अमेरिका ने पिछले एक साल में सुरक्षा कारणों का हवाला देकर चीन की हुवावे को लगभग बर्बाद कर दिया है। हालांकि, अमेरिका के इस एक्शन के बाद दुनियाभर में एक बड़ा अहम सवाल उठाया जा रहा है, और वो सवाल है कि अगर “हुवावे नहीं तो फिर कौन”? इस बात में कोई दो राय नहीं है कि तकनीक और आर्थिक पहलुओं के आधार पर हुवावे का कोई विकल्प था ही नहीं! हुवावे की 5जी तकनीक ना सिर्फ दुनिया में सबसे बेहतर थी, बल्कि यूरोपियन विकल्पों के मुक़ाबले हुवावे के उपकरण सस्ते भी थे। हालांकि, अब लगता है कि दुनिया को इस समस्या का समाधान मिल गया है, और इस समाधान पर अमेरिका और जापान मिलकर काम कर रहे हैं।
दरअसल, जापान में hardware की बजाय software पर आधारित एक virtual 5G नेटवर्क तकनीक ORAN यानि Open Radio Access Network को विकसित किया जा रहा है। इस तकनीक में hardware से ज़्यादा सुरक्षित softwares और radio waves का इस्तेमाल किया जाएगा। जापान की कंपनी Rakuten इसे सितंबर महीने में लॉन्च कर सकती है। इसमें जो भी थोड़े-बहुत उपकरण इस्तेमाल किए जायेंगे, वे जापान की ही कंपनी NEC बनाएगी। इसके अलावा इस तकनीक में इस्तेमाल होने वाले softwares अमेरिकी कंपनियों जैसे Intel, Airspan, Qualcomm द्वारा बनाए जाएंगे।
ऐसे में अमेरिका और जापान के सहयोग से तैयार हो रही यह virtual 5G नेटवर्क तकनीक हुवावे के विकल्प के तौर पर देखी जा रही है। ORAN तकनीक अन्य hardware आधारित 5G developers जैसे यूरोप की Nokia और Erikson का भी अच्छा विकल्प प्रदान कर सकती है। Nokia और Erikson ना सिर्फ महंगी सुविधाएं प्रदान करती हैं, बल्कि इनकी सुविधाओं की गुणवत्ता भी कुछ खास नहीं है। ऐसे में cable-less ORAN तकनीक 5G क्षेत्र में गेमचेंजर साबित हो सकती है।
बता दें कि 5जी कम्यूनिकेशन क्षेत्र में चाइना-फ्री कंपनियों की संख्या बेहद कम ही हैं। यूरोप की Nokia और Erikson के अलावा जापान की Rakuten और भारत की Jio 5G तकनीक को विकसित करने में लगी हैं। हाल ही में रिलायंस की 43वीं वार्षिक आम सभा में कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने अपने बहुप्रतीक्षित 5जी नेटवर्क की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि “सरकार की ओर से 5जी सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम का ऐलान होते ही जियो 5जी सेवाओं को ट्रायल के लिए शुरू कर दिया जाएगा। जियो का 5जी सोल्यूशन दूसरी टेलीकॉम कंपनियों को उपलब्ध कराया जाएगा।” जियो का 5जी नेटवर्क अपने आधिकारिक लॉन्च से पहले ही कितना लोकप्रिय हो चुका है, इसका अंदाज़ा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि स्वयं अमेरिकी प्रशासन इससे काफी प्रभावित हुआ है। इसी वर्ष जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारत आए थे तो मुकेश अंबानी ने उन्हें बताया था कि उनकी कंपनी में एक भी चीनी पार्टी नहीं है। यह सुनने के बाद ट्रम्प ने मुकेश अंबानी की तारीफ़ करते हुए कहा था “अरे वाह! यह तो बहुत अच्छा है”।
Rakuten मोबाइल का उदय समान रूप से अभूतपूर्व रहा है। जापानी टेक दिग्गज 5 जी तकनीक में क्रांति लाना चाहता है। यह पहले ही जापान में अपने प्रतिद्वंद्वियों द्वारा लगाए गए लगभग आधे दामों पर 4 जी सेवाओं की शुरुआत कर चुका है। Rakuten भी अपनी 5G सेवाओं को किकस्टार्ट करना चाहता था, लेकिन कोरोनावायरस महामारी के कारण इसमें देरी हो गयी। गैर-चीनी फर्मों की दौड़ में अग्रणी होने के कारण, यह चीन के Huawei से बेहतर विकल्प सिद्ध हो सकता है। उम्मीद है कि Rakuten जल्द ही ORAN तकनीक की सहायता से software आधारित 5जी नेटवर्क को सफलतापूर्वक लॉन्च कर पाएगा। ORAN की सफलता हुवावे के ताबूत में आखिरी कील का काम करेगी।