लद्दाख में भद्द पिटवाई, अब “Strong” दिखने के लिए चीन Hollywood का सीन दिखाकर ताइवान को धमका रहा है

सही में चीनी सेना जोकरों का झुंड ही है

ताइवान

गलवान घाटी में मिली हार के बाद चीन ने अपनी सेना को कई मोर्चों पर उकसाने के लिए लगा रखा है। कभी दक्षिण चीन सागर तो कभी पूर्वी चीन सागर तो कभी भारत तो कभी ताइवान। सभी मोर्चों पर विफल होने के बाद अब चीन ताइवान पर अपने आप को मजबूत दिखाने की भरपूर कोशिश कर रहा है। जापान, भारत और ASEAN देशों द्वारा मात खाने के बाद चीन को सबसे कमजोर पक्ष ताइवान दिखाई दे रहा है और इसलिए वह अपनी जनता को खुश रखने के लिए ताइवान के खिलाफ मजबूत दिखने के लिए कई हथकंडे अपना रहा है।

चीन की शुरू से ही यह आदत रही है कि जब भी वह एक मोर्चे पर हारता है वो दूसरा मोर्चा खोल लेता है जिससे सभी नजर उसकी हार से दूसरे स्थान पर केन्द्रित हो जाए और जनता में CCP और PLA के खिलाफ माहौल न बने।

लद्दाख में मिली हार के बाद चीनी जनता के समक्ष खुद को मजबूत दिखाने के लिए लिए तीन फ्रंट खोल लिए है। Nikkei Asian Review की एक रिपोर्ट के अनुसार, PLA ने अपने दक्षिणी थिएटर कमांड को दक्षिण चीन सागर में, उत्तरी थिएटर कमान को विदेशी कोरियाई प्रायद्वीप, और पूर्वी थिएटर कमान जापान और ताइवान के खिलाफ एक्टिव कर दिया है। इनमें से बाकी दो मोर्चो पर तो उसे कोई खास सफलता नहीं मिली लेकिन वह ताइवान के खिलाफ अपने आप को ताकतवर दिखाने के लिए लगातार अपने विमान ताइवान के ADIZ क्षेत्र में भेज रहा है। चीन ने पिछले कुछ दिनों से ताइवान के ऊपर अपने हवाई एक्टिविटी को बढ़ा दिया है। दो दिनों पहले ही चीन के 18 सैन्य विमान ताइवान के Air Defense Identification Zone को पार करते दिखे। उससे पहले भी चीन के कई विमान ताइवान की ADIZ को पर करते देखे गए थे। चीन इस तरह से ताइवान को अपनी ताकत का अहसास करवाना चाहता है।

चीन की मीडिया में तो ताइवान के खिलाफ एक्शन को ताइवान के कब्जे की प्रैक्टिस बताना शुरू कर दिया है। CCP कि मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने एक लेख प्रकाशित करते हुए लिखा कि ताइवान के ऊपर चीनी सेना का एक्शन कोई ड्रील नहीं बल्कि ताइवान के कब्जे के लिए प्रैक्टिस है।

यही नहीं, चीन ताइवान को अपनी ताकत दिखाने के लिए हॉलीवुड फिल्मों का भी उपयोग कर रहा है। चीन की नवीनतम सैन्य प्रोपोगेंडा फिल्म में हॉलीवुड की ब्लॉकबस्टर एक्शन फिल्मों के वीडियो लगाए गए हैं।

SCMP की रिपोर्ट के अनुसार PLA वायु सेना के लिए निर्मित एक नए वीडियो में प्रशांत क्षेत्र में एक अमेरिकी सैन्य अड्डे पर PLA द्वारा बमबारी अभ्यास करते हुए दिखाया गया है लेकिन उसी वीडियो में 2008 की ऑस्कर विजेता द हार्ट लॉकर और 1996 की एक्शन-थ्रिलर द रॉक के वीडियो इस्तेमाल किए गए थे। हॉलीवुड की फिल्मों की PLA में खूब लोकप्रियता है, यही कारण है चीन सेना को प्रोत्साहित करने के लिए वीडियो बनाते समय इन फिल्मों के वीडियोफुटेज इस्तेमाल कर रहा है जिससे PLA कई गुना ताकतवर दिखे।

लद्दाख में भारत से और पूर्वी चीन सागर में जापान से मात खाने के बाद चीन के पास अपने आप को मजबूत दिखाने का एक मात्र रास्ता ताइवान बचा था और अब चीन उसे निशाना बना रहा है। चीन ने पहले भी युद्ध के दौरान अपनी हार छुपने के लिए कई मोर्चे खोले हैं। जिस तरह से 1950 में चीन ने कोरियाई युद्ध में हार को देखते हुए, दूसरे मोर्चे पर हमला कर तिब्बत पर कब्जा जमा लिया था। उस दौरान कोरिया युद्ध भारत के लिए ध्यान बटाने वाला युद्ध साबित हुआ था। भारत ने कोरिया प्रायद्वीप के युद्ध को सुलझाने के लिए अपना ध्यान वहाँ केन्द्रित किया जिससे पश्चिमी छोर पर किसी का ध्यान नहीं रहा और चीन ने फायदा उठाते हुए हमला कर तिब्बत को अपने कब्जे में कर लिया। अपनी जनता के समक्ष ताकत का प्रदर्शन किया था। वास्तव में चीन जब एक मोर्चे पर हार का मुंह देखता है तो हैप्पी एंडिंग के नाम पर अपनी जनता में सरकार के प्रति विश्वास को मजबूत बनाये रखने के लिए अपनी जनता को खुश करने के लिए दूसरे मोर्चे पर जीत हासिल करने के सभी हथकंडे अपनाता है।

परंतु इस बार भारत की सेना लद्दाख में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। चीन चाहे कितने भी दिखावे कर ले परंतु इस बार उसने जरा सी भी हरकत की तो उसे करारा जवाब मिलेगा। चीन भी यह जनता है ,यही कारण है कि वह ताइवान में भी पिछले एक-दो हफ्ते से आक्रामकता बढ़ा चुका है।

 

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