पापुआ न्यू गिनी को कोरोना की लैब की तरह इस्तेमाल कर रहा था चीन, PNG ने चीन को दिया माकूल जवाब

पापुआ न्यू गिनी- छोटा पैकेट बड़ा धमाका

पापुआ न्यू गिनी

पूरे विश्व में कोरोना वायरस फैलाने के बाद, अब चीन अपने देश में विकसित की जा रही कोरोना वैक्सीन का प्रभाव देखने के लिए अपने नागरिकों को वैक्सीन दे कर अन्य देश भेज रहा है। पापुआ न्यू गिनी से आई खबर के अनुसार पहले चीन ने गैर-मान्यता वाली वैक्सीन को कुछ श्रमिकों के ऊपर परीक्षण किया और फिर उन्हें पापुआ न्यू गिनी भेज दिया। जब पापुआ न्यू गिनी की सरकार को इसका पता चला, तो उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए श्रमिकों से भरे एक चीनी प्लेन को पापुआ न्यू गिनी में प्रवेश करने से रोक दिया गया है। पापुआ की सरकार ने चीनी सरकार से कड़ा विरोध जताया है और सख्त लहजे में पूछा है कि, क्या चीनी सरकार पापुआ न्यू गिनी को एक प्रयोगशाला समझती है?

दरअसल, चीन में खदानों का काम देखने वाली कंपनी China Metallurgical Group Corporation ने पापुआ न्यू गिनी के National Department of Health को आधिकारिक तौर पर बताया कि इस महीने चीन से लौटे 48 कर्मचारी कोरोना पॉज़िटिव निकल सकते हैं।  चीन ने उन्हें कोरोना की एक वैक्सीन दी है। हालांकि, श्रमिकों को दी गई वैक्सीन को अभी तक मान्यता नहीं मिली है और यह कितनी खतरनाक हो सकती है यह किसी को नहीं पता। इन श्रमिकों को दी गई वैक्सीन का नकारात्मक प्रभाव भी हो सकता है। अगर ऐसा हुआ तो, अभी तक कोरोना को काबू में रखने वाले इस छोटे से गरीब देश के लिए यह प्रयोग घातक साबित हो सकता था। 

पापुआ न्यू गिनी के पुलिस आयुक्त और महामारी नियंत्रक, डेविड मैनिंग ने कहा कि, PNG को परीक्षण की कोई जानकारी नहीं दी गई थी, इसलिए 150 श्रमिकों से भरे चीनी प्लेन को देश में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया। उन्होंने आगे कहा, “ये परीक्षण क्या हैं और पापुआ न्यू गिनी के लोगों के लिए कितना जोखिम पैदा कर सकते हैं, इसकी जानकारी न होने के कारण हमने कल उस उड़ान को रद्द करवा दिया ताकि हमारे लोग सुरक्षित रहें।“

हालांकि, यह भी आशंका जताई जा रही है कि, चीनी श्रमिकों पर बिना किसी देख-रेख के वैक्सीन का परीक्षण किया गया और पापुआ न्यू गिनी के कुछ लोगों पर भी यह परीक्षण किया गया। इसी डर से PNG ने अपने राष्ट्रीय महामारी अधिनियम के तहत एक नया कानून लागू किया है, जो देश के अंदर किसी भी तरह के वैक्सीन परीक्षणों पर प्रतिबंध लगाता है।

बता दें कि, COVID-19 के लिए अभी तक पूरे विश्व में, किसी भी वैक्सीन को मान्यता नहीं मिली है। अभी सभी वैक्सीन्स का ट्रायल चल रहा है। कुछ वैक्सीन्स का मानव परीक्षण भी शुरू किया जा चुका है। कई चीनी कंपनियां वैक्सीन को विकसित करने के वैश्विक दौड़ का हिस्सा हैं। पर चीन में पहले से ही वैक्सीन को लेकर कई स्कैंडल हो चुके हैं। चीनी वैक्सीन्स के इतने साइडइफेक्ट्स हैं कि वो आदमी की आवाज छीन सकता है, उन्हें लकवाग्रस्त कर सकता है या फिर व्यक्ति को अर्ध-मृत अवस्था में भी पहुंचा सकता है।

दुर्भाग्य की बात तो यह है कि आज चीन ही कोरोना वायरस के Vaccine बनाने के साथ-साथ छोटे बड़े देशों को Vaccine देने का वादा कर रहा है ताकि वे चीन के पाले में आ जाएं। चीन की वैक्सीन इंडस्ट्री किसी स्कैम से कम नहीं है और यहां से लगातार फ्रॉड की खबरें आती रहती हैं। अब यह देखना है कि PNG की सरकार चीन के खिलाफ कितना और क्या कदम उठाती है।

Exit mobile version