“भारत के खिलाफ़ जाना बड़ी गलती थी”, बर्बाद होने के बाद महातिर की अक्ल आई ठिकाने

मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री ने आखिर मान ही ली अपनी गलती

महातिर

(pc -ichowk )

 

भूल हर मनुष्य से होती है, और ये स्वाभाविक है, पर उस भूल को स्वीकार करने का साहस बहुत ही कम लोगों में होता है। मलेशिया के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष महातिर मुहम्मद ने एक साक्षात्कार में इस बात को स्वीकार किया है कि उनके बड़बोलेपन के कारण न केवल भारत और मलेशिया के सम्बन्धों में दरार आई, बल्कि मलेशिया को आर्थिक तौर पर नुकसान उठाना पड़ा है।

WION की संवाददाता पाल्की शर्मा उपाध्याय के साथ विशेष बातचीत में महातिर ने कई बातें साझा की। जब उनसे पूछा गया कि क्या पाकिस्तान का समर्थन करने के पीछे भारत और मलेशिया के संबंध खराब हुए, तो उन्होने स्पष्ट बताया, “बिलकुल नहीं। मुझे लगता है कश्मीर पर मैंने जो बयान दिये थे, उसके कारण स्थिति बिगड़ी थी” –

 

 

बता दें कि 2019 में जब यूएन की जनरल एसेम्बली का आयोजन हुआ था, तब महातिर मुहम्मद ने कश्मीर पर विवादित बयान दिया था। उन्होने अनुच्छेद 370 के निरस्त होने का विरोध करते हुए न केवल ये कहा कि ऐसा करके कश्मीर पर भारत ने न सिर्फ आक्रमण किया, अपितु कश्मीर पर पाकिस्तान के रुख का समर्थन किया। इसके अलावा महातिर मुहम्मद ने भारत विरोधी तत्वों, विशेषकर आतंकी समर्थक ज़ाकिर नाईक को पनाह देकर और सीएए का विरोध कर ये भी सिद्ध किया कि वह अपनी हेकड़ी में किस हद तक जा सकते हैं। लेकिन महातिर का यह घमंडी स्वभाव उन्ही पर भारी पड़ा, क्योंकि पहले भारत ने पाम ऑइल के आयात को रोककर मलेशियाई अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाई और उसके बाद मलेशियाई जनता के दबाव में महातिर को अपने पद से मार्च आते आते इस्तीफा देना पड़ा था।

 

लेकिन महातिर वहीं पे नहीं रुके। WION से अपनी बातचीत में उन्होने ये भी बताया कि कैसे संसार को पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत को बेहतर ढंग से समझना चाहिए। महातिर के अनुसार, “अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उन्होने बेहतरीन काम किया पर हमें उनके नेतृत्व में भारत को बेहतर ढंग से समझना होगा, क्योंकि वे अन्य प्रधानमंत्रियों जैसे बिलकुल नहीं है” –

 

जब महातिर ने इस्तीफा दिया था, तब उनकी जगह वाले मुहियुद्दीन यासीन के नेतृत्व में मलेशियाई अधिकारियों ने उन्हें महातिर के समय भारत के साथ बिगड़े रिश्तों को सुधारने की बात कही थी। इसके बाद उन्होंने ने सुधार का पहला कदम उठाते हुए, भारत से रिकॉर्ड तोड़ शक्कर का आयात किया था । कुछ दिनों पहले मलेशिया ने भारत से 1 लाख टन चावल इम्पोर्ट करने का फैसला भी लिया था और अब इसके कुछ दिनों बाद ही भारत ने भी मलेशिया से दोबारा पाम ऑयल इम्पोर्ट शुरू करने का फैसला लिया था।

 

इसके अलावा नई दिल्ली और कुआलालंपुर भी COVID महामारी में एक दूसरे का सहयोग कर रहे हैं, जिससे HCQ और पेरासिटामोल की खुराकें मलेशिया तक पहुँच सकें। अब मलेशिया ना तो कोई भारत विरोधी बयान दे रहा है और न ही कश्मीर पर किसी प्रकार का बयान दे रहा है। इसके अलावा मलेशिया ने चीन विरोधी रुख भी अपना शुरू कर दिया है जिससे आने वाले दिनों में मलेशिया Indo-Pacific क्षेत्र में भारत का एक महत्वपूर्ण साझेदार हो सकता है। ऐसे में अब महातिर मुहम्मद की स्वीकारोक्ति इस बात का सूचक है कि उन्हे अपनी भूल का आभास हो चुका है, और वे जानते हैं कि उनके कारण मलेशिया को किन दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।

 

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