खाने की तलाश में भूखे-नंगे चीनी नागरिक वियतनाम में घुस गए, अब सभी हुए गिरफ्तार

सुपरपवार चीन अपने लोगों को खाना भी नहीं दे पा रहा है

वियतनाम

PC: Vietnam Insider

कोरोना के बाद सुपरपावर चीन किस तरह बेहाल हो गया है, उसका एक और नमूना देखने को मिला है। दरअसल, वियतनाम में सरकार ने कहा है कि पिछले कुछ दिनों से बड़ी संख्या में चीन के नागरिक वियतनाम में अवैध तरीके से घुस रहे हैं। वियतनाम सरकार के मुताबिक चीन के नागरिक खाने और नौकरी की तलाश में उनके देश में घुस रहे हैं, जिन्हें बड़े पैमाने पर गिरफ्तार किया जा रहा है। चीनी नागरिकों के आने से वियतनाम में कोरोना के फैलने का खतरा भी बढ़ गया है। इन घटनाओं से एक बार फिर यह स्पष्ट हो जाता है कि कोरोना के बाद उत्पन्न हालातों के कारण चीनी लोग दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर पाने में अक्षम साबित हो रहे हैं।

South China Morning Post के मुताबिक वियतनाम सरकार ने कहा है कि जून महीने के बाद से सैकड़ों लोग चीन से भागकर वियतनाम आ रहे हैं और कुछ लोग तो वियतनाम के रास्ते कंबोडिया जा रहे हैं ताकि वे अन्य अवैध गतिविधियों में शामिल हो सकें। हालांकि, अब वियतनाम की सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ सख्ती से पेश आ रही है। वियतनाम की सरकार न सिर्फ कई चीनी नागरिकों को गिरफ्तार कर चुकी है बल्कि उन वियतनामी लोगों को भी गिरफ्तार किया जा रहा है जो चीनी नागरिकों को बॉर्डर पार कराने में सहायता कर रहे हैं।

29 जुलाई की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में वियतनामी सरकार ने 2 वियतनामी नागरिकों को इसलिए गिरफ्तार किया था क्योंकि उन्होंने 9 चीनी नागरिकों को वियतनाम में घुसने के लिए मदद की थी। इसी प्रकार 27 जुलाई को वियतनामी प्रशासन ने 10 चीनी नागरिकों को पकड़ा था, ये सभी अवैध तरीके से बॉर्डर पर कर देश में घुसे थे। 18 जुलाई को भी 21 चीनी नागरिकों को पकड़कर जबरन quarantine किया गया था। जुलाई महीने के अंत में वियतनाम सरकार ने एक gang को गिरफ्तार किया था, जो करीब 50 चीनी नागरिकों को वियतनाम में घुसाने के लिए जिम्मेदार थी। चीनी नागरिकों के घुसने से वियतनाम में कोरोना की दूसरी वेव आने का खतरा बढ़ गया है, क्योंकि 25 जुलाई को करीब 100 दिनों बाद देश में पहला कोरोना केस रिकॉर्ड किया गया।

बता दें कि वियतनाम और चीन के बीच करीब 1400 किमी लंबा बार्डर है, जहां अधिकतर जंगल, पहाड़, नदियां और झरने देखने को मिलते हैं। यही कारण है कि इस बॉर्डर की निगरानी अच्छे से नहीं हो पाती है। इसी का फायदा उठाकर अब चीनी नागरिक अपनी देश की बदहाली से बचने के लिए वियतनाम में घुस रहे हैं।

चीन की बदहाली का रोना तो हाल ही में चीन के प्रिमियर ली केकियांग ने भी रोया था। ली केकियांग ने यह दावा किया कि कोरोना ने चीनी लोगों के जीवन को मुश्किल कर दिया है क्योंकि अभी भी चीन में 60 करोड़ लोगों की औसत मासिक आय 1000 युआन या कहिए लगभग 10 हज़ार भारतीय रुपये से कम है।

ली ने सालाना संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था, ‘‘चीन की औसत प्रति व्यक्ति आय 30 हजार युआन यानी 4,193 डॉलर है। हालांकि, इनमें से 60 करोड़ से अधिक लोग ऐसे हैं जिनकी मासिक औसत आय महज एक हजार युआन यानी करीब 140 डॉलर ही है। यह आय चीन के किसी शहर में एक कमरे के किराये के लिये भी पर्याप्त नहीं है।’’ उन्होंने आगे कहा था कि “कोविड-19 के प्रभाव के कारण कई परिवारों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। चीन अब पूरी तरह से गरीबी को दूर करने के मुश्किल काम की चुनौती से जूझ रहा है। कोरोना वायरस महामारी से पहले चीन में करीब पचास लाख लोग आधिकारिक गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर कर रहे थे। इस महामारी के असर से अब कई लोग वापस गरीबी रेखा के नीचे धकेल दिये गये हैं”।

ली के बयान से ही समझा जा सकता है कि अब चीनी नागरिकों को आखिर अपना देश छोड़कर क्यों भागना पड़ रहा है। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि चीन के पूर्वी हिस्सों में बाढ़ के कारण लोगों का जीना बेहाल हो गया है, जिसके कारण उन्हें देश छोड़ना पड़ रहा है। साफ है कि शी जिनपिंग की नीतियों के कारण चीन के मासूम नागरिकों को दूसरे देशों के धक्के खाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही चीनी सरकार अपने नागरिकों के लिए कोई लाभकारी कदम उठाएगी।

Exit mobile version