CCCC को blacklist करके अमेरिका ने चीन की कमर ही तोड़ दी, यही कंपनी दुनियाभर में BRI प्रोजेक्ट्स चलाती थी

अब की बार ट्रम्प ने चीन की सबसे कमजोर नब्ज़ को दबाया है

CCCC तिब्बत

वर्ष 2013 में दुनिया पर राज करने के सपने से चीन ने अपना बेहद महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट Belt and Road Initiative लॉन्च किया था। हालांकि, उसके महज़ सात वर्षों के बाद ही इस प्रोजेक्ट के भविष्य पर खतरे के बादल मँडराते हुए दिखाई दे रहे हैं। BRI के माध्यम से सालों तक चीन ने ना सिर्फ दुनिया के बाकी देशों पर अपना प्रभाव बढ़ाया, बल्कि कई छोटे देशों को अपने कर्ज़ जाल में भी फंसाया। यही कारण है कि अब अमेरिका-चीन की लड़ाई में अमेरिका टेक सेक्टर के बाद चीन के BRI को ही अपना निशाना बना सकता है। दरअसल, हाल ही में अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में विवादित द्वीपों पर सैन्यकरण के काम में शामिल कुछ चीनी कंपनियों और चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है। सबसे हैरानी की बात तो यह है कि इन कंपनियों में चीन की मशहूर China Communications Construction Company Ltd यानि CCCC भी शामिल है। अमेरिका ने इस कंपनी की 24 शाखाओं को प्रतिबंधित करने का फैसला लिया है। CCCC को अमेरिका द्वारा निशाना बनाया जाना इस बात का सबूत है कि चीन के BRI के लिए आने वाले दिन बेहद मुश्किल भरे हो सकते हैं, क्योंकि यह कंपनी BRI projects के सबसे बड़े Contractors में से एक है।

बता दें कि हाल ही में चीन ने दक्षिण चीन सागर में चार मिसाइलों को छोड़ा था और उसने इसके माध्यम से अमेरिका को बड़ा संदेश देने की कोशिश की थी। मिसाइल दक्षिण चीन सागर के विवादित Paracel द्वीपों की ओर छोड़ी गयी थीं। इसके बाद अमेरिका ने चीन को चेतावनी देते हुए क्षेत्र में स्थिति नहीं बिगाड़ने की बात कही है। इसके साथ ही अमेरिका ने अब उन कंपनियों को भी निशाना बनाया है, जो इन द्वीपों पर सैन्यकरण करने का काम करते हैं। Paracel द्वीपों पर चीन ने airstrip और बड़ा इनफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया हुआ है। इसी कारण अमेरिका ने अब चीन की 24 कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है। ये सभी 24 की 24 कंपनियाँ चीन की CCCC के अंतर्गत ही काम करती हैं।

CCCC चीन की कोई आम कंपनी नहीं है, बल्कि वह दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक मानी जाती है। वर्ष 2018 की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह कंपनी चीन से बाहर 100 से अधिक देशों में काम करती है और इस कंपनी के सभी प्रोजेक्ट्स का कुल बजट 100 बिलियन डॉलर से भी अधिक है। यह कंपनी चीन के BRI प्रोजेक्ट को दुनियाभर में आगे बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है। इस कंपनी की website के मुताबिक यह कंपनी अफ्रीका, एशिया, पश्चिमी एशिया, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में पिछले 20 सालों से प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है। हालांकि, बड़ी होन के साथ-साथ यह चीन की सबसे ज़्यादा विवादित कंपनियों में से भी एक है। इस कंपनी पर अलग-अलग देशों में भ्रष्टाचार, पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने और मानवाधिकारों का उल्लंघन करने के आरोप लगाये जा चुके हैं।

उदाहरण के लिए वर्ष 2009 में फ़िलीपिन्स के एक highway प्रोजेक्ट में धांधली करने के लिए वर्ल्ड बैंक ने इसे प्रतिबंधित कर दिया था। इसी के साथ मलेशिया में भी इस कंपनी के 2 प्रोजेक्ट्स को बैन कर दिया गया था। वर्ष 2018 में ऑस्ट्रेलिया में इस कंपनी पर बच्चों का अस्पताल बनाते हुए सुरक्षा पहलू पर सुस्त रवैया अपनाने का आरोप लगा था। यही कंपनी श्रीलंका के कोलंबो में भी चीनी प्रोजेक्ट्स को विकसित कर रही है, और वहाँ इस कंपनी पर पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचाने के आरोप लगे थे। यह लिस्ट छोटी नहीं है। ऐसे ही इस कंपनी पर केन्या में मजदूरों के साथ दुर्व्यवहार, बांग्लादेश में भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं। बांग्लादेश में तो इस कंपनी को blacklist भी कर दिया गया है। वर्ष 2018 में ही कनाडा में इस कंपनी से कुछ प्रोजेक्ट्स सुरक्षा कारणों की वजह से छीन लिए गए थे।

वर्ल्ड बैंक के द्वारा blacklist होने के बाद भी इस कंपनी के पास इतने ज़्यादा contracts होना दिखाता है कि कैसे चीन छोटे-छोटे देशों को बड़े-बड़े कर्ज़ देकर अपनी विवादित कंपनियों को projects दिलवाता है, और फिर उन प्रोजेक्ट्स में बड़े स्तर पर धांधली की जाती है। उदाहरण के लिए वर्ष 2009 में ही CCCC पर गिनी के राष्ट्रपति के बेटे को 19 मिलियन की रिश्वत देकर एक हाइवे प्रोजेक्ट बनाने की मंजूरी प्राप्त करने के आरोप लगे थे।

अब यह कंपनी अमेरिका के निशाने पर आ चुकी है, जो दिखाता है कि इस कंपनी के साथ-साथ BRI पर भी बड़ा खतरा मंडरा रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कंपनी पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा कि “यह कंपनी दुनियाभर में भ्रष्टाचार करने, अधिकारों का उल्लंघन करने और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने की दोषी है”। CCCC पर प्रतिबंध लगाने के बाद कोई भी अमेरिकी कंपनी चीन की कंपनी से व्यापार नहीं कर पाएगी। साथ ही अमेरिका के साथी देशों के लिए भी इस कंपनी को प्रोजेक्ट देना मुश्किल हो जाएगा। अगर अमेरिका अपने प्रतिबंधों को और मजबूत करता है तो यह भविष्य में चीन के लिए BRI की कमर भी तो सकता है। कुल मिलाकर CCCC की बर्बादी BRI प्रोजेक्ट की बर्बादी का सबसे बड़ा कारण बन सकती है और अमेरिका ठीक ऐसा ही चाहता है।

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