जब योगी आदित्यनाथ ने 2017 में नोएडा के एक हाउसिंग सोसाइटी पर हमला करने वाले बांग्लादेशी घुसपैठियों के झुग्गी झोपड़ियों का विध्वंस कराया, तो किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि यह आगे चलकर एक ऐसा अभियान बन जाएगा, जिससे उत्तर प्रदेश को अपने लिए स्वर्ग समझने वाले अपराधियों का जीना मुहाल हो जाएगा। अब इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए योगी सरकार ने कुख्यात अपराधियों द्वारा खरीदी गई सम्पत्तियों का न सिर्फ विध्वंस किया है, बल्कि उन्ही के जेब से पूरी प्रक्रिया का हिसाब भी वसूला है।
चौंक गए? ऐसा सच में हुआ है। विकास दुबे की अवैध सम्पत्तियों का जो हश्र कानपुर पुलिस ने किया, उसी उदाहरण को आगे बढ़ाते हुए दुर्दांत अपराधियों की अवैध सम्पत्तियों का विध्वंस प्रारम्भ कर दिया गया है। लखनऊ के दलीबाग कॉलोनी में स्थित मुख्तार अंसारी के अवैध संपत्ति को हाल ही में लखनऊ विकास प्राधिकरण ने ध्वस्त किया है। अवैध संपत्ति में दो रेज़िडेन्शियल टावर शामिल थे। इसके अलावा इस पूरे प्रकरण का हिसाब मुख्तार अंसारी से ही वसूला गया है –
Gangster Mukhtar Ansari's illegally owned property demolished near Dalibagh Colony. Expenses of demolition will be recovered from him. FIR will be registered. Responsibility of officials under whom this illegal construction took place will be fixed: Lucknow Administration pic.twitter.com/3mmtre2s6p
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 27, 2020
मुख्तार अंसारी की काफी संपत्तियाँ पिछले कुछ महीनों में ज़ब्त भी की गई है। परंतु ये अभियान केवल मुख्तार अंसारी तक सीमित नहीं है। विवादित सपा नेता और भ्रष्टाचार के आरोप में इस समय जेल में बंद मुहम्मद आज़म खान द्वारा निर्मित एक अवैध रिज़ॉर्ट को रामपुर प्रशासन ने जल्द ही तोड़ने का निर्णय लिया है।
रामपुर के एडीएम जेपी गुप्ता द्वारा टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत के अनुसार, “रामपुर के जिला प्रशासन ने ‘हमसफर’ नामक रिज़ॉर्ट [जिसके मालिक आज़म खान और रामपुर विधायक ताज़ीन फातिमा है] के निर्माण को कोई मंजूरी नहीं दी थी। हमने ताज़ीन फातिमा को नोटिस भेजा था, और उन्हे निर्माण की स्वीकृति के सबूत दिखाने को कहा था, जिसके लिए उन्होंने ज़िला पंचायत द्वारा दी गई स्वीकृति के आधे अधूरे दस्तावेज़ दिखाये थे। यदि 15 दिन के अंदर उचित जवाब नहीं आया, तो इस रिज़ॉर्ट को ध्वस्त करने में रामपुर प्रशासन ज़रा भी नहीं हिचकिचाएगा।’’ बता दें कि इस समय आज़म खान और उसके बेटे अब्दुल्लाह ज़मीन हड़पने और धोखाधड़ी के मामले में जेल में बंद है ।
हालांकि, यह पहली बार नहीं जब अपराधियों से उन्ही के किए कराये का हिसाब चुकता किया जा रहा हो। 2019 के अंत में जब सीएए के विरोध के नाम पर हिंसक प्रदर्शन दिल्ली और बंगाल से होते हुए यूपी पहुंचे थे, तो सभी को शंका थी कि योगी सरकार कैसे इससे निपटेगी। लेकिन योगी सरकार ने सभी को चौंकाते हुए एक अनोखी पहल की, और जिन दंगाइयों ने सार्वजनिक सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाया, उन्हें पकड़कर उन्ही से, उनके परिवारजनों अथवा उनकी सम्पत्तियों को ज़ब्त करके कुल नुकसान की भरपाई की। बात केवल यहीं तक नहीं रुकी, इन दंगाइयों के नाम और पता सहित उनके फोटो पोस्टरों पर छापकर पूरे शहर भर में लगवाए गए।
इतना ही नहीं, योगी सरकार के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश प्रशासन ने एक कदम आगे बढ़ते हुए गंभीर अपराधों में दोषी व्यक्तियों की अवैध सम्पत्तियों को ही ध्वस्त करवाना शुरू कर दिया, जैसे विकास दुबे के मामले में उसके घर और उसकी सम्पत्तियों को ज़ब्त कर किया गया। लेकिन जिस प्रकार से योगी सरकार ने इन अवैध सम्पत्तियों ध्वस्त करने का हिसाब भी अपराधियों से ही वसूला है, उसे देख तो मन ही मन यही बात होगी – वाह योगी जी वाह!