चीन में बना सामान होगा महंगा, भारतीय इलेक्ट्रॉनिक बाज़ार से चीनी एकाधिकार खत्म होने की कगार पर

अब हर एक उत्पाद पर बॉयकोट china

चीन

pc: इंडिया टीवी

भारत सरकार एक नई योजना के साथ आई है जो न सिर्फ चीन के आर्थिक हितों को चोट पहुंचाएगी, बल्कि भारतीय बाजार में बराबरी की प्रतिस्पर्धा का माहौल भी बनाएगी। अब तक कैमरा, टेक्सटाइल, एल्युमिनियम गुड्स सहित ऐसे बहुत से उत्पादों के बाजार थे जिनपर चीन का एकाधिकार था। अब चीन के इस एकाधिकार को तोड़ने के लिए, मोदी सरकार इन सभी वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाएगी। इसके कारण, इनके दाम कई गुना बढ़ जाएंगे, जिससे भारतीय बाजारों में ऐसी वस्तुओं के खरीददार कम हो जायेंगे। यह सीधे तौर पर चीन को नुकसान पहुंचाएगा।

हालांकि, सरकार ने किसी विशेष देश का नाम नहीं लिया है लेकिन माना जा रहा है कि इसका प्रभाव चीन पर ही पड़ेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा है, यह विशिष्ट रूप से चीन के उत्पादों पर ही लागू होने वाली कार्रवाई नहीं है बल्कि सीमा शुल्क में समग्र रूप से वृद्धि की गई है। हालांकि, यह कार्यवाही चीनी उत्पादों को ध्यान में रखकर ही की जा रही है, जो बड़ी मात्रा में हमारे देश में आ रहे हैं।

ये सभी उत्पाद भारतीय बाज़ार के लिए इतने सामान्य हो गए हैं कि आम लोगों और पिछली किसी सरकार का ध्यान इस ओर गया ही नहीं। यही कारण है कि, भारत में इतनी प्रबल चीन विरोधी भावना के बाद भी ये क्षेत्र “बायकॉट चीन” से प्रभावित नहीं हुए। मोबाइल मार्केट की तरह ये सभी उत्पाद आसानी से लोगों के या सरकार के ध्यान में नहीं आते। अब मामला वित्त मंत्रालय की मंजूरी के इंतजार में है और माना जा रहा है कि इसके लिए जल्द ही मंजूरी मिल जाएगी।

जहाँ एक ओर सरकार चीनी व्यापर को भारतीय बाजार में मुश्किल कर रही हैं तो वहीं, चीन द्वारा बनाए गए रिक्त स्थान को भारतीय उत्पादन से भरने की योजना भी लगभग तैयार है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि, सरकार का लक्ष्य पूर्व-चिन्हित क्षेत्रों में विदेशी निवेश को आकर्षित करना, संयुक्त उद्यमों को बढ़ावा देना और वैश्विक बाजारों में भारत की हिस्सेदारी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए स्थानीय व्यवसायों का समर्थन करना है। स्पष्ट है कि, सरकार का लक्ष्य, विदेशी निवेश के जरिये उच्च तकनीक और पूंजी हासिल करना है जिससे घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सके। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत के लिए उन क्षेत्रों में अवसर है जहां चीन वैश्विक बाजार में बड़ी हिस्सेदारी रखता है। सरकार का लक्ष्य मात्र भारतीय बाजार ही नहीं है, बल्कि सरकार का लक्ष्य, भारत के उत्पादन को वैश्विक बाजार के हर उस क्षेत्र में आगे बढ़ाने का है, जहाँ आज चीन का राज है। गडकरी का यह बयान बताता है कि, मोदी सरकार चीन के खिलाफ विश्व भर में फैले गुस्से का इस्तेमाल भारत के आर्थिक हितों के लिए करने की योजना पर काम कर रही है।

चीन का वैश्विक बाजार में दबदबा इस कारण है क्योंकि, वह सस्ती वस्तुओं का निर्माण करने में सक्षम है। ये वस्तुएं साधारण उपभोक्ता को कम दाम में मिलती हैं। चीन ने यह क्षमता कई वर्षों में अर्जित की है इसलिए नए उत्पादक चाह कर भी उसकी बराबरी नहीं कर पाते।

साथ ही चीन बड़ी मात्रा में अपने उत्पादों को भारतीय बाजार में उतार देता है। इसके लिए वह ऐसे देशों को माध्यम बनाता है जिनका भारत के साथ मुक्त-व्यापार-समझौता है। इन देशों से आयात होने वाली वस्तुओं पर टैरिफ कम लगता है, जिसके कारण चीनी माल सस्ते दाम पर भारत आ जाते हैं। लेकिन सरकार ने अब उन वस्तुओं पर आयात शुल्क बढ़ाकर चीन की इस चाल का तोड़ निकाल लिया है। अब उम्मीद की जा सकती है कि, जल्द ही भारतीय और वैश्विक बाजार में भारत निर्मित वस्तुओं का बोलबाला होगा।

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