UK को बड़ा झटका लगा है, लेकिन उसके पास Bounce Back करने के कई रास्ते हैं, EU के पास नहीं!

UK के दोस्त उसे बचा लेंगे, EU के दोस्त उसे डुबा देंगे!

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हाल ही में UK ने वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही के GDP आंकड़ों को जारी किया, जिसने सभी को चिंता में डाल दिया है। दूसरी तिमाही में ब्रिटेन की जीडीपी में 20.4 फीसदी की रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गयी है। यह दुनिया की किसी भी प्रमुख इकॉनमी में सबसे बड़ी गिरावट है। कुछ दिनों पहले ही EU के आर्थिक आंकड़ें भी देखने को मिले थे, जिसके बाद यह पुष्टि हुई थी कि EU आर्थिक मंदी का शिकार हो गया है। हालांकि, UK की अर्थव्यवस्था को तो EU से भी ज़्यादा जोरदार झटका लगा है जिससे, UK और EU के आर्थिक भविष्य में बड़ा फर्क देखने को मिल सकता है। UK आर्थिक पहलू पर बड़ी ही सक्रियता से अपने साथियों जैसे अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ trade deals और अन्य आर्थिक मुद्दों पर साथ मिलकर काम कर रहा है। ऐसे में UK जल्द ही इस आर्थिक मंदी से उबर सकता है। वहीं EU के लिए भविष्य में भी संकट के बादल मँडराते दिखाई दे रहे हैं।

UK की मौजूदा आर्थिक हालत बेहद चिंतनीय है। ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक के मुताबिक, “आज के आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि हम बेहद खराब दौर से गुजर रहे हैं। हजारों लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं और दुख की बात है कि आने वाले दिनों में और लोगों की नौकरियां जाएंगी। हमें मुश्किल फैसले करने होंगे लेकिन हम इस दौर से उबर जाएंगे। मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि, सबको इससे उबरने का मौका मिलेगा।“ स्पष्ट है कि, कोरोना ने EU से बड़ा झटका UK को दिया है। पिछले महीने के अंत में EU के आर्थिक आंकड़े जारी हुए थे, जिसमें सभी सदस्य राष्ट्रों की अर्थव्यवस्थाओं द्वारा नेगेटिव ग्रोथ रेट दर्ज की गयी थी।

यूरोपियन यूनियन के 27 सदस्यों में से 19 सदस्यों का Monetary Union यानि Eurozone की अर्थव्यवस्था में 12.1 प्रतिशत की कमी देखने को मिली थी। बता दें कि, Eurozone की अर्थव्यवस्था लगातार दूसरी बार सिकुड़ी थी। पहली तिमाही में इसमें 3.6 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली थी। उसके बाद दूसरी तिमाही में हालात और भी खराब हो गए थे। EU में फ्रांस, स्पेन और इटली जैसे देशों की अर्थव्यवस्थाओं ने सबसे बेकार प्रदर्शन किया था। हालांकि, UK को ये अंदेशा था कि उसकी अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन भी दूसरी तिमाही में बेहद खराब रहने वाला है, ऐसे में उसने कोरोना के दौरान ही दूसरे देशों के साथ व्यापारिक मुद्दों पर बातचीत करनी शुरू कर दी।

Brexit के बाद यूनाइटेड किंगडम स्वतंत्र रूप से व्यापारिक समझौते कर पा रहा है जिसके कारण अब United Kingdom और European Union के बीच एक Trade race देखने को मिल रही है। EU से अलग होने के बाद UK बड़े पैमाने पर दूसरे देशों के साथ Trade deals साइन कर रहा है और कई देशों से trade deal पर बातचीत भी कर रहा है। Brexit के बाद UK 20 महत्वपूर्ण trade deals पहले ही कर चुका है। इसके अलावा UK भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका जैसे देशों के साथ trade deals पक्का करने के अंतिम दौर में पहुँच चुका है। दूसरी तरफ इन देशों के साथ trade deals करने के मामले में EU दौड़ से बाहर होता दिखाई दे रहा है।

ऐसे में साफ है कि, UK हालिया आर्थिक झटके से उबरने में देर नहीं लगाएगा। वहीं EU ने वियतनाम और दक्षिण अफ्रीका के साथ बेशक ट्रेड डील्स को पक्का किया है, लेकिन ये दो व्यापार समझौते यूरोप को कोरोना संकट से उबारने के लिए नाकाफी सिद्ध होंगे। EU हर वैश्विक मुद्दे पर अभी चीन का साथ दे रहा है और वह चीन के साथ भी एक trade deal करने को लेकर इच्छुक है। हालांकि, यह भी सच्चाई है कि, चीन की अपनी इकॉनमी कोरोना और US-China trade war की वजह से खस्ता हो चुकी है। ऐसे में चीन के साथी EU का आर्थिक भविष्य अंधकार से भरा दिखाई दे रहा है। आर्थिक पहलू पर बेशक आज दोनों, UK और EU, मंदी का शिकार क्यों ना हो गए हों, लेकिन भविष्य में UK के पास Bounce-back करने के बेहतर अवसर हैं।

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