अमेरिका चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों को अमेरिका में प्रवेश करने से पूरी तरह से प्रतिबंधित करने वाला है

इस खबर से चीन की आम जनता में ख़ुशी की लहर है

अमेरिका

अमेरिका एक के बाद एक कर चीन को चारों तरफ से घेर चुका है। चीनी मीडिया के पंख कतरने के बाद अब ट्रम्प प्रशासन एक ऐसे मसौदे पर विचार-विमर्श कर रहा है, जिसके तहत, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के सदस्यों और उनके परिवार के सदस्यों को अमेरिका में प्रवेश करने से ही रोक दिया जाएगा।

अगर अमेरिका में यह मसौदा लागू होता है तो इस आदेश के तहत लगभग 92 मिलियन CCP सदस्यों के खिलाफ अमेरिका में घुसने पर प्रतिबंध लग जाएगा। द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार इस कदम से चीन प्रतिशोधात्मक कदम भी उठा सकता है।

व्हाइट हाउस में विचार-विमर्श की स्थिति से गुजर रहा यह मसौदा, अगर वास्तविकता में बदल जाता है, तो प्रभावी रूप से यह अमेरिका-चीन संबंधों की ताबूत में आखिरी कील साबित होगा।

इससे अमेरिका में CCP के सदस्यों और उनके परिवारों के वीजा को भी रद्द किया जा सकता है। इसी के साथ चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सदस्यों और चीनी सरकार के स्वामित्व वाले उद्यमों से जुड़े लोगों पर भी प्रतिबंध लगाने पर चर्चा चल रही है। अमेरिकी विदेश मंत्री, माइक पोम्पिओ से जब इस बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि ट्रम्प प्रशासन चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को पीछे धकेलने की सभी योजना पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा, हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम इसे अमेरिका की परंपरा के तहत करें। कई मुद्दे विचारधीन हैं जिस पर राष्ट्रपति और हमारी टीम द्वारा समीक्षा की जा रही है।

इसी तरह, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव Kayleigh McEnany ने एक ब्रीफिंग में राष्ट्रपति ट्रम्प के बारे में कहा, उन्होंने चीन के संबंध में किसी भी कार्रवाई को करने से इनकार नहीं किया है।

CCP के खिलाफ संभावित कदमों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चीन ने कहा है कि, हमें उम्मीद है कि अमेरिका ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगा जिससे अंतरराष्ट्रीय संबंधों में खटास आए और उसकी प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता में कमी आए। इसके अलावा, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता Hua Chunying ने प्रस्तावित प्रतिबंध को “बहुत दयनीय” करार दिया।

यहाँ यह नहीं भूलना चाहिए कि सीसीपी के सदस्य, दुनिया भर के कम्युनिस्टों की तरह, लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए अपने ही देश में पैसे कमाने का ढोंग करते हैं, जबकि विदेशों में धन जमा करते हैं। यही नहीं CCP के सदस्यों अमेरिका जैसे देशों में नियमित रूप से जाते हैं, तथा अपने अपने परिवार को वहीं स्थापित कर देना चाहते हैं जिससे उनके बच्चों को स्वतन्त्रता में जीने का मौका मिल सके।

दिलचस्प बात यह है कि सीसीपी अधिकारियों के अमेरिका में प्रवेश करने से प्रतिबंध लगने की खबर से चीन के नागरिकों खुशी की लहर है। हालांकि, कुछ लोगों ने कहा कि उक्त कदम से सीसीपी रैंकों के बीच भ्रष्टाचार को कम करने में मदद मिलेगी। एक चीनी नागरिक ने इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, चीनी लोग जिनके पास अमेरिका में निवेश करने के लिए पैसा है, वे आम तौर पर पार्टी के सदस्य होते हैं। आम नागरिक पार्टी के सदस्य नहीं है, इसलिए पैसा कमाना मुश्किल है।

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति के इस प्रस्तावित आदेश में 2017 के यात्रा प्रतिबंधों में इस्तेमाल किए जाने वाले  Immigration and Nationality Act का हवाला दिया जाएगा, जो राष्ट्रपति को किसी अन्य देश के उन नागरिकों को अस्थाई रूप से अमेरिका की यात्रा को अवरुद्ध करने की शक्ति देता है जिन्हें “अमेरिका के हितों के लिए हानिकारक” माना जाता है।

अब यह समय ही बताएगा कि ट्रम्प प्रशासन द्वारा 90 मिलियन से अधिक सीसीपी सदस्यों पर प्रतिबंध कैसे लागू किया जाता है। इस कदम से चीन का आगबबूला होना निश्चित है, क्योंकि वह सभी अमेरिकी नागरिकों को प्रतिबंधित नहीं कर सकता है। इस मसौदे से एक बार फिर यह साबित हो गया है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नेतृत्व में अमेरिका चीन को सबक सिखाने का दृढ़ संकल्प कर चुका है।

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