सुशांत के मामले में मुंबई पुलिस और बिहार पुलिस का बीच टकराव शर्मनाक, उद्धव ने इसे प्रतिष्ठा की लड़ाई बना दी है

कुछ तो शर्म करो उद्धव!

बिहार पुलिस

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामलें में उनके पिता के के सिंह ने पटना के राजीव नगर थाने में सुशांत की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुक़दमा दायर किया है। इस मामले की जांच के लिए बिहार पुलिस के अधिकारी इन दिनों मुंबई में हैं।  बिहार पुलिस का कहना है कि मुंबई पुलिस जांच में उनका सहयोग नहीं कर रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बिहार पुलिस को तीन दिन बीत जाने के बाद भी मुंबई पुलिस की ओर से सुशांत की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, उनकी डायरी और जब्ती सूचि नहीं सौपीं गई थी। बिहार सरकार के एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने अपने एक बयान में कहा, “जब एक राज्य की पुलिस दूसरे राज्य में जांच करने जाती है तो संबंधित राज्य सरकार और उनके अधिकारी उन्हें पूरा सहयोग देते हैं। इस केस में दुर्भाग्य से वे (मुंबई पुलिस) कोऑपरेट नहीं कर रहे हैं।”  इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि मुम्बई पुलिस के अधिकारी बिहार पुलिस के अधिकारियों के साथ बदसलूकी कर रहे हैं।

इसी बीच रिया चक्रवर्ती ने पटना में उनके विरुद्ध हुई FIR पर कार्रवाई रुकवाने के उद्देश्य से सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। इस मामले में जहां रिया की ओर से जाने माने वकील सतीश मानशिंदे होंगे वहीं, बिहार सरकार की तरफ से पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी खड़े होंगे। इससे पहले बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशिल मोदी ने भी ट्वीट करके मुंबई पुलिस पर, बिहार पुलिस को जांच में सहयोग न देने का आरोप लगाया था।

गौरतलब है की सुशांत के पिता ने रिया पर सुशांत के साथ पैसों के मामले में धोखाधड़ी का भी आरोप लगाया है। उनके आरोप के अनुसार रिया ने सुशांत से 15 करोड़ रूपये भी ऐठें है। इस मुद्दे पर  महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ”सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले को सीबीआई को दिए जाने के साथ बड़ी संख्या में लोगों की भावनाएं जुड़ी हैं, लेकिन सरकार के रवौये को देखते हुए ऐसा नहीं लगता। लेकिन कम से कम ईडी तो इस मामले ECIR दर्ज कर मनी लॉन्ड्रिंग और मनी ट्रेलिंग की जांच कर सकती है।”

इसपर महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा , ”मुंबई पुलिस मामले की जांच कर रही है। केस सीबीआई को ट्रांसफर नहीं किया जाएगा।’

अब इस मामले बिहार में रिया और उनके परिवार के खिलाफ दायर हुई एफआईआर के बाद सरकार हरकत में आई। बिहार के CM नितीश कुमार ने कहा कि यदि सुशांत का परिवार उनसे अपील करे तो वो केंद्र सरकार से मामले की सीबीआई जांच करवाने की सिफारिश करेंगे। सीबीआई जांच के नियम के अनुसार इसके लिए जब तक राज्य सरकार परिवार की मांग के आधार पर सीबीआई जांच की सिफारिश नहीं करेगी, तब तक सीबीआई किसी भी मामले में हस्तक्षेप नहीं करती है।

मामले में सीबीआई जांच की मांग को तूल पकड़ता देख उद्धव ठाकरे ने भी बयान जारी किया है। मंबई पुलिस द्वारा बिहार पुलिस की जांच में मदद न करने के मद्दे पर अब उद्धव ठाकरे ने एक मराठी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘मुंबई पुलिस बेकार नहीं है। अगर किसी के पास सबूत हैं तो उसे हमारे पास पहुंचा सकता है। हम उसके आधार पर आरोपियों से पूछताछ करेंगे और जो भी दोषी होगा उसे सजा भी देंगे। मेरी अपील है कि इस मुकदमे को महाराष्ट्र और बिहार के बीच झगड़े की वजह ना बनाया जाए।’ साफ़ जाहिर है की उद्धव मामले में पुलिस पर बनाए जा रहे दबाव के आरोपों पर मौन हैं, ओर मामले को दबाने के लिए भावनात्मक तर्कों का सहारा ले रहें हैं। यदि ऐसा नहीं है तो मुंबई पुलिस को बिहार पुलिस की जाँच में सहयोग देना चाहिए था।

पूरे मामले में बिहार और मुम्बई पुलिस के बीच जैसा टकराव सामने आया है, और जैसा रवैया महाराष्ट्र सरकार ने अपना रखा है, वह संघीय ढांचे की भावना के भी विरुद्ध है। इसका एक राजनीतिक पहलू यह भी है कि महाराष्ट्र और बिहार दोनों जगह की राजनीति में मराठी बनाम बिहारी का फैक्टर प्रभावी रहा है। देश के दो बड़े राज्यों की पुलिस का आपस में टकराना एक गलत उदाहरण पेश करता है।

सुशांत की मौत को 48 दिन हो चुके हैं और अब तक मुंबई पुलिस की जाँच किसी ओर बढ़ती नहीं दिख रही ऐसे में मुंबई पुलिस की नीयत पर सवाल उठना स्वाभाविक है। महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस को मामले की गंभीरता को देखते हुए बिहार पुलिस का सहयोग कर मामले को और जल्दी सुलझाने पर काम करना चाहिए।

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