TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    B से बिहार, B से बीड़ी: कांग्रेस के ट्वीट से मचा सियासी बवाल

    B से बिहार, B से बीड़ी: कांग्रेस के ट्वीट से मचा सियासी बवाल

    पीएम मोदी के आवास में भाजपा सांसदों का डिनर

    जेपी नड्डा के घर ‘डिनर’ से शुरू- पीएम मोदी के घर ‘डिनर’ पर खत्म: भाजपा सांसदों की ‘क्लास’ में क्या है ख़ास ?

    बिहार चुनाव 2025: भाजपा-एनडीए की रणनीति से बन सकता है इतिहास

    बिहार चुनाव 2025: भाजपा-एनडीए की रणनीति से बन सकता है इतिहास

    पश्चिम बंगाल विधानसभा में हंगामा: ममता बनर्जी का भाजपा पर हमला, लोकतंत्र पर गहरा सवाल

    पश्चिम बंगाल विधानसभा में हंगामा: ममता बनर्जी का भाजपा पर हमला, लोकतंत्र पर गहरा सवाल

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का यूएनजीए से किनारा, जानें कौन जाएगा डेलिगेशन में

    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का संयुक्त राष्ट्र महासभा से किनारा, डेलिगेशन में कौन जाएगा ?

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत के सम्मान से समझौता नहीं: अमेरिका के लिए चेतावनी है नवारो विवाद

    भारत के सम्मान से समझौता नहीं: अमेरिका के लिए चेतावनी है नवारो विवाद

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    उत्तराखंड में मोबाइल टावरों पर इस्लामिक झंडे: राष्ट्रीय अस्मिता और सुरक्षा पर बड़ा सवाल

    उत्तराखंड में मोबाइल टावरों पर इस्लामिक झंडे: राष्ट्रीय अस्मिता और सुरक्षा पर बड़ा सवाल

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    पहली बार उत्तर प्रदेश के 7 शहरों में महिलाएं संभालेंगी ट्रैफिक व्यवस्था

    पहली बार उत्तर प्रदेश के 7 शहरों में महिलाएं संभालेंगी ट्रैफिक व्यवस्था

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का यूएनजीए से किनारा, जानें कौन जाएगा डेलिगेशन में

    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का संयुक्त राष्ट्र महासभा से किनारा, डेलिगेशन में कौन जाएगा ?

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत के सम्मान से समझौता नहीं: अमेरिका के लिए चेतावनी है नवारो विवाद

    भारत के सम्मान से समझौता नहीं: अमेरिका के लिए चेतावनी है नवारो विवाद

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    बंगाल की भूली हुई त्रासदी पर ‘चुप्पी’: ममता सरकार क्यों डर रही है The Bengal Files से?

    बंगाल की भूली हुई त्रासदी पर ‘चुप्पी’: ममता दीदी को The Bengal Files से इतना डर क्यों लग रहा है?

    काशी-मथुरा पर संवाद का रास्ता खुला: भागवत के संतुलित बयान को मदनी का समर्थन

    काशी-मथुरा पर संवाद का रास्ता खुला: भागवत के संतुलित बयान को मदनी का समर्थन

    ओणम सिर्फ फसल उत्सव नहीं: वामन और महाबली की कथा को बचाना हमारी जिम्मेदारी

    ओणम सिर्फ फसल उत्सव नहीं: वामन और महाबली की कथा को बचाना हमारी जिम्मेदारी

    अयोध्या में भूटान के प्रधानमंत्री का विशेष दौरा: रामलला के किए दर्शन, भारत-भूटान मित्रता को नई ऊंचाई

    अयोध्या में भूटान के प्रधानमंत्री का विशेष दौरा: रामलला के किए दर्शन, भारत-भूटान मित्रता को नई ऊंचाई

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    B से बिहार, B से बीड़ी: कांग्रेस के ट्वीट से मचा सियासी बवाल

    B से बिहार, B से बीड़ी: कांग्रेस के ट्वीट से मचा सियासी बवाल

    पीएम मोदी के आवास में भाजपा सांसदों का डिनर

    जेपी नड्डा के घर ‘डिनर’ से शुरू- पीएम मोदी के घर ‘डिनर’ पर खत्म: भाजपा सांसदों की ‘क्लास’ में क्या है ख़ास ?

    बिहार चुनाव 2025: भाजपा-एनडीए की रणनीति से बन सकता है इतिहास

    बिहार चुनाव 2025: भाजपा-एनडीए की रणनीति से बन सकता है इतिहास

    पश्चिम बंगाल विधानसभा में हंगामा: ममता बनर्जी का भाजपा पर हमला, लोकतंत्र पर गहरा सवाल

    पश्चिम बंगाल विधानसभा में हंगामा: ममता बनर्जी का भाजपा पर हमला, लोकतंत्र पर गहरा सवाल

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का यूएनजीए से किनारा, जानें कौन जाएगा डेलिगेशन में

    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का संयुक्त राष्ट्र महासभा से किनारा, डेलिगेशन में कौन जाएगा ?

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत के सम्मान से समझौता नहीं: अमेरिका के लिए चेतावनी है नवारो विवाद

    भारत के सम्मान से समझौता नहीं: अमेरिका के लिए चेतावनी है नवारो विवाद

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    उत्तराखंड में मोबाइल टावरों पर इस्लामिक झंडे: राष्ट्रीय अस्मिता और सुरक्षा पर बड़ा सवाल

    उत्तराखंड में मोबाइल टावरों पर इस्लामिक झंडे: राष्ट्रीय अस्मिता और सुरक्षा पर बड़ा सवाल

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    पहली बार उत्तर प्रदेश के 7 शहरों में महिलाएं संभालेंगी ट्रैफिक व्यवस्था

    पहली बार उत्तर प्रदेश के 7 शहरों में महिलाएं संभालेंगी ट्रैफिक व्यवस्था

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का यूएनजीए से किनारा, जानें कौन जाएगा डेलिगेशन में

    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का संयुक्त राष्ट्र महासभा से किनारा, डेलिगेशन में कौन जाएगा ?

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत के सम्मान से समझौता नहीं: अमेरिका के लिए चेतावनी है नवारो विवाद

    भारत के सम्मान से समझौता नहीं: अमेरिका के लिए चेतावनी है नवारो विवाद

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    बंगाल की भूली हुई त्रासदी पर ‘चुप्पी’: ममता सरकार क्यों डर रही है The Bengal Files से?

    बंगाल की भूली हुई त्रासदी पर ‘चुप्पी’: ममता दीदी को The Bengal Files से इतना डर क्यों लग रहा है?

    काशी-मथुरा पर संवाद का रास्ता खुला: भागवत के संतुलित बयान को मदनी का समर्थन

    काशी-मथुरा पर संवाद का रास्ता खुला: भागवत के संतुलित बयान को मदनी का समर्थन

    ओणम सिर्फ फसल उत्सव नहीं: वामन और महाबली की कथा को बचाना हमारी जिम्मेदारी

    ओणम सिर्फ फसल उत्सव नहीं: वामन और महाबली की कथा को बचाना हमारी जिम्मेदारी

    अयोध्या में भूटान के प्रधानमंत्री का विशेष दौरा: रामलला के किए दर्शन, भारत-भूटान मित्रता को नई ऊंचाई

    अयोध्या में भूटान के प्रधानमंत्री का विशेष दौरा: रामलला के किए दर्शन, भारत-भूटान मित्रता को नई ऊंचाई

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

भूखे बाज़ की तरह चीन Middle East पर निगाहें जमाके बैठा है, फ्रांस इस बाज़ का शिकार करने वाला है

अमेरिका जा रहा है, लेकिन चीन की नाक तोड़ने अब फ्रांस आ रहा है

Abhinav Kumar द्वारा Abhinav Kumar
20 September 2020
in चर्चित
फ्रांस
Share on FacebookShare on X

भौतिक विज्ञान का एक शब्द है “वैक्युम” जिसका अर्थ होता है खालीपन। जब भी कहीं वैक्युम बनता है तो आस पास की शक्तियां उस वैक्युम को भरने के लिए दौड़ पड़ती हैं। राजनीतिशास्त्र में इसी शब्द पर बना है “पावर वैक्युम” या “पावर वोइड”। आज अगर जियोपॉलिटिक्स को देखा जाए तो ‘मिडिल ईस्ट’ कहा जाने वाला भाग, अमेरिका के जाने से इसी ‘पावर वैक्युम’ का सामना कर रहा है और इस पावर वैक्युम या खालीपन को भरने के लिए कई देश अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं। एक तरफ रूस और भारत भी इस रेस में हैं तो वहीं चीन पहले से कोशिश में जुटा था। परंतु जिस तरह से पिछले कुछ महीनों में फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने शतरंजी चाल चली है और अपनी उपस्थिती बढ़ाई है उसे देखते हुए यह कहा जा सकता है कि मिडिल ईस्ट पर प्रभुत्व के इस संघर्ष में फ्रांस एक बड़ी ताकत बनकर उभर रहा है और वह चीन को पटखनी देगा।

हाल के दिनों में, फ्रांस ने चार महत्वपूर्ण मिडिल ईस्ट के विवादों का प्रबंधन करने की क्षमता दिखाई है- तुर्की द्वारा उकसाये जा रहे लीबिया युद्ध, लेबनान संकट, पूर्वी भूमध्य सागर में तुर्की की घुसपैठ और इराकी कुर्दिस्तान में तुर्की के ड्रोन हमलों पर। इससे फ्रांस का दावा कई गुना बढ़ चुका है।

संबंधितपोस्ट

रामपुर में लव जिहाद का बड़ा खुलासा: हिंदू बनकर महिलाओं का शोषण करने वाला चांद गुड्डू गिरफ्तार,दो साथी अहमद-फरमान फरार

क्या है सरना धर्म कोड? जातिगत जनगणना के बीच चर्चा में क्यों है?

भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

और लोड करें

दरअसल, अगर मिडिल ईस्ट का इतिहास देखा जाए तो 20वीं शताब्दी की शुरुआत या यूं कहे पहले विश्व युद्ध के बाद से ही उस क्षेत्र में किसी न किसी बाहरी महाशक्ति का प्रभुत्व अधिक रहा है। 1990 में ऑपरेशन डेजर्ट स्टॉर्म के बाद से मुख्यतः अमेरिका मध्य पूर्व में प्रमुख सैन्य शक्ति रहा है। परंतु अब ट्रम्प प्रशासन लगातार अपने सैनिकों को घर बुला रहा है और मिडिल ईस्ट को छोड़ना चाहता है। चाहे वो अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को कम करना हो, या इराक से या फिर सीरिया से, अमेरिका अब नहीं चाहता है कि वह अपने सैनिकों को किसी अन्य देश की लड़ाई में भेजे। यही कारण है कि अमेरिका के इस तरह से मिडिल ईस्ट छोड़ कर जाने से एक पावर वैक्युम की स्थिति पैदा हो चुकी है।

इसी पावर वैक्युम को भरने के लिए चीन ने अपने आर्थिक, राजनीतिक और कुछ हद तक सैन्य उपस्थिती में काफी वृद्धि की है। आज चीन इस क्षेत्र के कई देशों के लिए सबसे बड़ा व्यापार भागीदार और बाहरी निवेशक बन चुका है। मिडिल ईस्ट के साथ चीन का संबंध 2013 में शुरू की गई बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) से और बढ़ी तथा वर्ष 2015 तक चीन आधिकारिक तौर पर कच्चे तेल का सबसे बड़ा वैश्विक आयातक बन गया जो मिडिल ईस्ट से आती थी।

BRI के जरीये चीन ने फिर सैन्य तथा राजनीतिक उपस्थित भी बढ़ाना शुरू किया। उदाहरण के तौर पर सीरिया और यमन के संकट में मध्यस्थता के प्रयासों में हिस्सा लेना, ईरान परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए तेहरान को राजी करने में भूमिका निभाना। इसके अलावा, चीन ने जिबूती में अपने पहले विदेशी सैन्य अड्डे की स्थापना की और साथ ही पाकिस्तानी बंदरगाह ग्वादर का संभावित सैन्यीकरण कर एक  महत्वपूर्ण समुद्री chokepoints हॉरमुज़ और बाब अल-मंदब के स्ट्रेट के पास सैन्य उपस्थिति बढ़ाई। चीन कई मध्य पूर्वी देशों को हथियारों की आपूर्ति भी कर रहा है भले ही वह एक छोटे पैमाने पर हो। अब चीन ने ईरान के साथ 25 वर्षीय समझौता कर उस देश को अपने काबू में कर लिया है।

चीन ने अल्जीरिया, मिस्र, ईरान, सऊदी अरब और यूएई के साथ-साथ जिबूती, इराक, जॉर्डन, कुवैत, मोरक्को, ओमान, कतर और तुर्की के साथ व्यापक रणनीतिक साझेदारी स्थापित की है।

यानि देखा जाए तो अब तक चीन अमेरिका द्वारा छोड़े गए खालीपन को भरने का भरपूर प्रयास कर रहा था। पर अब चीन के इन मंसूबों पर पानी फिरने वाला है क्योंकि अब इस क्षेत्र में पावर वैक्युम के इस संघर्ष में मिडिल ईस्ट के पुराने खिलाड़ी फ्रांस ने अपनी धमक दे दी है।

मैक्रॉन अपने एक्शन से यह दावा कर रहे हैं कि फ्रांस मिडिल ईस्ट में शांति और स्थिरता लाने के लिए शक्ति का उपयोग करने हेतु तैयार है।

अमेरिका के जाने के बाद शी जिनपिंग ने यह सोचा भी नहीं होगा कि उन्हें फ्रांस से मिडिल ईस्ट में टक्कर मिलेगी लेकिन फ्रांस अपने ऐतिहासिक रूप से मजबूत जड़ों और तेल के खज़ानों पर दांव के कारण मैक्रों ने फ्रांस को दोबारा मिडिल ईस्ट के खेल में उतार दिया है।

पिछले डेढ़ महीने में, राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने दो बार लेबनान का दौरा किया है और एक बार ईराक का दौरा किया जिसमें वह इराक के राष्ट्रपति बरहम सालेह (Barham Salih), प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कदीमी और कुर्दीस्तान क्षेत्रीय सरकार के राष्ट्रपति नेतिरवन बरज़ानी के साथ बैठक कर चुके हैं।

सितंबर में मैक्रों ने अपने इराक की यात्रा, के दौरान उन्होंने इराकी संप्रभुता पर जोर दिया और कुर्दिस्तान क्षेत्र की स्वायत्तता के लिए अपना समर्थन दिया। जब किसी ने लेबनान की गंदगी में हाथ लगाने की कोशिश नहीं की तब मैक्रों वहां गए और चीन समर्थित हिजबुल्ला हो चुनौती दी।

वे तुर्की के खिलाफ खड़े हो कर पूर्वी भूमध्य सागर में साइप्रस और ग्रीक अधिकारों का समर्थन कर रहे हैं। मैक्रों ने उस क्षेत्र में फ्रांसीसी सैन्य उपस्थिति को भी बढ़ा दिया है, एक हेलिकॉप्टर वाहक सहित नौसेना इकाइयों को तैनात किया है और पूर्वी भूमध्य सागर तक फ्रिगेट तक तैनात कर दिया है। लीबिया युद्ध में पहले से ही राफेल तुर्की के खिलाफ अपनी गर्जना कर रहे हैं।

जब तुर्की की राष्ट्रपति एर्दोगन कट्टरपंथी मुस्लिम ब्रदरहुड सरकार का समर्थन करते हुए त्रिपोली को ध्वस्त कर रहे थे तब अधिकांश यूरोपीय शक्तियां फेंससीटर बनी हुई थी। उस दौरान मैक्रों ने हफ़्तेर के नेतृत्व वाली लीबियाई राष्ट्रीय सेना (LNA) को covert military मदद भेजी थी वहीं राफेल लड़ाकू विमानों ने तुर्की की कई सैन्य चौकियों को नष्ट कर दिया था।

यानि आज के दौर में देखा जाए तो मैक्रों एकमात्र पश्चिमी नेता हैं, जिन्होंने सभी मोर्चों पर उभरते चीनी सहयोगी तुर्की के खिलाफ खड़े हुए है। इसके अलावा तुर्की के खिलाफ खड़े होने से फ्रांस को प्रमुख खाड़ी शक्तियां जैसे सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का भी सहयोग मिलने लगा है जो फ्रांस को और अधिक राजनयिक उपस्थिती बढ़ाने में मदद करेगा।

यह भी नहीं भूलना चाहिए कि लीबिया, इराक, और लेबनान और साइप्रस के जल क्षेत्रों में फ्रांस की गहरी दिलचस्पी है। अफ्रीका में तेल का सबसे बड़ा भंडार और प्राकृतिक गैस का पांचवां सबसे बड़ा भंडार है, यही वजह है कि फ्रांसीसी ऊर्जा कंपनी टोटल लगभग सात दशकों से लीबिया में काम कर रही है। वहीं इराक की कंसोर्टियम में, इसी कंपनी की 22.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है और जो हाफया तेल क्षेत्र को नियंत्रित करता है।

मिडिल ईस्ट के लिए मैक्रों का बड़ा संदेश यह है कि फ्रांस उस नाजुक सुरक्षा स्थिति का प्रबंधन करने के लिए तैयार है जो एक जिम्मेदार शक्ति के अभाव में आसानी से नियंत्रण से बाहर हो सकती है।

यानि आज देखा जाए तो मिडिल ईस्ट में पैदा हुए पावर वैक्युम को भरने के लिए एक तरफ चीन है जो तुर्की और ईरान जैसे Rogue nations की मदद कर रहा है और उसकी दोस्ती उसके फायदे तक सीमित है तो वहीं दूसरी तरफ फ्रांस है जो तुर्की और हिजबुल्ला जैसी ताकतों को आड़े हाथो ले रहा है। मौजूदा समय में मिडिल ईस्ट में फ्रांस के पास अधिक मित्र जैसे लेबनान, इराक, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, मिस्र, ग्रीस और साइप्रस हैं तथा इन देशों का राजनयिक समर्थन प्राप्त है। जबकि चीन के BRI की पोल खुलने और ऋण जाल के एक्सपोज होने के बाद बेहद कम उम्मीद है कि कोई भी देश चीन पर भरोसा करेगा। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि मैक्रों ने मिडिल ईस्ट में हस्तक्षेप कर चीन की महत्वाकांक्षाओं पर पानी फेर दिया है।

शेयर10ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

“चीन को धिक्कार-ताइवान को प्यार” सेनकाकु द्वीपों के बदले ताइवान को कूटनीतिक समर्थन दे सकते हैं जापान के नए PM

अगली पोस्ट

‘अब ये बदसलूकी पर उतर आए हैं’, बिल पास होने पर पागल हुए विपक्ष ने सभी हदें की पार

संबंधित पोस्ट

B से बिहार, B से बीड़ी: कांग्रेस के ट्वीट से मचा सियासी बवाल
चर्चित

B से बिहार, B से बीड़ी: कांग्रेस के ट्वीट से मचा सियासी बवाल

5 September 2025

बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस की केरल इकाई का एक विवादित ट्वीट विपक्ष के लिए सिरदर्द और भाजपा-जेडीयू गठबंधन के लिए बड़ा चुनावी मुद्दा बन...

पीएम मोदी के आवास में भाजपा सांसदों का डिनर
चर्चित

जेपी नड्डा के घर ‘डिनर’ से शुरू- पीएम मोदी के घर ‘डिनर’ पर खत्म: भाजपा सांसदों की ‘क्लास’ में क्या है ख़ास ?

5 September 2025

अमेरिका से जारी टैरिफ़ तनातनी और बिहार चुनावों से पहले भाजपा संसदीय दल की तरफ़ से सांसदों के लिए विशेष कार्यक्रम और वर्कशॉप का आयोजन...

बिहार चुनाव 2025: भाजपा-एनडीए की रणनीति से बन सकता है इतिहास
चर्चित

बिहार चुनाव 2025: भाजपा-एनडीए की रणनीति से बन सकता है इतिहास

4 September 2025

बिहार की राजनीति में 2025 का विधानसभा चुनाव एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है। भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने यह स्पष्ट कर दिया...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why Periyar Is No Hero: The Anti-Hindu Legacy That Stalin & DMK Ecosystem Want You To Forget

Why Periyar Is No Hero: The Anti-Hindu Legacy That Stalin & DMK Ecosystem Want You To Forget

00:06:26

Why Hindus Should Reclaim The Forgotten Truth of Onam | Sanatan Roots vs Secular Lies

00:07:03

Suhana Khan in Trouble? Alleged Fake Farmer Claim and the ₹22 Crore Land Deal

00:05:55

IAF’s Arabian Sea Drill: Is it A Routine exercise or Future Warfare Preparation?

00:05:26

Ganesha’s Empire Beyond Bharat: The Forgotten History of Sanatan Dharma in Asia

00:07:16
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited