“ट्विटर के लिए श्रीराम विवादित है?”, मुस्लिमों का प्रदर्शन दिखाया लेकिन श्रीराम से जुड़ी Times Square की video को हटाया

क्यों भाई ट्विटर, अगला TikTok बनना है क्या?

ट्विटर

ट्विटर का हिन्दू विरोध एक बार फिर देखने को मिला है। दरअसल, राम मंदिर निर्माण की खुशी में 5 अगस्त को न्यूयॉर्क के मशहूर Times Square में रामभक्तों ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया था जिसमें वहां चारों ओर Billboards पर श्रीराम की photos लगाई गई थीं। उस कार्यक्रम से जुड़ी कई videos को सोशल मीडिया पर साझा किया भी गया। हालांकि, उस कार्यक्रम की videos को ट्विटर ने अपने platform से यह कहकर ban कर दिया कि यह “संवेदनशील सामाग्री” है और इसे लोगों को नहीं दिखाया जा सकता।

अमेरिका के रामजन्मभूमि शिलान्यास सेलिब्रेशन कमिटी के अध्यक्ष जगदीश सहवानी ने, 9 सेकंड की एक video पोस्ट करते हुए लिखा था, Times Square पर अपने श्रीराम को देखकर आज बहुत गर्व महसूस हो रहा है। चलिए आज शाम साढ़े 7 बजे मिलकर इस उत्सव को मनाते हैं”। हालांकि, इस video को बाद में twitter ने “संवेदनशील” करार कर दिया। twitter ने इस विडियो को flag करते हुए लिखा, “यह मीडिया संवेदनशील सामाग्री है”।

https://twitter.com/JagdishSewhani/status/1291115961228156929?s=20

बाद में जब हिंदुओं ने ट्विटर की इस लापरवाही का सख्त विरोध किया, तो ट्विटर को मजबूरन विडियो को restore करना पड़ा और ट्विटर ने इस विडियो से “संवेदनशील सामाग्री” का वार्निंग मैसेज भी हटा दिया। अब यह सवाल तो ट्विटर से ही पूछा जाना चाहिए कि, आखिर श्रीराम की video में उसे क्या विवादित दिखाई दे गया, जो उसे ऐसा कदम उठाना पड़ा। यह ट्विटर की ओर से की गई कोई भूल नहीं थी, बल्कि ऐसे कई उदाहरण देखने को मिले हैं जब twitter ने इस प्रकार हिंदुओं के खिलाफ अपनी घृणा को प्रस्तुत किया है।

ट्विटर के पाखंड को तो देखिये। एक तरफ उसने श्रीराम की video को संवेदनशील करार दे दिया, तो वहीं उसी कार्यक्रम के रंग में भंग डालने के लिए जब कुछ मुस्लिम कट्टरपंथी लोग वहाँ प्रदर्शन करने के लिए पहुँच गए, तो ट्विटर ने उन आपत्तिजनक videos को अपने प्लैटफॉर्म से हटाना ज़रूरी नहीं समझा। Indian American Muslim Council ने इस कार्यक्रम के दौरान नफरत भरे posters दिखाये थे और पीएम मोदी की तुलना हिटलर से की थी। twitter ने इन videos को बड़ी ही शान से अपने प्लैटफॉर्म पर दिखाया।

https://twitter.com/IAMCouncil/status/1291163087370952704?s=20

इसी प्रकार ‘South Asia Solidarity Initiative’ नामक संस्था ने twitter पर कुछ भड़काऊ प्रश्न पोस्ट किए। इस संस्था ने लिखा था “आखिर हिंदुओं के मंदिरों के लिए कितने मुसलमानों को अपनी जान देनी पड़ेगी?” ट्विटर ने इसे भी हटाने की कोई ज़हमत नहीं उठाई। मुस्लिमों की धमकी से twitter को कोई परेशानी नहीं होती, लेकिन हिन्दूफोबिक twitter को श्रीराम से बहुत समस्या है।

ट्विटर हिन्दुओं के खिलाफ पक्षपाती रवैया रखता है और दक्षिणपंथी लोगों की आवाज़ दबाने में विश्वास रखता है। ट्विटर में काम करने वाले सभी लोग वामपंथी विचारधारा से जुड़े होते हैं, जो Conservative आवाज़ों को बर्दाश्त नहीं कर सकते। हालांकि, हिन्दुओं की एकता के सामने अब ट्विटर को झुकना ही होगा। इस मामले में जिस प्रकार हिंदुओं ने ट्विटर को उसकी जगह दिखाकर दोबारा श्रीराम से जुड़ी video को original form में लाने के लिए मजबूर किया, ऐसे ही भविष्य में भी ट्विटर के हर हिन्दू-विरोधी कदम का विरोध करने की ज़रूरत है। तभी इस वामपंथी सोशल मीडियम की अक्ल ठिकाने लगानी जा सकती है।

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