कल अयोध्या में राम मंदिर के लिए भूमि पूजन के बाद पीएम मोदी ने पूरे देश को संबोधित किया। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत ‘जय सिया राम’ से की और सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने कहा कि, आज पूरी दुनिया में भगवान राम का नाम गूंज रहा है और आज पूरा देश “राममय” हो गया है। अयोध्या में अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने सुंदरकांड के एक दोहे की पंक्ति का भी जिक्र किया जो भारत की मनःस्थिति और नई पहचान को दर्शाता है। मोदी ने कहा, भय बिनु होइ न प्रीति- यानी भय के बिना शांति स्थापित नहीं होती।
भय बिनु होइ न प्रीति दोहे का उल्लेख तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस में तब आता है जब भगवान राम, माता सीता की खोज में समुद्र तट पर पहुंच चुके थे और लंका पहुंचने के लिए समुद्र को पार करना एकमात्र रास्ता था। तब भगवान श्री राम ने विनयपूर्वक समुद्र से मार्ग देने की प्रार्थना की। समुद्र से आग्रह करते हुए श्रीराम को तीन दिन बीत गए, लेकिन समुद्र का उस पर कोई प्रभाव नहीं हुआ। तब भगवान राम समझ गए कि अब अपनी शक्ति से समुद्र में भय उत्पन्न करना अनिवार्य है। श्री रामचरितमानस में तुलसी दास ने समुद्र को जड़ बताते हुए लिखा है:
विनय न मानत जलधि जड़, गए तीनि दिन बीति।
बोले राम सकोप तब, भय बिनु होइ न प्रीति।।
अर्थात, इधर तीन दिन बीत गए, किंतु जड़ समुद्र प्रभु श्री राम की विनती नहीं मान रहा। तब श्री राम क्रोध सहित बोले कि भय के बिना प्रीति नहीं होती। अतः श्री राम ने समुद्र पर शस्त्र उठाकर उचित सीख दी कि अगर आवश्यक काम आग्रह से न पूरा हो तो फिर अपनी ताकत का एहसास करा कर भय से काम निकाला जा सकता है।
साल 2014 में सत्ता में आने के बाद से ही मोदी सरकार का फोकस, भारत को राजनैतिक, आर्थिक और सामरिक क्षेत्रों में मजबूत करने का रहा है। मोदी सरकार ने इस दिशा में कई कदम उठाए जिससे भारतीय सुरक्षा बल की शक्ति में कई गुना इजाफा हुआ है। आज उन्हीं निर्णयों का फल है कि, भारत अपनी ताकत के इस्तेमाल से भगवान राम की तरह ही अपनों की मदद और शत्रुओं को भयभीत कर रहा है।
मोदी सरकार ने इजराइल से 54 हारोप ड्रोन, 72,400 सिग सॉर असाल्ट राइफल्स और 111 नेवल हेलीकॉप्टर खरीदने से लेकर, चिनूक और अपाचे हेलिकॉप्टर को शामिल कर सुरक्षा बलों को एक नई ऊर्जा दी है। वहीं एंटी-सैटेलाइट मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण कर भारत के स्पेस और डिफेंस सेक्टर ने एक नया आयाम हासिल किया। एक लंबे इंतजार और विवादों की दीवार को पार करते हुए आखिरकार भारत में पहला राफेल विमान भी आ गया। इसके अलावा, भारत के इतिहास में सबसे बड़ा रक्षात्मक सुधार करते हुए, मोदी सरकार ने चीफ़ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद को सृजित कर सैन्य संगठन में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया। इससे रक्षा सौदों की खरीद से ले कर अहम निर्णय लेने की क्षमता भी काफी दुरुस्त हो गई।
रूस से S-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम के करार से ले कर, भारत में बनी Dhanush artillery तथा M777 Howitzers और K9 Vajra तक सेना को दिए जा चुके हैं और लगातार दिए जा भी रहे हैं। पीएम मोदी ने भगवान राम की ही नीति (भय बिनु होइ न प्रीति) का पालन करते हुए देश को इतना ताकतवर बनाने की तरफ कदम बढ़ा दिया है, जहां से उस पर कोई नजर उठा कर भी देखने की हिमाकत नहीं करेगा।
पीएम मोदी ने देश को ताकतवर बना कर उस ताकत का सार्थक इस्तेमाल भी किया है। जब भी भारत पर युद्ध जैसी स्थिति थोपी गयी, तब भारत ने हमेशा उसका मुंहतोड़ जवाब दिया। उरी हमले के बाद पाकिस्तान के आतंकयों को उनके घर में घुस कर मारना हो या पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान को असमान से सबक सिखाना हो, हर बार भारत ने अपनी शक्ति का बेजोड़ प्रदर्शन किया। चीन के लद्दाख में कायरतापूर्ण हमले का करारा जवाब देना इस बात को पूरी तरह सिद्ध करता है कि अपनी शक्ति की डींगे हांकने वाला कोई भी देश भारत के आगे नहीं टिक सकता। पीएम मोदी ने देश की सुरक्षा को एक नया आयाम दिया है। आज भारत की बढ़ी हुई ताकत का इस्तेमाल उसी तरह किया जाता है जैसे, श्रीराम अपने सौम्य स्वभाव के साथ अपनी ताकत का इस्तेमाल आवश्यकता पड़ने पर ही करते थे।
भारत के इन्हीं कदमों का असर है कि आज चीन और पाकिस्तान दोनों सकते में हैं और किसी भी प्रकार के हमले से पहले दस बार सोचते हैं। सिर्फ यही नहीं, भारत ने अपनी ताकत का इस्तेमाल कई देशों की मदद के लिए भी किया। चाहे तूफान प्रभावित मैडागास्कर को मदद पहुंचानी हो या भूटान जैसे अहम पड़ोसी को चीन के चंगुल से बचाना हो।
जब मर्यादा पुरुषोत्तम को भी क्रोध करना पड़ा तब मर्यादित रहने वाला भारत आखिर कब तक सहन करता? पीएम मोदी द्वारा भय बिनु होइ न प्रीति दोहे का उल्लेख करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि अब पड़ोसी देशों और भारत का अहित चाहने वालों को यह समझ लेना चाहिए कि अगर भारत को भगवान राम की तरह अपनी शक्ति का प्रयोग करना पड़ा तो वह कभी पीछे नहीं हटेगा। पीएम मोदी ने भगवान राम की नीतियों का पालन किया है जिससे आज भारत का यश पूरे विश्व में गूंज रहा है।