‘चीन का डर से कलेजा फट रहा है’, क्योंकि अब अमेरिका ताइवान को सैन्य रूप से सशक्त बना रहा है

ये बहुत आवश्यक था!

ताइवान

PC: Voice of America

चीन के बढ़ते प्रभाव को कम करने और उसे काबू में करने के लिए अमेरिका चीन का प्रखर विरोध करने वाले देशों को और मजबूत बनाने में लगा हुआ है। इन्हीं देशों में ताइवान का नाम सबसे ऊपर आता है। अब एक नई खबर के अनुसार अमेरिका ने ताइवान के लिए सतह से हवा में मार करने वाली पैट्रियाट मिसाइलों के विकास के लिए 620 मिलियन डॉलर के पैकेज को मंजूरी दी है। इससे पहले अमेरिका ने ताइवान को 180 मिलियन अमेरिकी डॉलर में 18 MK-48 Mod6 टॉरपीडो और संबंधित उपकरणों की बिक्री को मंजूरी दी थी। अमेरिका शुरू से ही Taiwan को चीन के खिलाफ मजबूत कर रहा है और इसी बात से चीन बुरी तरह से चिढ़ा हुआ है। अब ग्लोबल टाइम्स ने सीधे तौर पर ताइवान और यूएस को आग से न खेलने की चेतावनी दे डाली है।

बता दें कि अधिकांश देशों की तरह, अमेरिका का भी ताइवान के साथ कोई आधिकारिक राजनयिक संबंध नहीं है, लेकिन आमेरिका ताइवान को आत्मरक्षा प्रदान करने के लिए हथियार की आपूर्ति करता है।

दरअसल, चीन के बढ़ते आक्रामकता को देखते हुए ताइवान ने अपनी सेना को मजबूत करना शुरू कर दिया है और इसमें उसकी सहायता अमेरिका कर रहा है। कुछ दिनों पहले चीन ने Taiwan की सीमा में अपने लड़की विमानों को भेजा था। इससे ताइवान के साथ साथ अमेरिका भी चौकन्ना हो गया है और Taiwan की हरसंभव मदद कर रहा है। पैट्रियाट मिसाइलों को मंजूरे देने के बाद अमेरिका ने कहा कि अमेरिकी मिसाइलों के विकास का जिम्‍मा लॉकहीड मार्टिन के पास होगा। अमेरिकी विदेश विभाग ने गुरुवार को कहा कि ताइवान ने अपने पैट्रियट मिसाइलों को अपग्रेड करने के लिए कोम्पोनेंट्स को खरीदने का अनुरोध किया था जिससे इन मिसाइलों को 30 वर्षों तक संचालित किया जा सके। ट्रम्प प्रशासन ने Taiwan के लिए अब तक 7 बार हथियारों की बिक्री की है जो अमेरिका का ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा सुरक्षा से जुड़े महत्व को पूरी तरह से प्रदर्शित करता है।

बता दें कि अमेरिका की पैट्रियॉट एडवांस्ड कैपेबिलिटी – 3 (PAC-3) मिसाइल दुनिया की सबसे बेहतरीन डिफेंस सिस्टम में से एक है। यह मिसाइल डिफेंस सिस्टम दुश्मन की ओर से आने वाली किसी भी प्रकार की मिसाइल यानि बैलेस्टिक मिसाइल या क्रूज मिसाइल तथा Fighter Jets को देखते ही नष्ट करने में सक्षम है।

इससे पहले अमेरिका ने ताइवान को 180 मिलियन डॉलर की लागत वाले 18 MK-48 Mod6 उन्नत प्रौद्योगिकी हैवी वेट टॉरपीडो और उससे संबंधित उपकरण Taiwan को देने की ऐलान किया था।

इसी वर्ष जून महीने में अमेरिकी सांसद जोश हॉले ने ताइवान डिफेंस एक्ट नाम से एक विधेयक पेश किया था। इस विधेयक के अंतर्गत ताइवान पर चीन के हमले की स्थिति में अमेरिका न केवल हस्तक्षेप करेगा, बल्कि Taiwan की सक्रिय रूप से मदद भी करेगा।

अमेरिका ने इससे पहले भी ताइवान को कई प्रकार के हथियार दे कर उसे मजबूत बनाया है। पिछले वर्ष अमेरिका ने 10 बिलियन डॉलर के हथियारों की बिक्री को मंजूरी दी थी। इसमें दर्जनों F-16 फाइटर जेट, M1A2T एब्राम टैंक और पोर्टेबल स्टिंगर एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल शामिल हैं।

पिछले वर्ष भी ताइवान के अनुरोध के बाद अमेरिका ने 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत वाले हथियारों के सौदे को मंजूरी दे दी थी। इस सौदे में 108 जनरल डाइनामिक्स कॉर्प M1A2T अबराम टैंक और 250 स्टिंगर मिसाइल हैं। इससे पहले ट्रम्प प्रशासन ने ताइवान को 66 F-16 लड़ाकू विमानों की बिक्री को मंजूरी दी थी जिसकी लागत 8 बिलियन डॉलर थी।

चीन को मार्च महीने में सबसे बड़ा झटका तब लगा था जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने TAIPEI कानून पर अपने हस्ताक्षर किए थे। इस कानून के बनने के बाद अब अगर कोई भी देश चीन के दबाव में ताइवान के साथ अपने रिश्तों को खराब करेगा तो उसके खिलाफ अमेरिका प्रतिबंध लगाने जैसे कड़े कदम भी उठा सकेगा।

यानि देखा जाए तो अमेरिका अब चीन को सबक सीखने के लिए Taiwan को हरसंभव मदद कर रहा है, जिससे चीन ताइवान पर हमला न कर सके और अगर कोशिश करे भी तो उसे मुंह तोड़ जवाब मिले।

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