मेडिकल डिप्लोमेसी के फेल होने के बाद अब चीन की वैक्सीन डिप्लोमेसी भी फेल होने तय है

चीन को फिर से झटके मिलने वाले हैं

वैक्सीन

पूरे विश्व में कोरोना फैलाने के बाद घटिया मेडिकल उपकरण और मास्क से कई देशों को मूर्ख बनाने वाला चीन अब अपनी Wolf Warrior diplomacy के तहत वैक्सीन में प्रथिमिकता तथा वैक्सीन के लिए लोन देने का लालच दे रहा है।

हाल के दिनों में चीन ने कई विकासशील देशों जैसे नेपाल, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और फिलीपींस से Vaccine के निर्माण के बाद प्रथिमिकता देने का दिलासा दिया है। फिलीपींस में चीनी राजदूत Huang Xilian ने वैक्सीन का आश्वासन देते हुए कहा था जब COVID-19 वैक्सीन विकसित और उपयोग में लाई जाएगी है, तो चीन फिलीपींस को प्राथमिकता देगा।

वहीं South China Morning Post के अनुसार चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने पिछले महीने लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई देशों के लिए संभावित covid-19 वैक्सीन खरीदने के लिए 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण की पेशकश की थी।  इससे पहले जून के महीने में शी जिनपिंग ने कहा था कि चीन में Covid-19 वैक्सीन के विकास और पूर्ति होने के बाद अफ्रीकी देशों को प्राथमिकता दी जाएगी।

“मास्क डिप्लोमेसी”  के फेल होने के बाद अब चीन  “Vaccine डिप्लोमेसी” को अपनी Wolf Warrior diplomacy का हिस्सा बना रहा है जिसका फेल होना तय है।

चीन द्वारा लगातार इस तरह से कई विकासशील देशों को लालच देना दिखाता है कि चीन इन देशों को अपने पाले में करने की भरपूर कोशिश कर रहा है। हालांकि, जिस तरह से चीन ने “मास्क डिप्लोमेसी” के तहत नकली मेडिकल उपकरणों और मास्क का निर्यात किया था उससे सभी देश पहले से सावधान हैं।

चीन में पहले से ही वैक्सीन को लेकर कई स्कैंडल हो चुके हैं। चीनी वैक्सीन व्यक्ति को ठीक करने के बजाए उनके कंठ से आवाज तक छीन सकता है, उन्हें लकवा ग्रसित कर सकता है या फिर व्यक्ति को अर्ध-मृत अवस्था में भी पहुंचा सकती है। दुर्भाग्य की बात तो यह है कि आज चीन ही कोरोना वायरस के Vaccine बनाने की दौड़ में रेस कर रहा है। सिर्फ रेस ही नहीं, बल्कि छोटे बड़े देशों को Vaccine देने में प्रथिमिकता देने का वादा कर उन्हें लोभ भी दे रहा है जिससे वे चीन के पाले में आ जाए।

चीन की वैक्सीन इंडस्ट्री किसी स्कैम से कम नहीं है और यहां लगातार फ्रॉड की खबरें आती रहती हैं। वर्ष 2013 से 2016 तक 21 नवजात बच्चों की मौत हुई थी और इन सभी का कारण Vaccine स्कैंडल ही था। इस पर हमने एक रिपोर्ट भी प्रकाशित की थी।

चीन में हुए इन सभी वैक्सीन स्कैंडल से पूरा विश्व परिचित है, ऐसे में कोरोना के समय भी चीन की Vaccine पर भरोसा करना अपनी जान दांव पर लगाने जैसा होगा। चीन सिर्फ वैक्सीन का ही झांसा नहीं दे रहा है बल्कि वैक्सीन खरीदने के लिए लोन देने की भी पेशकश कर रहा है। यह चीन की ऋण जाल की ही नीति का ही हिस्सा माना जा सकता है। इन सभी देशों को यह पता है कि चीन ने ही कोरोना फैलाया जिससे उनकी अर्थव्यवस्था तबाह हुई है, और अब वैक्सीन के नाम पर लोन दे रहा है जिससे ये देश चीन के ऋण जाल का हिस्सा बन जाए। हालांकि चीन के द्वारा मास्क और मेडिकल उपकरण की घटिया quality से हुए नुकसान के कारण सभी देश पहले से सचेत हैं और इस बार वे चीन के किसी भी झांसे में नहीं आने वाले हैं। चीन की मास्क डिप्लोमेसी की तरह ही वैक्सीन डिप्लोमेसी का भी फेल होना तय है।

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