कोरोना वुहान से ही फैला था, अब CCP के खिलाफ विद्रोह की आग भी वुहान से ही फैलेगी

तुम बाहर कुट रहे हो... तुम घर में भी कूटे जाओगे

वुहान

चीन ने सोचा था कि पूरी दुनिया को कोरोनावायरस जैसी महामारी देकर खुद को इससे बचा लेगा। लेकिन उसकी ये सोच उसके लिए ही नुकसानदायक साबित हो रही है क्योंकि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के खिलाफ लोगों का गुस्सा भड़क उठा है। चीन की ही जनता अपनी सरकार के खिलाफ कोरोनावायरस की बातों को छिपाने के आरोप में बगावत करने के लिए उतर चुकी है जिसकी शुरुआत वुहान से ही हुई जहा से कोरोना शुरू हुआ था।

वुहान से ही हुई शुरूआत

दरअसल, चीन के वुहान से ही पिछले वर्ष कोरोनावायरस की शुरुआत हुई थी। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ अब इसी वुहान से विद्रोह की आग उठी है। चीन के लोग वुहान की प्रांतीय सरकारों पर आरोप लगा रहे हैं कि जब कोरोना का विस्तार शुरू हुआ तो इन सरकारों ने उसे रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए बल्कि उन लोगों को ही धमकाया जो सरकारों पर वायरस को छिपाने का आरोप लगा रहे थे या कोरोनावायरस की खबरों को बाहर दुनिया को बता रहे थे।

चीन के ही एक 67 वर्षीय शख्स Zhong Hanneng ने फ़रवरी में इस वायरस के कारण अपने बेटे को खो दिया। उन्होंने बताया कि कैसे चीन की कम्युनिस्ट सरकार मौतों के आंकड़ों को छिपाकर विश्व स्वास्थ्य संगठन को गुमराह कर रही थी। उन्होंने कहा, “महामारी एक प्राकृतिक आपदा होती है लेकिन ये केवल मानव निर्मित आपदा थी‌। मैनें अपने पूरे परिवार को खो दिया है, मेरी सारी खुशियां खत्म हो चुकी हैं।”

Zhong Hanneng वुहान के कोई अकेली ऐसी शख्स नहीं है जो इस वायरस के कारण परेशान हुए हैं बल्कि वुहान की बड़ी आबादी का हाल भी कुछ ऐसा ही है। उन्होंने ये संकेत भी दिया कि वुहान की लैब से कोरोना का विस्तार हुआ है। कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ Hanneng की आवाज के उठाने के बाद से अन्य लोग भी खुलकर इस कम्युनिस्ट सरकार के खिलाफ मोर्चा निकाल रहे हैं और सरकार के खिलाफ मुकदमे की तैयारी में जुटे हुए हैं।

चीन की तानाशाही जारी

दूसरी ओर चीन की दमनकारी नीति अभी भी जारी है जो इस विरोध से बचने के लिए चीन अब अधिकारियों को प्रांतीय सरकारों के खिलाफ केस न दर्ज करने और वकीलों को इस केस से दूर रहने के लिए धमका रही है। लेकिन जो लोग अपनों को इस वायरस के कारण खो चुके हैं वो सरकार के खिलाफ अडिग हैं। अपने पिता को खो चुके झांग ने बताया कि लोग चीनी सरकार से एक सार्वजनिक माफी के साथ ही 2,95,000 डॉलर्स मुआवजे के रूप में मांग रहे हैं।

वहीं, अमेरिका में चीन के पूर्व एक्टिविस्ट Yang Zhanqing ने बताया, ‘चीन की न्यायपालिका भी कम्युनिस्ट पार्टी के एजेंडे पर चलते हुए ज्यादातर मुकदमों को खारिज कर रही है।’ उनके इस बयान में सच्चाई भी है क्योंकि इसको लेकर कोई अहम प्रतिक्रिया चीन की अदालतों से भी नहीं आ रही है। लेकिन लोगों का विरोध दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। लोग सबसे ज्यादा चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से गुस्सा हैं। वुहान के लोग तो ये भी कह रहे हैं कि जिनपिंग धीरे-धीरे बेशर्मी के साथ चीन को बर्बाद कर रहे हैं।  वुहान के चीनी नागरिक अच्छे से जानते हैं कि किस तरह से वहां की सरकार ने इस इलाके में लोगों की मौत के आंकड़ों को दबाने का काम किया है। वहीं परीक्षणों की संख्या लगातार गिरावट होती रही और विश्व को आंकड़ों से किस तरह वहां की सरकार ने भ्रमित किया।

वैश्विक स्तर पर कोरोनावायरस के कारण पहले से ही आलोचना झेल रहे चीन के वुहान से अब तानाशाही शासन होने के बावजूद जिस तरह के विद्रोह की खबरें आ रही हैं वो बताती हैं कि जैसे दुनिया के लिए वुहान से निकला कोरोनावायरस खतरनाक साबित हुआ, वुहान के ये विद्रोही भी चीनी की कम्युनिस्ट पार्टी की क्लास लेंगे और इनके सवालों का जवाब देना नामुमकिन ही होगा।

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