहरुख खान और आमिर खान सुशांत सिंह राजपूत के कथित सुसाइड मामले पर चुप क्यों हैं?” –

बता दें कि तीनों खान में से सलमान और शाहरुख खान पर सुशांत सिंह राजपूत को अपमानित करने के आरोप लगे हैं। जहां शाहरुख खान द्वारा मज़ाक के नाम पर सुशांत को अपमानित करने वाली IIFA अवार्ड्स की एक वीडियो सोशल मीडिया पर कुछ वक्त पहले वायरल हुई थी, तो वहीं सलमान खान पर सूरज पंचोली और सुशांत सिंह राजपूत के बीच हुई झड़प पर सूरज का पक्ष लेकर सुशांत को हड़काने तक का आरोप लगा है।

परंतु सुब्रमण्यम स्वामी वहीं पर नहीं रुके। उन्होने आगे ट्वीट किया, “तीनों खान बाहुबलियों की भारत और विदेशों, खासकर दुबई में मौजूद संपत्ति की जांच की जानी चाहिए। किसने उन्हें बंगले गिफ्ट किए? कैसे उन्होंने यह संपत्ति खरीदी? ईडी की एसआईटी, आईटी और सीबीआई द्वारा इसकी जांच होनी चाहिए। क्या वे कानून से ऊपर हैं?” –

सुब्रमण्यम स्वामी के इस आह्वान को ट्विटर पर अभी से बढ़िया समर्थन मिलने लगा है। एक यूजर के अनुसार, “जब संजय दत्त जेल गए तो वे सभी (बॉलीवुड स्टार्स) उनके सपोर्ट में आए थे और अब जब उनके बीच में से एक सुशांत सिंह राजपूत की मौत हो गई तो कोई कुछ नहीं बोलता। लानत है पूरी बॉलीवुड गैंग पर” –

इतना ही नहीं, सुब्रमण्यम स्वामी ने पहले भी इस मामले की सीबीआई जांच में अपनी रुचि दिखाई है। सुब्रह्मण्यम स्वामी के ट्वीट के अनुसार, “मैंने अपने वकील, इश्करन सिंह भण्डारी से कहा है कि वे इस केस की हर पहलू से जांच कराये, और ये देखें कि इसमें सीबीआई जांच की कोई गुंजाइश है” –

इसके अलावा सुब्रमण्यम स्वामी ने इस केस के पहलुओं का विश्लेषण करते हुए एक ट्वीट किया, “फिलहाल ईशकरण यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या इस मामले में आर्टिकल 21 के साथसाथ आईपीसी के सेक्शन 306 या 308 लागू होते हैं”।

सच कहें तो सुब्रमण्यम स्वामी के इस केस में कदम रखने से अब कई लोगों के रातों की नींद उड़ सकती है, क्योंकि सुब्रमण्यम स्वामी जिस चीज़ के पीछे पड़ जाते हैं, वे उसे अंजाम तक पहुंचा के ही छोड़ते हैं। चाहे वो जयललिता के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति वाला मामला हो, या फिर सेतुसमुन्द्रम प्रोजेक्ट के नाम पर श्री राम सेतु को तोड़े जाने से बचाने का अभियान हो, सुब्रह्मण्यम स्वामी ने अपने विरोधियों को कहीं का नहीं छोड़ा है। ऐसे में सुशांत सिंह राजपूत का केस सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा संभाला जाना बॉलीवुड के एलीट वर्ग के लिए किसी दुस्वप्न से कम नहीं होगा।

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