हुवावे के बाद चीन की एक और दिग्गज कंपनी TikTok आखिरकार अपनी बर्बादी के मुहाने पर पहुंच चुकी है। ट्रम्प के एक बयान के मुताबिक भारत के बाद वे भी “जल्द ही” चीनी कंपनी TikTok बैन कर सकते हैं।
We may be banning TikTok says US President Donald Trump pic.twitter.com/VeGQSpmSUp
— Sidhant Sibal (@sidhant) August 1, 2020
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ सीधे संबंध होने के कारण TikTok को यह अंजाम भुगतना पड़ रहा है। ऐसे में अब अगर Bytedance को Tiktok बचानी है, तो उसके पास इसे बेचने के अलावा कोई और चारा नहीं बचा है। Bytedance के सामने आई इस चुनौती को Microsoft एक अवसर के रूप में देख रहा है। दरअसल, Nytimes की एक रिपोर्ट के मुताबिक TikTok को लेकर Microsoft और Bytedance लगातार बातचीत कर रही हैं। सिर्फ Microsoft ही नहीं, बल्कि Sequoia Capital, SoftBank और General Atlantic जैसे गैर-चीनी निवेशक भी TikTok में निवेश कर सकते हैं।
अगर Microsoft दुनिया की सबसे ज़्यादा लोकप्रिय apps में से एक TikTok को खरीदने में सफल रहती है, तो यह उसका अन्य Tech companies जैसे गूगल, फेसबुक और एपल के मुक़ाबले में लाकर खड़ा कर देगा। Microsoft बेशक Operating System क्षेत्र की ताकतवर, दिग्गज और प्रभावी कंपनी हो, लेकिन सोशल मीडिया क्षेत्र में Microsoft हमेशा अपनी प्रतिद्वंदी कंपनियों से पिछड़ी ही रही है। हालांकि, TikTok खरीद के बाद इसमें बड़ा बदलाव आ सकता है।
वर्ष 1975 में Microsoft की स्थापना हुई थी, और वर्ष 1985 में Microsoft ने पहली Windows को मार्केट में लॉन्च किया था। इसके बाद Operating System क्षेत्र में कंपनी का एकाधिकार स्थापित हो गया। हालांकि, 21वीं सदी के पहले दशक में Microsoft को Apple से टक्कर मिलना शुरू हुई जब Apple ने पहले Ipod और फिर Iphone के जरिये लोगों से जुड़ना शुरू किया। वर्ष 2007 में Apple ने अपना IOS लॉन्च किया। हालांकि, सस्ता और आसानी से उपलब्ध होने के कारण Microsoft का एकाधिकार कायम रहा।
Microsoft के लिए सबसे बड़ी समस्या यह रही कि कंपनी समय रहते सोशल मीडिया की value समझ नहीं पाई। वर्ष 2010 आते-आते फेसबुक, गूगल और apple सोशल मीडिया क्षेत्र में अपनी पकड़ बना चुके थे, लेकिन Microsoft सिर्फ Operating सिस्टम और Utility software तक ही सीमित रहा। इसका नतीजा यह हुआ कि Microsoft data race में अपने प्रतिद्वंधियों से पिछड़ गया।
आज के समय में Data ही नया तेल है। यानि जिस प्रकार पहले के जमाने में उद्योग की तेल यानि ऊर्जा की खपत कर अपना आकार बड़ा करते थे, आज वही data की सहायता से किया जाता है। गूगल दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन बन गया, यानि आज गूगल के पास data की कोई कमी नहीं है। हर सेकंड करोड़ों लोग गूगल पर अपने विचार साझा कर रहे होते हैं। इसी प्रकार वर्ष 2020 तक फेसबुक के दुनियाभर में 260 करोड़ यूजर्स बन गए हैं। इसी प्रकार Google के भी दुनियाभर में 100 करोड़ से ज़्यादा यूजर्स हैं। गूगल और फेसबुक, दोनों ही अपने इस data का इस्तेमाल कर बड़ी-बड़ी दिग्गज कंपनियाँ बन गए। दोनों कंपनियाँ targeted ads का सहारा लेकर कई गुना बड़ी हो गयी जबकि Microsoft कुछ खास कमाल नहीं कर पाई।
TikTok के आने से Microsoft सीधे तौर पर गूगल और फेसबुक के सामने आकर खड़ी हो जाएगी, जिसके बाद Microsoft भी अपने Data का इस्तेमाल कर TikTok को और बड़ा बना सकती है और अपने राजस्व को बढ़ा सकती है। 100 करोड़ से ज़्यादा यूजर्स के साथ Microsoft कभी गूगल और फेसबुक से मुक़ाबला करने की सोच नहीं पाई। हालांकि, यह तस्वीर संभावित Microsoft-Tiktok deal के बाद बदल सकती है।
TikTok के शामिल होने के बाद Microsoft के पास 800 मिलियन और लोगों का data होगा, जिसका अर्थ है data के मामले में यह कंपनी दोगुनी बड़ी हो जाएगी। इसके साथ ही Microsoft अभी केवल corporate world तक ही सीमित है, लेकिन TikTok के माध्यम से कंपनी युवा यूजर्स तक पहुँच बना सकेगी। कुल मिलाकर भारत और अमेरिका की सरकार ने Microsoft को comeback करने का ऐसा मौका दिया है जिसे कंपनी सपने में भी नहीं गंवाना चाहेगी।