हुवावे पर Ban से चीन की Tech city “Shenzen” उजड़ गयी, अब चीन की अर्थव्यवस्था भी उजड़ने वाली है

Shenzen

जिस तरह से चीन ने अपने विस्तारवादी नीति को हुवावे के जरिये लागू करने की कोशिश की है, उससे सभी देश चीन और चीनी कंपनियों को अपने देश से निकालने की नीति पर काम कर रहे हैं। सभी देशों का सबसे बड़ा टार्गेट संचार कंपनी हुवावे है। हालांकि हुवावे पर बैन का सबसे बड़ा असर चीन की सिलिकॉन वैली माना जाने वाला शहर Shenzen पर पड़ने वाला है जिससे न सिर्फ ये शहर तबाह होगा बल्कि चीन की अर्थव्यवस्था को भी भारी नुकसान होने वाला है।

बता दें कि Shenzen चीन की औद्योगिक राजधानी मानी जाती है जो सबसे पहले Special Economic Zone में शामिल हुआ था। यह हुवावे, टेनसेंट, BYD और DJI जैसे बड़ी कंपनियों का केंद्र है। यही नहीं यहां कम से कम 10 Unicorn Start-Ups भी है। 2000 में, इस शहर में लगभग 100 तकनीकी कंपनियां थीं और आज, 30,000 से अधिक हैं। Shenzen 1990 और 2000 के दशक में दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते शहरों में से एक था।

इस शहर को वैश्विक स्तर पर नाम कमाने में हुवावे का विशेष योगदान रहा है। हुवावे ने Shenzen के आर्थिक विकास को बूस्ट दिया था। हुवावे की सफलता Shenzen के एक मछली पकड़ने के गांव से एक अंतरराष्ट्रीय टेक हब में परिवर्तन का एक प्रमुख कारक रही है। जब पीपल्स लिबरेशन आर्मी के एक पूर्व अधिकारी Ren Zhengfei ने 1987 में Shenzen के विशेष आर्थिक क्षेत्र में हुवावे की स्थापना की, तब यह शहर चीन के आर्थिक परिदृश्य में स्थान हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहा था। यह न केवल पड़ोसी हांगकांग, बल्कि अन्य मुख्य चीनी शहरों के सामने बौना नजर आता था। चार दशक बाद यही शहर चीनी आर्थिक विकास का पोस्टर बॉय बन चुका था। विश्व के सभी देशों में इसकी चर्चा गूंज रही और यह चीन के चार विशेष आर्थिक क्षेत्रों में से एक है। किसी ने यह भी नहीं सोचा होगा कि हुवावे जो शहर की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, वह एक वैश्विक दूरसंचार उपकरण की एक दिग्गज कंपनी बन जाएगी और चीन के प्रोपोगेंडे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

वर्ष 2016 में हुवावे Shenzen के GDP में सबसे बड़ा कॉर्पोरेट योगदानकर्ता था, जिसने आर्थिक आउटपुट का लगभग 7 प्रतिशत योगदान दिया। उस वर्ष यह एकमात्र ऐसी कंपनी थी जिसने स्थानीय अर्थव्यवस्था में 100 बिलियन युआन (14.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर) से अधिक का योगदान दिया था।

हुवावे ने 2014-16 Shenzen की किसी अन्य कंपनी की तुलना में इस शहर में अनुसंधान और विकास पर अधिक निवेश किया था चाहे वो गेमिंग और दूरसंचार दिग्गज Tencent, हो या ड्रोन निर्माता DJI या फिर इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता BYD ही क्यों न हो।

परन्तु जब से कोरोना का कहर शुरू हुआ है तब से इस शहर पर भी काले बादल मंडराने लगे हैं। इसका एक ही कारण है कोरोना के समय में चीनी कंपनियों का लगातार बहिष्कार। चीन के बहिष्कार का सबसे अधिक नुकसान हुवावे को हुआ, हालांकि इस कंपनी पर पहले से ही जासूसी के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन कोरोना के बाद इस दिग्गज कंपनी का एक बड़े स्तर पर विरोध होना शुरू हुआ था। हुवावे चीन की एक विश्वस्तरीय कंपनी थी और अब इस कंपनी के बैन होने से चीन विश्व के औद्योगिक ग्लोबल सप्लाई चेन से चीन को बाहर होने के कगार पर आ चुका है।

बता दें कि पर अब चीन के प्रोपोगेंडे का खुलासा हो चुका है कि कैसे चीन हुवावे की मदद से अन्य देशों में जासूसी करता था। उसके बाद अब अमेरिक सहित कई देश इस कंपनी को बैन कर रहे हैं। अमेरिका न सिर्फ हुवावे को 5 G संचार नेटवर्क के बाजार से बाहर कर रहा है, बल्कि अमेरिकी कंपनियों से तकनीक कम्पोनेंट्स लेने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। अमेरिकी सरकार के नए आदेश के अनुसार सितंबर से हुवावे या उसकी सहयोगी कंपनियाँ अमेरिकी उपकरण या सॉफ्टवेयर से बने Semiconductor नहीं खरीद सकेंगी। कई विश्लेषक इस नियम को हुवावे की मौत के रूप में देख रहे हैं। ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी गवर्नमेंट कम्युनिकेशन हेडक्‍वार्टर (जीसीएचक्‍यू) ने खुलासा किया है कि अमेरिका द्वारा चीन की टेलीकॉम कम्पनी हुवावे पर लगाए गए प्रतिबन्ध से प्रौद्योगिकी फर्म गहरा प्रभाव पड़ा है।

हुवावे के कारोबार में मंदी या बंदी न केवल Shenzen की अर्थव्यवस्था के लिए एक झटका है, बल्कि चीन की तकनीकी और आर्थिक ताकत की छवि को एक बड़ा नुकसान होगा। वर्ष 2019 में, इस अंतरराष्ट्रीय स्मार्टफोन निर्माता हुवावे ने लगभग 859 बिलियन युआन का राजस्व उत्पन्न किया था। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस कंपनी का डुबना चीन और Shenzen के लिए कितना बड़ा झटका होगा।

अब हुवावे के बहिष्कार के कारण इस शहर की विदेशी पूंजी, प्रौद्योगिकी और बाजारों तक आसान पहुंच, जो इसके उदय के लिए बहुत महत्वपूर्ण थी, सभी दूर हो चुके हैं।

Shenzen के Institute of Contemporary Observation के निदेशक Liu Kaiming का मानना है कि हुवावे का स्थान लेना किसी भी चीनी कंपनी के लिए नामुमकिन है। अगर अमेरिकी प्रतिबंधों को यह कंपनी नहीं झेल सकती तो कोई भी नहीं झेल सकता। Shenzen में बड़ी बड़ी कंपनियों के बीच भी हुवावे अकेले टैक्स राजस्व में सबसे बड़ा योगदानकर्ता है और एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करता है। अगर हुवावे बंद हुआ तो इन लोगों का रोजगार एक बड़ी समस्या होगी। Shenzen अपने GDP का एक बड़ा हिस्सा भी खो देगा। Shenzen सरकार के एक नीति शोधकर्ता ने ट्रेड वार के समय ही कहा था कि “उद्योग के मूल्य और केंद्र के शीर्ष पर हुवावे Shenzen की सबसे महत्वपूर्ण कंपनी है। यह हमारे ड्रैगन का सिर है।”

आज अमेरिका द्वारा लगाए गए बैन ने इसकी कमर तोड़ दी है। हुवावे पर बैन से चीन global tech supply chains से पूरी तरह बाहर होने की कगार पर है। इस कंपनी पर अमेरिकी प्रतिबंध न केवल इस शहर के लिए, बल्कि व्यापक चीनी अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा झटका  साबित होगा।

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