पाकिस्तान इस समय एफ़एटीएफ़ की ब्लैकलिस्ट में जाने के लिए पूरी तरह तैयार है। यानि ये उपाधि मिलते ही पाकिस्तान को हर प्रकार से मिलने वाली आर्थिक मदद बंद हो जाएगी और पाकिस्तान आधिकारिक रूप से पूरी दुनिया से अलग-थलग पड़ जाएगा। भारत की वर्तमान गतिविधियों को अगर ध्यान से देखें तो वह ये सुनिश्चित करने में लगा है कि पाकिस्तान के साथ यही हो।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत एफ़एटीएफ़ के समक्ष पुलवामा हमले और उसके पाकिस्तान कनेक्शन का पूरा कच्चा चिट्ठा खोलने वाला है। एक अफसर ने बताया, “जब ये बात सामने आई है कि, एक आतंकी को खुलेआम पाकिस्तान में सक्रिय बैंक अकाउंट से वित्तीय सहायता मिल रही थी, ताकि वह आरडीएक्स और पुलवामा हमले के लिए आवश्यक अन्य विस्फोटक और उपकरण खरीद सके, तो उससे यह स्पष्ट हो जाता है कि, पाकिस्तान आतंकवाद के विरुद्ध लड़ने के अपने दावे में असफल सिद्ध हुआ है।”
पर बात यहीं पे खत्म नहीं होती। एनआईए की पड़ताल के अनुसार, जिन बैंक अकाउंट्स के जरिये जैश ए मुहम्मद के मुखिया मसूद अज़हर ने पुलवामा के हमले को अंजाम दिया था, उसी के जरिये एक और हमले को अंजाम दिया जाना था। लेकिन बालाकोट में जैश के अड्डों पर हुए हवाई हमले के बाद मसूद अज़हर द्वारा इस हमले पर रोक लगाने के निर्देश जारी हुए थे, क्योंकि बालाकोट के हवाई हमले से दुनिया की नज़रें पाकिस्तान पर लगी हुई थी। ऐसे में भारत के पास एफ़एटीएफ़ में पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट कराने के लिए पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध है।
अक्टूबर में होने वाली एफ़एटीएफ़ की बैठक में ब्लैक लिस्ट होने के ख्याल मात्र से पाकिस्तान कितनी बुरी तरह से घबराया हुआ है, यह आप पाकिस्तान के वर्तमान प्रधानमंत्री इमरान खान नियाज़ी की हालत से अच्छी तरह समझ सकते हैं। जनाब ने हाल ही में इस संभावना पर ट्वीट किया, “विपक्ष ने एफएटीएफ से संबंधित दो अहम विधेयकों को खारिज कर दिया- धनशोधन विरोधी विधेयक और आईसीटी वक्फ विधेयक। पहले दिन से मैं इस बात पर कायम हूं कि, विपक्षी नेताओं के स्वार्थी हित और देश के हित अलग-अलग हैं।”
Today in Senate the opposition defeated 2 critical FATF-related bills: Anti Money Laundering & ICT Waqf bills. From day one I have maintained that the self-serving interests of the opposition leaders & the country's interests are divergent. As accountability noose has tightened,
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) August 25, 2020
इसके अलावा इमरान ने ट्वीट किया, “विपक्षी नेता संसद को कार्य करने से रोक कर अपने अवैध पैसे को बचाने के लिए बेताब हैं। उन्होंने पहले सरकार की प्रभावी कोविड-19 रणनीति को कमतर बताया और अब एफएटीएफ की ब्लैकलिस्ट से बचने के लिए पाकिस्तान के प्रयासों को नाकाम कर, विपक्ष पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं होने देना चाहता। ये सब अपने लूट के पैसों को बचाना चाहते हैं”।
Opposition tries to hide behind facade of democracy to protect their loot & plunder. To blackmail for NRO by defanging NAB, they would even have Pak put on FATF black list to destroy nation's economy & increase poverty. They keep threatening to bring down govt unless given NRO.
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) August 25, 2020
अपने देश में छाती पीटने से पहले इमरान खान ने कई देशों से इस मसले पर समर्थन माँगा, लेकिन भारत के सामने इमरान की एक न चली। पाकिस्तान को एफ़एटीएफ़ द्वारा ब्लैकलिस्ट कराने के लिए भारत कितना प्रतिबद्ध है, ये आप विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान से समझ सकते हैं। उनके अनुसार, “ये कितना हास्यास्पद है कि, जिसने आतंकवाद को पाला-पोसा और जो आतंकवाद को दूसरे देशों में निर्यात करता फिरता है, आज वही आतंकवाद से पीड़ित होने का रोना रो रहा है।” ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि, अब पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट होने से संसार की कोई शक्ति नहीं बचा पाएगी।