चीन को अगर घोटालों का देश कहा जाये, तो इसमें किसी को कोई परेशानी नहीं होगी। चीन में सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य इतने बड़े पैमाने पर घोटाले करते हैं कि चीन की अर्थव्यवस्था को सालों तक उन घोटालों का बोझ उठाना पड़ता है। इसी कड़ी में अब चीन में सोना घोटाला सामने आया है जहां एक CCP सदस्य की कंपनी को 16 बिलियन युआन के फर्जीवाड़े में रंगे हाथों पकड़ा गया है। दरअसल, पिछले कुछ सालों में चीन के हुबई प्रांत की सबसे बड़ी प्राइवेट ज्यूलरी कंपनी Kingold ने अपने 83 टन “सोने” को अलग-अलग ऋणदाताओं के पास गिरवी रख करीब 16 बिलियन युआन का कर्ज़ उठाया था। अब जांच होने के बाद यह सामने आया है कि वह 83 टन सोना असल में सोना था ही नहीं, बल्कि वह कॉपर था जिसपर सोने की परत चढ़ाई गयी थी।
यह सोना घोटाला हाल ही के इतिहास का सबसे बड़ा सोना घोटाला बताया जा रहा है, क्योंकि 83 टन सोना चीन के सालाना सोने उत्पादन के 22 प्रतिशत हिस्से के बराबर है। इसके अलावा 83 टन सोना चीन के कुल Gold Reserve के 4 प्रतिशत हिस्से के बराबर है। ऐसे में इस “सोना घोटाले” के सामने के आने के बाद इस बात का डर भी बढ़ गया है कि चीन के कुल Gold reserve का 4 प्रतिशत हिस्सा नकली हो सकता है। Kingold कंपनी के मालिक Jia को इस घोटाले का सबसे बड़ा फायदा मिला, जिसने कॉपर के बदले बैंकों से 16 बिलियन युआन का कर्ज़ उठा लिया।
बाद में जिसकी उम्मीद थी, हुआ भी वही। Kingold ने कर्ज़ चुकाने में आनाकानी की और ऋणदाताओं को गिरवी रखे सोने को बेचने की प्रक्रिया शुरु करनी पड़ी। इस साल फरवरी में चीन के एक बैंक Dongguan Trust ने जैसे ही Kingold के सोने को बेचने की कोशिश की, जांच के बाद पता चला कि वह तो कॉपर है। इस खबर के सामने आने के बाद Kingold के अन्य ऋणदाताओं की भी सिट्टी-पिट्टी गुल हो गयी। जब उन्होंने भी Kingold द्वारा गिरवी रखे सोने की जांच की, तो पता चला कि वे तो कई महीनों से कॉपर का बोझ उठा रहे थे।
Kingold चीन की सबसे ताकतवर कंपनी में से एक है, जिसके चीनी सेना PLA से बेहद नजदीकी संबंध हैं। इसके कारण Kingold को चीन में कुछ भी करने की छूट मिली हुई है। Bank इस कंपनी को लोन देने से मना नहीं कर सकते और इस घोटाले के सामने आने के बाद भी शायद ही इस कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाये। Kingold ने फिलहाल इस घोटाले में शामिल होने से साफ इंकार कर दिया है। इसी के साथ इस कंपनी की जवाबदेही भी समाप्त हो गयी है।
हालांकि, घोटालों के देश में यह पहली बार नहीं है जब इस तरह का घोटाला सामने आया हो। वर्ष 2016 में भी हुनान प्रांत के करीब शांकजी प्रांत में एक ऐसा ही सोना घोटाला सामने आया था जहां 16 बिलियन युआन के सोने का फर्जीवाड़ा किया गया था जिसमें एक कंपनी ने टंगस्टन की प्लेट्स पर सोने की परत चढ़ाकर उसके बदले लगभग ढाई बिलियन US डॉलर का लोन ले लिया। चीन CCP के राज वाला ऐसा देश हैं जहां जमकर भ्रष्टाचार किया जाता है। Transparency international की 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक करप्शन के मामले में चीन का वैश्विक रैंक 87 है। इसी करप्शन इंडेक्स में भारत का रैंक 78 है। हालांकि, चीन में जारी असल भ्रष्टाचार का पता लगाना बेहद मुश्किल है क्योंकि चीन के सरकारी विभाग अपने प्रदर्शन को लेकर किसी के प्रति जवाबदेह नहीं होते हैं।
ऐसे में जांच के बाद चीन के बाकी 96 प्रतिशत gold reserve का कुछ हिस्सा ही नकली पाया जा सकता है। जब तक चीन में CCP का राज़ है, तब तक हमें चीन से ऐसी ही खबरें देखने को मिलती रहेंगी। चीन के उत्थान का एक ही रास्ता है- चीन से CCP का सफाया!