मोदी सरकार ने टैक्स से संबंधित नए faceless tax assessment program को लागू कर दिया है। इसके कुछ प्रावधान अभी से लागू किये जा चुके हैं जबकि बचे हुए प्रावधान भी 25 सितंबर तक लागू हो जायेंगे। इस योजना के तहत करदाताओं को कर चुकाने के लिए किसी अधिकारी से सम्पर्क किये बिना, डिजिटल माध्यमों से ही टैक्स भरा जा सकेगा। इस योजना का उद्देश्य टैक्सेशन की प्रक्रिया में अनावश्यक सरकारी नियंत्रण को समाप्त करना है।
लेकिन अब भारतीय राजस्व सेवा अधिकारियों के एक संगठन, Indian Revenue Service Association of Northeast Region ने इसको लेकर अपनी आपत्ति जताई है। The Print में छपी एक खबर के अनुसार केंद्र सरकार को लिखे पत्र में उन अधिकारियों ने यह मांग की है कि, इस योजना को लागू करते समय सरकार इस बात का ध्यान दे कि, ‘Faceless Taxation’ कहीं भारत की सबसे प्रमुख सरकारी सेवाओं में से एक, आईआरएस को अप्रासंगिक न कर दे।
आयकर विभाग से संबंधित अधिकारियों को यह चिंता है कि, प्रधानमंत्री मोदी की यह महत्वकांक्षी योजना उन्हें केंद्रीय अधिकारी से केवल साधारण साइबर पुलिस में बदलकर रख देगी। गौरतलब है कि, पूर्वोत्तर क्षेत्र की IRS association की चिंता केवल उनके पद की प्रतिष्ठा को लेकर है और उन्होंने इस योजना का कोई विरोध नहीं किया है।
पत्र में उन्होंने लिखा है, “आयकर विभाग तेजी से बदल रहा है और मशीन-लर्निंग व आर्टिफिशियल-इंटेलिजेंस के माध्यमों से संचालित हो रहा है। ऐसे में, आई आर एस अधिकारियों को भी, केवल आयकर विभाग में ही कार्यरत होने से स्वतंत्र किये जाने की आवश्यकता है। हमारे अधिकारियों को शासन में बड़ी भूमिकाएं निभाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए जिससे अधिकारियों की “व्यक्तिगत आकांक्षाएं” भी पूरी हों।”
बता दें कि, इस योजना के मध्यम से सरकार का उद्देश्य आयकर विभाग में फैले भ्रष्टाचार को रोकना और ईमानदार करदाता को सरकारी तंत्र के झंझट से बचाना है। IRS एसोसिएशन ने सरकार द्वारा आयकर विभाग को एक भ्रष्ट संस्था की तरह पेश किए जाने पर नाराजगी भी जताई। पत्र में कहा गया, “पूरे मामले को ऐसे चित्रित किया गया है जैसे कि टैक्स टेरेरिज्म आईआरएस अधिकारियों द्वारा ही निर्मित था और पूरी प्रक्रिया को डिजिटल बनाने और इसे फेसलेस बनाने के बाद, यह खत्म हो जाएगा।”
अपने पत्र में उन्होंने सरकार से आयकर विभाग की रीब्रांडिंग करने, नियुक्ति और ट्रांसफर की नई योजना के साथ विभाग में कैडर बढ़ाने और अन्य मंत्रालयों में भी नियुक्ति के अवसर देने की मांग की है। गौरतलब है कि, यह सभी मांगे पूर्वोत्तर IRS Association की हैं, अखिल भारतीय IRS Association नहीं।
बता दें कि, सरकार की नई योजना के अनुसार करदाताओं को अधिकारियों के सामने प्रत्यक्ष हाजिर नहीं होना होगा। टैक्सेशन की निष्पक्षता और गोपनीयता बनाए रखने और उसे अधिक न्यायपूर्ण बनाने के लिए यह प्रावधान किया गया है कि, आयकर से संबंधित अपील घर बैठे ऑनलाइन की जा सकेगी। इस अपील से संबंधित कार्य किसी भी अधिकारी को दिया जाएगा जिसका चुनाव कंप्यूटर द्वारा random तरीके से होगा।
मोदी सरकार के दौरान कई वरिष्ठ आईआरएस अधिकारियों को समय से पूर्व रिटायर किया गया है। पिछले वर्ष सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स से संबंधित 15 वरिष्ठ अधिकारियों को एकसाथ ही समय से पूर्व रिटायर कर दिया गया था। 2019 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से दिए अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि, आयकर विभाग से संबंधित कुछ अधिकारी अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करते हैं। साफ जाहिर है कि, प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों को विभाग के कुछ लोग पसंद नहीं कर रहे। यही कारण है कि, ब्यूरोक्रेसी अपनी नाराजगी और चिंता जाहिर कर रही है।