कैसे चीन ने ऑक्सफोर्ड के फंड प्रेम का फायदा उठाते हुए विश्वविद्यालय में अपना प्रभाव जमाया

बस भी करो चीन!

चीन

शैक्षणिक संस्थान ज्ञानार्जन के केंद्र हैं लेकिन आज शैक्षणिक संस्थान प्रोपोगेंडा फैलाने और रुपया कमाने के केंद्र बन चुके हैं। प्रोपोगेंडा फैलाने के लिए चीन जैसे देश रुपये मुहैया कराते हैं तो ये यूनिवर्सिटी डोनेशन के लालच में किसी को भी यूनिवर्सिटी की योग्यता प्रदान कर देते हैं। आज के दौर में चीन प्रोपोगेंडा को फैलाने के लिए ऐसी लालच रखने वाली दुनिया भर के शैक्षणिक संस्थानों को निशाना बना चुका है। हाल ही में ब्रिटेन की सबसे जानी मानी यूनिवर्सिटी ऑक्सफोर्ड में भी इसी तरह का मामला सामने आया है। The Guardian की रिपोर्ट के अनुसार एक ऑक्सफोर्ड के शिक्षाविद ने पिछले साल हांगकांग के एक व्यवसायी जो CCP से गहरे संबंध रखता था उसे विश्वविद्यालय की योग्यता प्रदान कर दी थी। यह सिर्फ चीन से मिलने वाले कैश डोनेशन के लालच में दिया गया था। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि ब्रिटेन की उच्च शिक्षा पर चीनी प्रभाव कितना बढ़ चुका है।

The Guardian की रिपोर्ट के अनुसार Alan Hudson नाम के इस शिक्षाविद ने han King Wai नाम के व्यवसायी को “Belt and Road Academician from Oxford University” की योग्यता शंघाई में हुए एक बड़े कार्यक्रम के दौरान प्रदान कर दी थी।

अब उन्होंने यह स्वीकार करते हुए बताया है कि Academician का महत्व नहीं था, इसलिए उन्होंने इस डिग्री को खुद से बनाया और दे दिया जिसका कोई आधिकारिक महत्व नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि यह सिर्फ विश्वविद्यालय या विभाग तथा कई कार्यक्रमों के लिए मिलने वाले एक संभावित डोनेशन के लिए दिया गया था।

रिपोर्ट के अनुसार स्वयं हडसन का भी चीन और शंघाई के साथ विशेष रूप से गहरे संबंध हैं। उन्हें 2013 में शहर में योगदान के लिए मैग्नोलिया गोल्ड अवार्ड से सम्मानित किया गया था, और उसी समय पुडोंग में Chinese Executive Leadership Academy के एक विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में भी नियुक्त किया गया था जो CCP का एक स्कूल है।

यह हैरानी की बात है कि ऑक्सफोर्ड जैसे यूनिवर्सिटी रुपये के लालच में इस तरह के झूठे डिग्री बांटते हैं। सभी संस्थानों को रुपये की जरूरत होती है लेकिन अगर कोई यूनिवर्सिटी इस तरह से फेक डिग्री बांटना शुरू कर दे तो फिर यह समझ लेना चाहिए कि वह शैक्षणिक संस्थान नहीं बल्कि प्रोपोगेंडा का एक केंद्र बन चुका है।

Chan King Wai को दिए गए इस पुरस्कार की निंदा Hong Kong Watch के सह-संस्थापक और चेयरमैन बेनेडिक्ट रोजर्स ने भी की थी। उन्होंने कहा कि “यह घटना हमारे प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के बढ़ते प्रभाव का एक और उदाहरण है।”

बता दें कि चीन की कंपनी हुवावे ने ऑक्सफोर्ड, कैम्ब्रिज, कार्डिफ, यॉर्क, मैनचेस्टर और एडिनबर्ग और इंपीरियल कॉलेज लंदन के विश्वविद्यालयों के साथ पार्टनरशिप किया है तथा उन्हें 5g के रिसर्च के नाम पर अभी तक 7.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर मुहैया करा चुका है।

ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों में रुपये के लालच में से राजनीतिक रूप से प्रभावित होने वाले कई यूनिवर्सिटी का मामला सामने आया है। पिछले महीने ही टाइम्स ने खुलासा किया था कि कैम्ब्रिज के जीसस कॉलेज ने एक चीनी सरकारी एजेंसी से 200,000 पाउंड और दूरसंचार दिग्गज हुवावे से 155,000 पाउंड स्वीकार किए थे। इसके बाद वहाँ के छात्रों ने चीन के साथ संबंधों को समाप्त करने की मांग की थी। छात्र संघ ने एक पत्र में कॉलेज पर “पूरी तरह से वित्तीय रूप से पारदर्शी” होने में विफल रहने का आरोप लगाया था।

एक अन्य कैम्ब्रिज कॉलेज, वोल्फसन जिसने वर्ष 2017 में हांगकांग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कैरी लैम को दी गई मानद फेलोशिप के बाद विवादों में आया था। जबकि यह साफ था कि उन्होंने ही हाँगकाँग में स्वतंत्र भाषण और राजनीतिक विरोध करने लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है तथा उन्हें इस महीने अमेरिका द्वारा प्रतिबंध की सूची में डाल दिया गया था।

चीन अक्सर ऐसे शैक्षणिक संस्थाओं को डोनेशन दे कर निशाना बनाता हैं जिससे चीन और CCP की उस देश में स्वीकार्यता बढ़े। चीन की United Front चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के इन्हीं लक्ष्यों की दिशा में काम करने वाले समूहों और व्यक्तियों,पार्टी और राज्य एजेंसियों के नेटवर्क का एक गठबंधन है। इस गठबंधन में सामाजिक संगठन, धार्मिक निकाय, विश्वविद्यालय, अनुसंधान संस्थान और व्यक्ति जुड़े हुए हैं जो चीन तथा कम्युनिस्ट पार्टी के लिए विश्व के अनेक देशों, विश्वविद्यालयों में प्रोपेगैंडा फैलाते हैं।

भारत और अमेरिका ने शिक्षा के क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को कम करने के लिए एक्शन लेना शुरू कर दिया है। UK को भी इसी तरह चीन के प्रभाव को कम करने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए। जिससे की चीन और CCP के विस्तारवादी मंसूबों को काबू में लाया जा सके।

 

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