ऐसा लगता है मानो चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग दुनिया को अपना दुश्मन बनाने के बाद अब अपने ही लोगों को अपने खिलाफ करने पर तुले हुए हैं। शी जिनपिंग की नीतियों के कारण चीन की सेना यानि PLA के वरिष्ठ अधिकारी ही CCP के खिलाफ बयानबाज़ी करने लगे हैं। हालांकि, बात यहीं पर खत्म नहीं होती। अब कुछ मीडिया रिपोर्ट्स इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि चीन के उद्योगपति और चीन के निवेशक भी CCP के खिलाफ मैदान में उतर चुके हैं और अपने आर्थिक हितों के लिए शी जिनपिंग की नीतियों और CCP की bot army का डटकर मुक़ाबला कर रहे हैं।
बता दें कि CCP और चीनी उद्योगपतियों के बीच में TikTok की sale को लेकर बड़ा विवाद चला हुआ है। CCP जहां इस sale को अमेरिकी गुंडागर्दी और लूट का नाम दे रही है, तो वहीं Bytedance के मालिक जैसे-तैसे करके आगामी 45 दिनों में अपनी कंपनी को बेचना चाहते हैं, ताकि वे TikTok को ban होने से बचा सकें। अमेरिका में पहले ही राष्ट्रपति ट्रम्प TikTok को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा घोषित कर चुके हैं, ऐसे में उन्होंने TikTok को अपने आप को बेचने के लिए 6 हफ्तों का ultimatum दिया है। ऐसे में Bytedance के पास कंपनी को बेचने के अलावा कोई और विकल्प नहीं रह गया है।
हालांकि, CCP Bytedance के इस रवैये से बिलकुल भी खुश नहीं है। CCP ने अपनी Bot Army को Bytedance के पीछे छोड़ दिया है, जो चीनी सोशल मीडिया Weibo पर TikTok और Bytedance को देशविरोधी और गद्दार घोषित करने पर अड़े हैं। चीनी यूजर्स CCP के इशारों पर Bytedance के मालिक ज़्हांग यीमिंग को डरपोक बता रहे हैं। एक यूजर के मुताबिक “ज़्हांग यीमिंग अमेरिका की तारीफ करते नहीं थकता था, अब उसके मुंह पर तमाचा पड़ा है। अब तुम अमेरिका के खिलाफ बोलो ना”। Bytedance के मालिक यह कह चुके हैं कि उनके पास TikTok बेचने के अलावा कोई और विकल्प है ही नहीं।
हालांकि, CCP की इस Bot Army के खिलाफ अब चीनी उद्योगपति और start ups मजबूती के साथ खड़े हो गए हैं। चीनी निवेशक भी इसी बात को कह रहे हैं कि TikTok को बेचना ही चीन के हित में होगा क्योंकि दूसरा विकल्प और भी ज़्यादा खतरनाक और नुकसानदायक होगा। चीनी कंपनी AppinChina के founder बिशोप के मुताबिक “TikTok बेचना सबसे बढ़िया विकल्प है। Microsoft के प्रति तो बीजिंग का रवैया वैसे भी सकारात्मक रहा है। यह सबके लिए अच्छा होगा। Bytedance को अच्छा दाम मिल जाएगा और Microsoft को फेसबुक, गूगल से मुक़ाबला करने का मौका मिल जाएगा।“ इसी तरह नाम ना बताने की शर्त पर एक चीनी उद्योगपति ने कहा कि “पश्चिम देशों और भारत में अब चीनी टेक कंपनियों के लिए अवसर समाप्त हो चुके हैं। हम अमेरिकी सरकार के खिलाफ खड़ा होकर कर भी क्या लेंगे। हमारे लिए अच्छा यही रहेगा कि अब हम पूर्वी एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया पर ध्यान दें।“
CCP किसी भी कीमत पर अपने शक्तिशाली टेक सेक्टर को इस तरह बर्बाद होते नहीं देखना चाहती। टेक सेक्टर चीन की इकॉनमी के लिए बेहद ज़रूरी है। पिछले कुछ सालों में चीन के टेक सेक्टर ने बहुत तेजी से विकास किया है और इसके विकास में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। स्टील और एल्यूमिनियम उद्योग में विकास दर तो अब धीमी पड़ चुकी है, ऐसे में चीन के विकास में वहाँ के टेक सेक्टर का बड़ा योगदान रहा है। यही कारण है कि लगातार 10 सालों तक लगभग 10 प्रतिशत की दर से विकास करने वाला चीन पिछले साल तक भी 6 प्रतिशत की दर से विकास कर रहा था।
टेक सेक्टर इतना महत्वपूर्ण है कि अब चीन के कुल राष्ट्रीय उत्पादन में यह सेक्टर लगभग 33 प्रतिशत का योगदान देता है। इसी सेक्टर के बलबूते चीन अपने कर्ज़ का प्रबंधन कर पाता है और चीन को विकास के रास्ते पर चलाये रखता है। चीन का कुल डिजिटल उत्पादन लगभग 4 ट्रिलियन डॉलर है, इतना तो भारत का कुल राष्ट्रीय उत्पादन भी नहीं है। एल्यूमिनियम और एनर्जी सेक्टर पर निर्भर चीन की पुरानी अर्थव्यवस्था में विकास दर जब धीमे होने लगी, तो चीन ने जमकर टेक सेक्टर में पैसा निवेश किया। अब चीन हर साल टेक सेक्टर में 400 बिलियन डॉलर का निवेश करता है, यूरोपियन यूनियन से भी ज़्यादा! इस निवेश का चीनी टेक कंपनियों को सबसे ज़्यादा फायदा हुआ। चीन में hardware और सॉफ्टवेर कंपनियाँ तेजी से विकास करने लगीं और दुनिया में एक्सपोर्ट करने लगीं।
हालांकि, अमेरिका-भारत की कार्रवाई के बाद अब चीन के इस सेक्टर पर बर्बादी के बादल मंडराने शुरू हो चुके हैं। अमेरिका द्वारा TikTok पर कब्जा करने से इसकी शुरुआत हो चुकी है और इसको लेकर चीन और चीनी मीडिया बिलकुल भी खुश नहीं है। Global Times के एडिटर Hu Xijin ने ट्विटर पर विलाप करते हुए लिखा “ये खुली चोरी है। दुनिया और भगवान यह देख रहे हैं कि कैसे राष्ट्रपति ट्रम्प अमेरिका को एक Rogue देश में बदल रहे हैं”।
This is an open robbery. The world is watching and God is watching that how President Trump is turning the once great America into a rogue country. pic.twitter.com/FaL3MkwsYe
— Hu Xijin 胡锡进 (@HuXijin_GT) August 4, 2020
टेक सेक्टर की बर्बादी के कारण चीन के टेक सेक्टर के उद्योगपति अब शी जिनपिंग के खिलाफ खड़े होने लगे हैं। पहले PLA और अब शक्तिशाली टेक सेक्टर का विरोध झेल पाना शी के लिए काफी मुश्किल रहने वाला है।