Carter, Marco Polo जैसी यूरोपियन Textile कंपनियाँ चीन को उधेड़कर भारतीय सप्लायर्स से सामान मंगा रही हैं

यूरोपियन कंपनियों का चीन को Bye-Bye, भारत को Hi-Hi!

Textile

वुहान वायरस के फैलने के पश्चात जिस प्रकार से वैश्विक स्तर पर चीन को वैश्विक सप्लाई चेन से बाहर खदेड़ा जा रहा है, उसके कारण दुनिया के कई कंपनियाँ चीन का दामन छोड़ अब अन्य देशों की ओर रुख कर रहे हैं। अभी वर्तमान गतिविधियों को देखते हुए ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि अधिकतर विदेशी कंपनियाँ अब चीन से किसी भी प्रकार का संबंध नहीं रखना चाहती है।अभी हाल ही में प्रकाशित इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार जर्मन Textile कंपनी मार्को पोलो ने अपने जर्सी के लिए अपने भारतीय विक्रेता वारसॉ इंटेरनेशनल को एक बहुत बड़ा ऑर्डर दिया है। कंपनी के प्रमुख राजा षण्मुगम के अनुसार “हमारे पास एक विशाल ऑर्डर आया है। यह हमारे लिए परीक्षा की घड़ी है, और यदि हम सफल रहे, तो इससे अन्य ग्लोबल ब्राण्ड्स को भारत से जुड़ने  में आसानी होगी।’’ दिलचस्प बात तो यह है कि मार्को पोलो इससे पहले ऐसे ऑर्डर अपने चीनी विक्रेता के जरिये पूरा करवाता था।

चूंकि वुहान वायरस के कारण आधा वर्ष पहले ही बर्बाद हो चुका था, इसलिए अब प्रसिद्ध Textile ब्रांड अब अपने उत्पादन के लिए दूसरे विकल्प चुन रहे हैं, जिनमें सबसे लोकप्रिय केंद्र इस समय भारत बना हुआ है। चीन में जिस प्रकार से Textile का निर्माण होता है, उस मामले में केवल भारत ही उसे तगड़ी चुनौती दे सकता है।

गारमेंट निर्यात से जुड़े केपीआर मिल्स के एमडी पी नटराज के अनुसार , “हमारे ग्राहकों ने बताया है कि आने वाले वर्ष भारत से सोर्सिंग पिछली बार से कहीं ज़्यादा होने वाली है। ये तब की स्थिति है, जब हमने लॉकडाउन के बाद अब खोला है।’’ इसके अलावा अमेरिकी कंपनी कार्टर, जो छोटे बच्चों के लिए एप्परेल तैयार करती है, अब भारत में अपना व्यापार बढ़ाना चाहती है। इसके लिए उन्होने पश्चिमी तमिलनाडु में स्थित एसपी एप्परेल्स के साथ एक नए फैब्रिक के निर्माण में भी जुटा हुआ है। एसपी एप्परेल्स के एमडी पी सुंदरराजन ने कहा, “चीन को हराना मुश्किल हो सकता है, परंतु असंभव नहीं, और मुझे लगता है कि इसी दिशा में काम भी शुरू हो चुका है।’’

कपड़ा उद्योग समय के लिहाज से काफी संवेदनशील होता है, क्योंकि किसी भी प्रकार की विलंब अथवा त्रुटि निर्माता के लिए काफी नुकसान खड़ा कर सकती है। ये बात कार्टर एवं मार्को पोलो जैसे कंपनियाँ जल्द ही समझ गई, जिसके कारण उन्होने अपना निर्माण चीन से भारत स्थानांतरित किया है। जैसा TFI Post ने पहले रिपोर्ट किया, इसी दिशा में जर्मन फुटवियर Von Wellx ने अपनी निर्माण प्रक्रिया को चीन से उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थानांतरित किया है। इस कंपनी के 80 देशों में 10 करोड़ से भी अधिक ग्राहक हैं।

भारत में ग्राहकों की संख्या में वृद्धि हो रही है और यहाँ का लेबर कॉस्ट काफी कम है, इसीलिए उत्पादन कोस्ट भी काफी कम है, और विदेशी कंपनियों को अपने कस्टमर बेस को बढ़ाने का यहाँ एक  सुनहरा अवसर मिला है। इसके अलावा जिस प्रकार से वुहान वायरस चीन से निकलकर दुनिया में एक महामारी के रूप में फैला है, उससे इन कंपनियों को आभास हो चुका है कि अब चीन के साथ किसी भी प्रकार का संबंध रखना खतरे से खाली नहीं है।

 

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