डिज़नी ने एक फिल्म बनाई और सोचा की चीनियों को खुश कर खूब अपनी फिल को हिट करा देगा। परंतु डिज़नी का यह सपना वैसे ही मिट्टी में मिल गया जैसे Thanos ने एवेंजर्स: इन्फिनिटी वार में चुटकी बजा कर मिट्टी में मिला दिया था।
दरअसल, डिज़नी ने Mulan नाम से एक हिट एनिमेटेड सीरीज़ की लाइव-एक्शन रीमेक बनाया था, जिसे चीन के बड़े बाज़ार में खूब कमाई करने की उम्मीद लगाई गयी थी। परंतु हाल की घटनाओं और इसके प्रमुख अभिनेत्री से जुड़े विवादों के कारण आम चीनी लोगों ने इस फिल्म को नकार दिया है।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही TFI ने रिपोर्ट किया था कि पश्चिमी देशों के बाजारों में रिलीज होने के कुछ दिनों के भीतर ही इस फिल्म के कारण विवाद हुआ और विवाद का कारण था इस फिल्म का चीनी प्रांत शिनजियांग में फिल्माया जाना, जहां उइगर अल्पसंख्यक को “फिर से शिक्षित” करने के नाम पर प्रताड़ित किया जाता है।
Mulan के क्रेडिट में विशेष रूप से चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के Xinjiang Uighur Autonomous Region Committee के प्रचार विभाग, साथ ही साथ Turpan की Public Security Bureau और अन्य राज्य संस्थाओं को धन्यवाद दिया था।
बता दें कि Public Security Bureau (PSB) उइगर मुस्लिमों की निगरानी और प्रताड़ित करने वाले शिविरों का संचालन करने वाली संस्थाओं में से एक है। पीएसबी के सदस्य उइगरों को गुलाम बनने के लिए मजबूर करते हैं। पीएसबी द्वारा बड़े पैमाने पर नसबंदी शिविर आयोजित किए जाते हैं।
PSB के अत्याचारों की जानकारी मौजूद होने के बावजूद वॉल्ट डिज़नी ने शर्मनाक रूप से उन्हें फिल्म में धन्यवाद दिया और उन लाखों उइगर मुसलमानों के जीवन का मज़ाक बनाया जो लगातार मौत के भय में जी रहे हैं।
जब पश्चिमी देशों में इस फिल्म को लेकर विवाद शुरू हुआ और लोगों ने बॉयकॉट करना शुरू किया तो चीनी सत्तावादी शासन ने खुद को फिल्म से दूर कर लिया है। रॉयटर्स के अनुसार, चीनी अधिकारियों ने प्रमुख मीडिया आउटलेट से वॉल्ट डिज़नी की “Mulan” की खबरों को कवर न करें।
हालांकि, इस फिल्म के चीन में भी फ्लॉप होने के बाद अब चीनी मीडिया फिल्म से जुड़े विवादों को कारण न बता कर फिल्म की बुराई कर रही है और कह रही है कि फिल्म अच्छी नहीं थी इसलिय फ्लॉप हुई।
सीसीपी के मुखपत्र, ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित एक लंबे संपादकीय में, शिनजियांग विवाद को दरकिनार करते हुए लिखा कि फिल्म चीन की वास्तविक कहानी को चित्रित करने में विफल रही और इसलिए बॉक्स-ऑफिस पर फ्लॉप हुई।
ग्लोबल टाइम्स ने एक Yun Feiyang, नामक Chinese movie critic के हवाले से लिखा कि “Mulan को चीनी कहानी के बजाय, इसे डिज़नी की राजकुमारी की कहानी कहना अधिक उचित होगा जैसे, फ्रोजन।”
CCP के इस मुखपत्र ने फिल्म के वास्तविक विवाद से मुंह मोड़ते हुए लिखा कि, “फिल्म के फ्लॉप होने का पश्चिमी देशों में हुई बदनामी से कोई लेना-देना नहीं है। यह फिल्म अपनी खराब कला के स्तर के कारण फ्लॉप हुई है जिसमें चीनी संस्कृति की वास्तविकता को नहीं दिखाया गया”।
हालांकि, Mulan फिल्म के रिलीज होने से पहले इसे खूब प्रचारित किया गया था। इसलिए बॉक्स-ऑफिस पर धड़ाम से गिरने का कारण बेकार स्क्रिप्ट या चीनी संस्कृति नहीं हो सकती को बताया गया। इसकी एक ही वजह हो सकती है कि चीनी जनता जिन्होंने लाखों उइगर मुसलमानों पर कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा किए जा रहे अत्याचारों के बारे में सुना है, उन लोगों ने जानबूझकर अपना विरोध जताने के लिए इस फिल्म को नहीं देखा।
जिस तरह से उइगर और अल्पसंख्यकों को शी जिनपिंग के शासन में प्रताड़ित किया जा रहा है वह अब आम चीनी जनता को भी पता लग चुका है। हालांकि, चीन की सरकार बड़े पैमाने पर सेंसरशिप लगाती है लेकिन बावजूद इसके अब लोगों में CCP के अत्याचारों और बर्बरता का विरोध धीमी आवाज में शुरू हो चुकी है।
पश्चिमी देशों में फिल्म का बहिष्कार भयंकर स्तर पर पहुंच गया था। हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं ने फिल्म और डिज्नी स्टूडियो का पूर्ण रूप से बहिष्कार करने का आग्रह किया है।
लेकिन सवाल यह है कि डिजनी ने ऐसा फिल्म बनाने का फैसला क्यों लिया? इसका जवाब पैन अमेरिका की एक रिपोर्ट में है जहां यह बतया गया है कि हॉलीवुड के दिग्गज, लेखक और निर्माता लगातार अपनी फिल्मों के स्क्रिप्ट बदल रहे हैं और दृश्यों को हटा रहे हैं वो भी केवल 1.4 बिलियन की चीनी बाजारों की पहुंच पाने के लिए। चीन से इन फिल्मों की मोटी कमाई होती है।
हालांकि, शी जिनपिंग ने भी यह अनुमान नहीं लगाया होगा कि उनके अपने लोग Mulan की इतने बड़े पैमाने पर बहिष्कार करेंगे। अब चीनी मीडिया कुछ भी कहे पर अब चीन का PR स्टंट और हॉलीवुड से मिली भगत एक बार फिर से एक्सपोज हो चुकी है।