‘IPL के स्पॉन्सर का फिर से चीनी कनेक्शन’, IPL 2020 की स्पॉन्सर Dream11 में करोड़ों का चीनी निवेश है

बीसीसीआई के लिए बाप बड़ा ना भैया, सबसे बड़ा रुपैया

बीसीसीआई

आखिरकार आईपीएल के स्पॉन्सर का चयन हो ही गया। चीनी कंपनी वीवो को स्पॉन्सर बनाए का निर्णय बैकफायर होने के बाद बीसीसीआई को अपना विचार बदलना पड़ा और नए स्पॉन्सर की खोज करनी पड़ी। फिलहाल इस वर्ष के लिए फैंटेसी गेमिंग एप ड्रीम 11 को स्पॉन्सर के तौर पर चुना गया है। हालांकि यह करार सिर्फ इस वर्ष के आईपीएल तक रहेगा। लेकिन इस निर्णय से एक बार फिर बीसीसीआई विवादों के घेरे में आ गई है, वही बीसीसीआई जिसके लिए शायद बाप बड़ा न भैया, सबसे बड़ा रुपैया ही मायने रखता है।

दरअसल विवादों का कारण है ड्रीम 11 का चीन से संबंध। ड्रीम 11 के पाँच प्रमुख निवेशक है, जिनके बारे में ड्रीम 11 ने खुलकर अपने ऐप पर जानकारी दी है। इनमें शामिल हैं – Think Investments, Kalari Capital, Multiples, Steadview Capital Management aur Tencent –

इन निवेशकों में से एक कंपनी, Tencet चीन में बसी एक प्रमुख इंटरनेट कंपनी है, जिसने प्रसिद्ध वीडियो गेमिंग एप PUBG समेत कई Android ऐप्स में निवेश किया हुआ है। भारत भर में चीन के खिलाफ लोगों में काफी आक्रोश है। सरकार और आम लोग, चीन से हर किस्म के संबंधों को तोड़ने के लिए तैयार हैं। भारत सरकार ने भी चीन की ऐसी आर्थिक घेराबंदी की कि चीनी अर्थव्यवस्था धराशायी होने की कगार पर है। ऐसे में बीसीसीआई द्वारा चीनी निवेश की कंपनी को आईपीएल की टाइटल स्पॉन्सरशिप देना ना केवल भारतीय क्रिकेटप्रेमियों के साथ धोखा है, बल्कि हर एक हिन्दुस्तानी के साथ धोखा है।

टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए लगाई गई बोली में ड्रीम 11 को 222 करोड़ रुपये के मूल्य पर ये स्पॉन्सरशिप मिली है। इसके लिए ड्रीम 11 ने टीम इंडिया के आधिकारिक स्पॉन्सर बाइजूस और शैक्षणिक एप Unacademy को भी पीछे छोड़ दिया, जिनहोने क्रमश: 201 करोड़ रुपये और 171 करोड़ रुपये में स्पॉन्सरशिप अधिकार खरीदने की पेशकश की थी। चीन समर्थित ऐप को स्पॉन्सरशिप देकर बीसीसीआई ने सिद्ध कर दिया कि अभी भी उनके लिए पैसा ही सर्वोपरि है।

कुछ ही हफ्तों पहले बीसीसीआई ने वीवो के साथ अपना करार बढ़ाने की घोषणा की थी, जिसके कारण उसे सोशल मीडिया पर भारी विरोध का सामना करना पड़ा था। लेकिन ड्रीम 11 को स्पॉन्सरशिप देकर बीसीसीआई ने यही सिद्ध किया है कि उसे अपने देश की अखंडता और संप्रभुता की कोई फ़िक्र नहीं है।

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