एक होते हैं नीच, फिर आते हैं निकृष्ट और फिर आते हैं राजदीप सरदेसाई जैसे पत्रकार। अपने एजेंडे को सच सिद्ध करने के लिए ये व्यक्ति इस हद तक गिर सकता है कि, रवीश कुमार जैसा प्रोपगैंडावादी भी देवता लगे। जहां सीबीआई की पड़ताल में सुशांत सिंह राजपूत के मामले से कई अनसुलझे पहलू निकलकर सामने आ रहे हैं, तो वहीं राजदीप न केवल डिप्रेशन वाले सिद्धांत को अभी भी सत्य सिद्ध करने पर तुले हुए हैं, बल्कि इस केस के संभावित प्रमुख आरोपियों में से एक, अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को अपने चैनल पर बुलाकर एक विशेष इंटरव्यू भी ले रहे हैं। जिस समय रिया के विरुद्ध केवल सीबीआई ही नहीं, बल्कि प्रवर्तन निदेशालय और अब नारकोटिक्स ब्यूरो द्वारा भी मुकदमा दर्ज किया गया हो, तब इस प्रकार से इंटरव्यू लेना राजदीप के वास्तविक एजेंडा को ही दर्शाता है।
इस साक्षात्कार के दौरान रिया ने दावा किया कि, वह सुशांत की मानसिक हालत के बारे में तभी समझ गई थी जब वह दोनों यूरोप के ट्रिप पर गए थे, क्योंकि प्लेन में सफर के दौरान सुशांत को घुटन हो रही थी। पूरे इंटरव्यू में राजदीप और रिया ये सिद्ध करने पर तुले हुए हैं कि, सुशांत मानसिक रूप से विक्षिप्त थे।
इस इंटरव्यू के सामने आते ही सुशांत की पूर्व गर्लफ्रेंड अंकिता लोखण्डे ने क्रोधित हो सुशांत की एक पुरानी वीडियो ट्विटर पर अपलोड की और लिखा, “ये घुटन है? मुझे पता है कि तुम्हें [सुशांत] उड़ने का मन करता था और मैं हमेशा इस बात पर गर्व करूंगी!”
Is this #claustrophobia?
You always wanted to fly and you did it and we all are proud of you 😊 pic.twitter.com/5gc2sgyaEK— Ankita lokhande Jain (@anky1912) August 27, 2020
जब सुशांत के माँ बाप, उनके सगे संबंधी और सुशांत की पूर्व गर्लफ्रेंड अंकिता लोखण्डे ने प्रमाण सहित इस बात को सिद्ध किया है कि, सुशांत मानसिक रूप से बीमार नहीं थे, तब इस फर्जी सिद्धान्त को दोहराने का क्या मतलब है? शायद इसीलिए लोग इस कवरेज से बेहद आग बबूला हैं और उन्होंने एक रात पहले से ही #ShameonAajTak और #BoycottIndiaToday को ट्विटर पर ट्रेंडिंग मुद्दा बना दिया है।
बता दें कि, जब सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को आधिकारिक रूप से सुशांत सिंह राजपूत का मामला सौंपा था, तब उसपर तंज़ कसते हुए राजदीप ने ट्वीट किया था, “COVID 19 के मामले बढ़ रहे हैं, बेरोजगारी बढ़ रही है, बाढ़ का पानी बढ़ रहा है, पर चिंता की कोई बात नहीं, सब बढ़िया है, आखिर सीबीआई की टीम सुशांत मामले की जांच करने मुंबई जो पहुँच गई है। गुड नाइट एंड शुभ रात्रि“
हालाँकि, यह पहला ऐसा अवसर नहीं है जब राजदीप ने अपना विकृत एजेंडा प्रसारित करने का प्रयास किया हो। इससे कुछ हफ्तों पहले जब सुशांत सिंह राजपूत के मामले को सीबीआई को सौंपने की बात चल रही थी, तो राजदीप ने सुशांत की प्रतिभा का उपहास उड़ाते हुए द लल्लनटॉप के एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा था, “सुशांत कोई इतना बड़ा स्टार भी नहीं था जिसके लिए मुंबई पुलिस पर इतना दबाव डाला जा रहा है। लोगों का पुलिस पर से विश्वास उठ चुका है। मुंबई हो या बिहार पुलिस, सवाल पुलिस प्रशासन की प्रतिबद्धता पर ही उठ रहे हैं। क्या यह एक निष्पक्ष जांच है? कुछ भी कहें, पर सुशांत सिंह राजपूत कोई बहुत बड़ा स्टार नहीं था”।
ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि अपने इस बेहूदा साक्षात्कार से एक बार फिर राजदीप सरदेसाई ने यह सिद्ध किया है कि, वह भारतीय पत्रकारिता के माथे पर इतना बड़ा कलंक क्यों है। अपने विकृत एजेंडा को सिद्ध करने के लिए जिस हद तक ये व्यक्ति गिरा है, उसके बारे में किसी भी प्रकार की निंदा कम ही पड़ेगी।