चीनी चोरी छिपे Argentina में मौजूद एक space station का सैन्य इस्तेमाल कर रहा है, अब खुलेगी पोल

धरती, समुद्र के बाद चीन का अगला निशाना- अन्तरिक्ष!

अर्जेंटीना

PC: Daily Express

चीन विश्व के कई देशों तक अपने पाँव फैला चुका है और उसी के माध्यम से अपने सभी प्रोपेगेंडा और योजनाओं को अंजाम देता है। अब एक रिपोर्ट के अनुसार चीन ने दक्षिण अमेरिकी देश अर्जेन्टीना में एक स्पेस सेंटर बनाया है जिसका इस्तेमाल चीनी सेना अपने सैन्य तथा अन्य देशों की जासूसी के लिए करती है।

रिपोर्ट के अनुसार अर्जेंटीना में चीन ने रहस्यमयी स्पेस स्टेशन बनाया है, जिसे नागरिक उपयोग के लिए बनाया गया है, लेकिन यह केंद्र सीधे पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) को रिपोर्ट करता है। स्थानीय लोगों को यकीन है कि यह “एक वैज्ञानिक अनुसंधान का केंद्र नहीं” बल्कि कुछ और है।

बता दें कि चीन के बाहर अपनी तरह का पहले बेस पर 13.5 और 35 मीटर व्यास का parabolic antenna लगा है। यही नहीं यह बेस कंप्यूटर और इंजीनियरिंग सुविधाओं, तकनीकी कर्मचारियों के लिए आवास, और $ 10 मिलियन का एक इलेक्ट्रिक पावर प्लांट से युक्त है। इस केंद्र के निर्माण के कांट्रैक्ट पर वर्ष 2014 में चीन और अर्जेन्टीना के बीच हस्ताक्षर हुआ था।

चीन के अनुसार इस स्टेशन का उद्देश्य शांतिपूर्ण अंतरिक्ष अवलोकन तथा खोज है। चीनी मीडिया के अनुसार, इसने जनवरी में चंद्रमा के डार्क साइड पर चीन के अंतरिक्ष यान के उतारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

अर्जेंटीना के पूर्व विदेश मंत्री, सुसाना मालकोररा (Susana Malcorra) ने एक साक्षात्कार में बताया था स्टेशन में क्या चल रहा इसकी निगरानी करने के लिए अर्जेंटीना में कोई नहीं है। वर्ष 2016 में, उन्होंने चीन स्पेस स्टेशन कॉन्ट्रैक्ट में संशोधित किया था, जिसमें केवल नागरिक उपयोग के लिए एक शर्त शामिल थी। परंतु चीन का अंतरिक्ष कार्यक्रम उसकी सेना, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा चलाया जाता है। पेटागोनियन स्टेशन को चीन सैटेलाइट लॉन्च और ट्रैकिंग कंट्रोल जनरल (सीएलटीसी) द्वारा चलाया जाता है, जो PLA  को रिपोर्ट करता है। अर्जेंटीना की अंतरिक्ष एजेंसी CONAE को भी इस विषय पर कोई खबर नहीं है और उसे लगता है कि चीन दस्तावेजों की शर्त मानता है।

चीन शुरू से ही स्पेस का “सैन्यीकरण” की रणनीति अपनाना चाहता है। U.S. National Radio Astronomy Observatory के निदेशक Tony Beasley ने दावा किया कि इस स्पेस सेंटर का इस्तेमाल अन्य देशों के उपग्रहों को “सुनने” के लिए किया जा सकता है, तथा यह संवेदनशील डेटा एकत्र कर सकती है। हैरानी की बात तो यह है कि यह स्पेस सेंटर U.S. Eastern seaboard के longitudinal sector में आता है तथा पूर्वी अमेरिका को सर्विस देने वाले geostationary satellites से ठीक उतनी ही दूरी पर है जितनी दूरी पर वाशिंगटन डीसी। The Diplomat की रिपोर्ट के अनुसार ऐसे स्थान पर दो बड़े घुमावदार एंटीना का इस्तेमाल  geostationary satellites पर नजर रखने के लिए ही किया जाता है। ऐसे में सवाल उठना लाज़मी है।

वर्ष 2015 के एक साक्षात्कार में, अर्जेंटीना के एक राजदूत Roberto García Moritá, ने बताया था कि इस एंटीना से संचार, इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सिस्टम के साथ हस्तक्षेप करने की क्षमता होती है। उन्होंने बताया था कि इसमें मिसाइलों के प्रक्षेपण और ड्रोन सहित अन्य अंतरिक्ष गतिविधियों और रणनीतिक हथियारों की आवाजाही के बारे में जानकारी प्राप्त करने की क्षमता है।

यानि स्पष्ट है कि चीन इस स्पेस स्टेशन का दोहरा इस्तेमाल कर रहा है। चीन पर पहले से संचार कंपनियों जैसे हुवावे, टिकटॉक के जरिये डेटा चोरी का आरोप लग चुका है। इन डेटा का इस्तेमाल चीन अपने प्रोपोगेंडा के लिए करता आया है। चीन अपनी विस्तारवादी नीति न सिर्फ जमीन और समुद्र में दिखा रहा है बल्कि स्पेस का सैन्यकरण कर रहा है। यह स्पेस स्टेशन भी उसके इस्तेमाल के लिए ही है।

गुप्त रूप से बनाए गए इस परिसर के कारण स्थानीय निवासियों के बीच डर फैला हुआ है है। चीन की PLA की भागीदारी के कारण ट्रम्प प्रशासन भी चिंतित दिखाई दे रहा है। दर्जनों निवासियों, वर्तमान और पूर्व अर्जेंटीना सरकार के अधिकारियों, अमेरिकी अधिकारियों, उपग्रह और खगोल विज्ञान विशेषज्ञों और कानूनी विशेषज्ञ के साथ साक्षात्कार से यह स्पष्ट हुआ है कि चीन किस तरह से इस स्पेस स्टेशन का उपयोग अपनी सेना के लिए भी कर रहा है। चीन की इस हरकत पर सभी देशों का चिंतित होना लाज़मी है क्योंकि अगर चीन को नहीं रोका गया है तो वह इसी तरह से कई देशों पर अपना कब्जा जमा कर बैठ जाएगा।

 

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