चीन में जन्मी “Lady Jesus” का नया “ईसाई धर्म” नागालैंड के इसाइयों का सरदर्द बना हुआ है

Northeast भारत में चीन से नया ईसाई धर्म कैसे आ गया?

नागालैंड

भारत के पूर्वोत्तर राज्यों और खासकर नागालैंड के इसाइयों के सामने चीन से imported एक नया और बड़ा खतरा पैदा हो गया है। नहीं, हम कोरोना वायरस की बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि ईसाई धर्म के एक नए चीनी वर्जन की बात कर रहे हैं। चीन का यह “Eastern lightning” पंथ तेजी से भारत के पूर्वोतर राज्यों में अपनी जड़ें मजबूत करता जा रहा है। माना जा रहा है कि, इस पंथ की स्थापना “lady Jesus” Yang Xiangbin द्वारा वर्ष 1991 में चीन में की गयी थी, लेकिन वर्ष 1995 में चीन में इसे प्रतिबंधित कर दिया गया था। हालांकि, अब यह नया पंथ भारत के पूर्वोतर में अपनी जगह बना रहा है, जिसने नागालैंड की ईसाई संस्थाओं को चिंता में डाल दिया है।

Nagaland Baptist Church Council ने अगस्त 19 को जारी किए अपने एक पत्र में संबन्धित चर्चों और अन्य संस्थाओं को सावधान हो जाने के लिए कहा है। बता दें कि NBCC से नागालैंड के करीब 1500 चर्च जुड़े हुए हैं। माना जाता है कि चीन में जन्मे इस नए ईसाई पंथ के दुनियाभर में 30 से 40 लाख फोलोवर्स हैं और भारत में भी इस पंथ की मौजूदगी बढ़ती जा रही है। इस पंथ से जुड़े लोग फेसबुक और Whatsapp के जरिये हजारों लोगों तक पहुँच रहे हैं। इस पंथ से जुड़ा “Church of Almighty God” नाम का एक फेसबुक पेज भी है, जिसके करीब 1 लाख 30 हज़ार फोलोवर्स हैं। इस पेज के दावों के अनुसार “Almighty God” ईसा मसीह का ही एक नया अवतार है। संस्था का यह भी दावा है कि अमेरिका, UK, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, New Zealand, Hong-Kong, जर्मनी, नेदरलैंड्स, फ्रांस और कोरिया में उनके ऑफिस हैं।

अब NBCC ने अपने पत्र में दावा किया है कि, यह पंथ युवाओं पर तेजी से अपनी पकड़ बनाता जा रहा है। एनबीसीसी के महासचिव डॉ जेलो कीहो ने सभी बैप्‍टिस्‍ट संगठनों को खत भेजकर आगाह करते हुए कहा, “मुझे बड़ी चिंता के साथ कहना पड़ रहा है कि चर्च ऑफ अल्‍माइटी गॉड चीन से यहां आकर हमारी जमीन पर अपनी जड़ें जमा रहा है।“ इस पंथ ने बाइबल की तरह ही अपनी धार्मिक पुस्तक “The Word Appears in the Flesh” को भी रिलीज़ किया हुआ है।

इस पंथ की संस्थापक का वर्ष 1973 में जन्म हुआ था। वर्ष 1991 में पंथ की स्थापना हुई। वर्ष 1995 में जब यह ban हो गया, तो “lady Jesus” को अपने समर्थकों के साथ अमेरिका में शरण लेनी पड़ी। अब अमेरिका के न्यूयॉर्क में ही इस पंथ का मुख्य ठिकाना माना जाता है।

इस पंथ की नई पुस्तक “The Word Appears in the Flesh” में female Jesus के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी है। हैरानी की बात यह है कि, इस पंथ के फोलोवर्स “lady Jesus” को “She” की बजाय “He” कहकर पुकारते हैं, क्योंकि वे उन्हें Jesus का ही एक अन्य अवतार मानते हैं।

ऐसे वक्त में जब चीन और भारत का विवाद चल रहा है और भारत ने चीन के खिलाफ आर्थिक युद्ध छेड़ा हुआ है, तब भारत के राज्यों में इस नए चीनी ईसाई धर्म का फैलना चिंता का विषय है। इस नए धर्म से ना सिर्फ सावधान होने की ज़रूरत है, बल्कि इसकी जांच भी की जानी चाहिए।

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