यदि किसी को ऐसा लगता है कि कुछ दिनों में सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के पश्चात बॉलीवुड के वंशवाद पर बढ़ रहा दबाव ठंडा पड़ सकता है, तो ऐसा बिलकुल नहीं है। एक एक करके बॉलीवुड के एलीट वर्ग की पोल खुलती चली जा रही है, और अब बॉलीवुड को निशाने पर लिया है नौसेना अफसर और प्रख्यात लेखक, लेफ़्टिनेंट कमांडर हरिन्दर सिक्का ने।
WION से बातचीत करते वक्त हरिन्दर सिक्का ने बताया कि कैसे उनके साथ बॉलीवुड ने विश्वासघात किया। राज़ी से जुड़े अपने अनुभव को साझा करते हुए लेफ्टिनेंट कमांडर हरिन्दर ने कहा, “मेघना गुलजार [राज़ी की फ़िल्मकार] ने मेरे और मेरे पुस्तक के साथ विश्वासघात किया। जब फिल्म का प्रिव्यू रखा गया, तो मुझे बुलाया तक नहीं गया। मेघना ने वादा किया था कि वे मुझे बुलाएंगी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्होंने मेरी फिल्म का मूल संदेश ही बदल दिया था, और वे जानती थी कि अगर वे मुझे दिखाती तो मैं उसका विरोध करता”। बता दें कि मेघना गुलज़ार ने लेफ्टिनेंट कमांडर हरिन्दर सिक्का की पुस्तक ‘कॉलिंग सहमत’ के आधार पर अपनी सफलतम फिल्म ‘राज़ी’ बनाई, जिसमें आलिया भट्ट ने मुख्य भूमिका निभाई थी।
पर हरिन्दर सिक्का यहीं पर नहीं रुके, उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि मेघना गुलज़ार और उनके पीछे सक्रिय बॉलीवुड माफिया ने ये सुनिश्चित किया कि ‘राज़ी’ के लिए उन्हें किसी प्रकार का श्रेय न मिले। लेफ्टिनेंट कमांडर सिक्का ने यह भी कहा कि मेघना गुलज़ार के इशारों पर न तो उन्हे ‘राज़ी’ से संबधित कॉन्फ्रेंस में शामिल किया गया, और उन्हें जयपुर साहित्य महोत्सव 2019 में घुसने से भी रोकने का प्रयास किया गया।
इसके पीछे लेफ्टिनेंट कमांडर हरिन्दर सिक्का बताते हैं कि शायद ये इसलिए भी हो सकता है, क्योंकि उन्होंने राज़ी के प्रदर्शित होने पर कहा था कि मेघना कुछ भी कर ले, पर उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार नहीं मिलेगा। “मेघना ने राज़ी में एक ऐसा पाप किया जिसके कारण उन्हे राष्ट्रीय पुरस्कार सही मायनों में नहीं मिला। कहानी को सही से पर्दे पर उतारना उतना ही कठिन होता है, जितना एक माँ का अपने बच्चे को पाल पोसकर बड़ा करना। यदि आप कहानी के साथ अन्याय करते हैं, तो आप एक माँ को उसके घर से ही बेदखल कर देते हैं, और मेरे मायने में इससे बड़ा कोई पाप नहीं हो सकता”।
पर लेफ्टिनेंट कमांडर हरिन्दर सिक्का आखिर किस पाप की बात कर रहे थे, जिसके कारण वे मेघना गुलजार को निशाने पर ले रहे हैं? इसका जवाब कई महीनों पहले स्वयं उन्होंने अपने ट्वीट में दिया है। उनके ट्वीट के अनुसार, “आप लोग कॉलिंग सहमत पढ़िये। मूल किरदार एक हारी हुई, हताश औरत की तरह नहीं वापिस लौटी। उसने भारत के तिरंगे को सलामी दी, और बैंड ने राष्ट्रगान भी बजाया, जबकि फिल्म में ऐसा कुछ भी नहीं दिखाया गया। मेघना ने मुझसे वादा किया कि वे मूल कथा से समझौता नहीं करेंगी। पर उन्होंने मुझे धोखा दिया। आज भी दुख होता है”।
Pls read Calling Sehmat. She didn’t return as depressed woman. Instead,she saluted Tri-colour. Band played National anthem.
Raazi shud hv got National Awards, become folklore.
Meghna had promised she wouldn’t tinker. I felt back stabbed.
It still hurts. https://t.co/BG9Uu6ggGe
— Harinder S Sikka (@sikka_harinder) April 26, 2020
लेफ्टिनेंट कमांडर हरिन्दर सिक्का गलत भी नहीं है, क्योंकि फिल्म को पाकिस्तान विरोधी न दिखाने के लिए मेघना गुलजार ने मूल पुस्तक ‘कॉलिंग सहमत’ के क्लाइमैक्स के साथ बहुत बुरा खिलवाड़ किया। मूल पुस्तक के अनुसार सहमत खान न केवल एक देशभक्त थी, बल्कि वह सनातन संस्कृति का सम्मान भी करती थी और वह युद्ध खत्म होने के पश्चात सिख धर्म को अपनाया था।
लेकिन राज़ी की कहानी ने पूरा का पूरा मतलब ही बदल दिया, और भारतीय सेना की एक नकारात्मक छवि दिखाने का प्रयास किया। यदि लेफ्टिनेंट कमांडर हरिन्दर सिक्का की बातें शत प्रतिशत सत्य है, तो ये एक अक्षम्य अपराध है, जिसके लिए बॉलीवुड और मेघना गुलजार जैसे लोगों को कभी क्षमा नहीं किया जा सकता। ऐसे में अब मेघना गुलज़ार का अगला प्रोजेक्ट भी संदेह के घेरे में है, क्योंकि जब एक पुस्तक के साथ ऐसा किया जा सकता है, तो राम जाने वे फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ को कैसे पर्दे पर दिखाएंगी!