“कोरोना down, इकॉनमी Up” भारत तेजी से Normalcy की तरफ आगे बढ़ रहा है

विकास के रास्ते पर हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, ये हम नहीं आंकड़े बोल रहे हैं

(PC: Financial Times)

पिछले 6-7 महीने से चीनी वायरस से जूझ रहे भारत के लिए दो बड़ी और अच्छी खबरें आई हैं। पहली खबर तो यह है कि अब भारत में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या तेजी से कम होती जा रही है, और दूसरी बड़ी खबर यह है कि अब भारत की इकॉनमी भी तेजी से ट्रैक पर लौटती दिखाई दे रही है। आईए अब इसी खबर को आंकड़ों की मदद से समझते हैं:

चीनी वायरस की बात करें तो अब भारत में हर दिन रिकॉर्ड किए जा रहे नए मामलों में कमी देखने को मिली है, और प्रतिदिन अब नए मामलों से ज़्यादा रिकवरी के मामले देखने को मिल रहे हैं, जिसके कारण अब हर दिन भारत में एक्टिव मामले कम होते जा रहे हैं।

उदाहरण के लिए सितंबर 21 को देश में कोरोना के सिर्फ 74 हज़ार नए मामले रिकॉर्ड किए गए थे, लेकिन ठीक उसी दिन 1 लाख 2 हज़ार अस्पतालों से discharge किए गए। यानि उस दिन 74 हज़ार नए मामले आने के बावजूद देश के एक्टिव मामलों में करीब 28 हज़ार की कमी देखने को मिली। ऊपर दिये ग्राफ़ से समझा जा सकता है कि करीब 10 सितंबर के बाद से देश में एक्टिव मामले लगातार कम होते जा रहे हैं। इससे यह भी स्पष्ट है कि अब कोरोना के कारण देश के स्वास्थ्य तंत्र से बोझ लगातार कम होता जा रहा है।

अभी भारत में कोरोना के कुल 61 लाख 45 हज़ार मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जिनमें से 9 लाख 48 हज़ार मामले ही अभी एक्टिव हैं और करीब 96 हज़ार लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। बाकी बचे करीब 51 लाख मामलों में मरीजों को छुट्टी दी जा चुकी है।

देश के लिए अच्छी खबर यह है कि कोरोना के साथ-साथ देश में इकॉनमी की स्थिति भी बेहतर होती जा रही है। Livemint की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश की अर्थव्यवस्था की हालत बयां करने वाले 16 पैमानों में से भारतीय इकॉनमी अब 6 पैमानों पर अच्छा प्रदर्शन कर रही है, जबकि पिछले महीने भारत सिर्फ 2 पैमानों पर ही अच्छा प्रदर्शन कर पा रहा था।

अगस्त महीने में देश में Rail freight Traffic में 4 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली, जो इस बात का सूचक है कि देश में manufacturing सेक्टर धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ता दिखाई दे रहा है। रिपोर्ट के अनुसार देश में Composite Output Index यानि PMI भी तेजी से 50 पॉइंट यानि Positivity की ओर बढ़ रहा है। अप्रैल महीने में 10 से नीचे रहने वाले PMI अगस्त महीने में 46 तक पहुँच गया है। बता दें कि देश में manufacturing output index और service सेक्टर के activity index के weighted average को PMI कहा जाता है, और PMI 50 से अधिक होने का मतलब होता है कि सेक्टर में विकास दर्ज किया जा रहा है।

अगस्त महीने में ही देश में वाहनों और ट्रैक्टर की बिक्री में वृद्धि देखने को मिली, जो दिखाता है कि देश का Auto सेक्टर अच्छा प्रदर्शन करने के रास्ते पर है। यह 20 महीनों में पहली बार है कि वाहनों की बिक्री ने साल दर साल के हिसाब से बढ़त हासिल की हो। इसके अलावा ट्रैक्टर की बिक्री में अगस्त महीने में 75 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली, जो दिखाता है कि ग्रामीण भारत में मांग अच्छी है और ग्रामीण इकॉनमी बेहतर प्रदर्शन कर रही है। देश की इकॉनमी Broadband Subscriber Base और Domestic Air passenger जैसे पैमानों पर अभी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही है, क्योंकि इन सेक्टर में रिकवरी की रफ्तार बेहद धीमी है। हालांकि, trends के हिसाब से आने वाले महीनों में इन पैमानों पर भी इकॉनमी अच्छा प्रदर्शन कर सकती है।

Livemint द्वारा निर्धारित Ease of Living के चार पैमानों पर इकॉनमी अभी भी Average ही परफ़ोर्म कर रही है, जबकि trade balance और विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में देश की अर्थव्यवस्था बेहद अच्छा प्रदर्शन कर रही है। कुल मिलकर 16 से में भारत अभी 6 पैमानों पर रिकवरी कर चुका है और बाकी बचे 10 पैमानों में से अधिकतर पैमानों पर भी रिकवरी करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। आने वाले महीनों में हमे कोरोना के साथ-साथ आर्थिक पहलू पर और बेहतर आंकड़े देखने को मिल सकते हैं।

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