इधर भारत मिराज, सुखोई और राफेल के साथ रेड मारने की प्रैक्टिस कर रहा है, उधर चीनी Ambulance को फोन मिला रहे हैं

भारत-तिब्बत बॉर्डर पर चीनी सेना के हौंसले के उड़े परखच्चे!

चीनी

एलएसी पर तनातनी जारी है। जहां एक ओर भारत युद्ध को रोकने का हरसंभव प्रयास कर रहा है, तो वहीं चीनी प्रशासन के स्वभाव से तो ऐसा लगता है कि वह पूरी तरह युद्ध पर आमादा है। इसी बीच भारत ने अपने अत्याधुनिक राफेल फ़ाइटर जेट्स के साथ युद्ध अभ्यास क्या शुरू किया, मानो चीन के हाथ पाँव अभी से ही फूलने लगे।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, “हाल ही में लाये गए भारत के पाँच राफ़ेल फाइटर जेट्स हिमाचल प्रदेश में रात में उड़ाए जा रहे हैं, ताकि सभी सुविधाओं से लैस गोल्डेन Arrows स्क्वाड्रन को स्थिति बिगड़ने पर तैयारी के लिए अधिक समय न गंवाना पड़े। एक सरकारी अफसर का मानना है कि ये फाइटर जेट्स एलएसी से इसलिए भी दूर हैं क्योंकि भारत नहीं चाहता कि चीनी पीएलए के रडार उन्हें डिटेक्ट करे, अन्यथा फिर भारत के लिए आगे की राह उतनी आसान नहीं होगी।”

बता दें कि राफ़ेल फाइटर जेट्स की पहली खेप इस वर्ष भारत आ चुके हैं, और फिलहाल ये अंबाला में स्थित भारतीय वायुसेना के एयरबेस पर तैनात है। इसके अलावा भारत के बालाकोट फेम मिराज 2000 फ़ाइटर जेट्स और सुखोई जेट्स भी पूरी तरह तैयार है। भारत अपनी तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है, लेकिन ऐसा लगता है कि भारत के अभ्यास मात्र से ही चीनी सेना के हाथ पाँव फूलने लगे हैं।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार चीन ने अपने कब्जे में स्थित तिब्बत में हवाई ड्रिल्स शुरू कर दिये हैं। रिपोर्ट के एक अंश अनुसार, “सितंबर में चीन कई अहम शहरों में हवाई रेड ड्रिल्स का आयोजन करा रहा है, जिसके पीछे उन्होने वार्षिक नेशनल डिफेंस एजुकेशन डे का हवाला दिया है। लेकिन चूंकि ये ड्रिल्स सबसे अधिक ल्हासा में हो रहे हैं, और आखिरी बार इस शहर में ऐसा अभ्यास 2009 में हुआ था, इसलिए विशेषज्ञों का मानना है कि ये अभ्यास एलएसी पर तनातनी के परिप्रेक्ष्य में कराया जा रहा है, और चीन के मनोवैज्ञानिक युद्ध का ही एक हिस्सा है, जिससे तिब्बती भयभीत रहें!”

मतलब स्पष्ट है – भारत ने अभी अपने पत्ते पूरे खोले भी नहीं हैं और चीन अभी से सकपकाने लगा है। भारत के पास इस समय मिराज 2000 फाइटर जेट्स के अलावा सुखोई 30 एमकेआई एवं फ्रांस से प्राप्त अत्याधुनिक फाइटर जेट्स भी हैं। राफ़ेल फाइटर जेट्स की सबसे बड़ी खूबी तो यही है कि उसे अपने निशाने को ध्वस्त करने के लिए उसी जगह पर उपस्थित रहने की कोई आवश्यकता नहीं, बल्कि यही काम वह मीलों दूर से कर सकता है। इसी विशेषता को लेकर पूर्व वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने कुछ महीनों पहले कहा था कि राफ़ेल के आने से भारत का मुक़ाबला कम से कम दक्षिण एशिया में तो कोई नहीं कर सकता, खुद चीन भी नहीं।

इसके अलावा चीन केवल भारत की तैयारी से नहीं सकपकाया है, बल्कि आने वाले सर्दियों में संभावित लड़ाई से भी काफी घबराया हुआ है। इसका असर कुछ ऐसा है कि अभी से ही चीन के पीएलए सैनिक ऊंचाई संबन्धित बीमारियों से ग्रस्त होने लगे हैं, जिसपर TFI Post ने अपने रिपोर्ट में प्रकाश भी डाला था। सच कहें तो चीन भली-भांति जानता है कि इस समय भारत के विरुद्ध एक भी गलती उसे कभी न भरने वाले घाव देने के लिए काफी होंगे और भारत की तैयारियां देखते हुए उसका ये डर स्वाभाविक है।

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