‘हमें लड़ाई में नहीं जाना’, चीनी सैनिकों का रोना हास्यास्पद भी है और दुखद भी

जानिए, बॉर्डर पर आने से पहले क्यों रो रहे हैं चीनी सैनिक

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the newmag

एक तरफ जहां चीन अपने सैन्यबल की डींगें हाँकता फिरता है, तो वहीं दूसरे देश उसके वास्तविक स्वरूप को जगजाहिर करने में कोई कसर नहीं छोड़ते। चीनी मीडिया एक ओर जहां दावा कर रही है कि एलएसी पर युद्ध की स्थिति में भारत चीन के समक्ष एक दिन नहीं टिक पाएगा, तो वहीं एक वायरल वीडियो उसके इस दावे की धज्जियां उड़ाता दिखाई दे रहा है –

 

सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो में चीन के अन्हुई प्रांत से सीमा के लिए निकल रहे जवान एक चीनी गाना गाते हुए दिखाई दे रहे हैं। बस में सवार ये चीनी सैनिक अपने भावनाओं को नियंत्रण में नहीं रख पाये और इस वीडियो में वे बिलख बिलख के रोते हुए दिखाई दिये। ये स्पष्ट नहीं है कि वीडियो में उपस्थित सैनिक किस मोर्चे के लिए निकल रहे थे, लेकिन ताइवान न्यूज़ का मानना है कि ये सैनिक, जो अभी-अभी कॉलेज से निकले हैं, भारत-तिब्बत बॉर्डर के लिए निकल रहे थे ।

इस वीडियो को चीन के WeChat पर एक पेज पर प्रकाशित भी किया गया था, परंतु जल्द ही उसे हटा भी लिया गया था। इस वीडियो से स्पष्ट पता चल रहा है कि चीनी प्रशासन अपनी हेकड़ी के लिए किस हद तक जाने को तैयार है। जो सैनिक मोर्चे पर जाने से पहले ही इतने अधिक भावुक हो रहे हैं, वे मोर्चे पर क्या ही लड़ेंगे? इसके पीछे चीन को जमकर सोशल मीडिया पर ताइवान और भारत के निवासियों ने ट्रोल किया।

सच कहें तो यह वीडियो देखने के बाद हंसी भी आती है और दुख भी। हंसी इस बात पर  कि चीन ऐसे सैनिकों के बल पर पूरी दुनिया फतेह करने के ख्वाब देखता है, और दुख इस बात पे कि चीन के युवा पीढ़ी को चीनी प्रशासन की अकड़ का दुष्परिणाम भुगतना पड़ रहा है। वीडियो में सैनिकों के चेहरों के भाव देखकर स्पष्ट पता चलता है कि देश के लिए लड़ना तो बहुत दूर की बात, यह मोर्चे पर जाना भी नहीं चाहते। जब मन में राष्ट्र के लिए अपना सर्वस्व अर्पण करने की भावना ही न हो, तो फिर आप कैसे जीतने की सोच सकते हैं?

इस वीडियो से भारतीय सैनिकों और चीनी सैनिकों में अंतर भी स्पष्ट हो जाता है। जहां चीन की वन चाइल्ड नीति के कारण अकर्मण्य और दुर्बल सैनिकों का जमावड़ा होने लगा है, वहीं भारतीय सेना में ऐसे जोशीले और हृष्ट-पुष्ट जवान है, जो अपनी इच्छा से अपना सर्वस्व अर्पण करने को तैयार हो जाते हैं। इन्हें किसी ने भी बलपूर्वक सेना में भर्ती नहीं किया है, लेकिन अपने देश के लिए हमारे सैनिक जान देने को भी तैयार है, और अगर आवश्यकता पड़ी, तो जान लेने को भी। लेकिन ये पहली ऐसी घटना नहीं है, जहां चीन के सैनिकों की पोल इस तरह खुली हो। जुलाई में ये खबर सामने आई कि गलवान घाटी में हाथापाई के दौरान चीनी सैनिकों की हुई कुटाई को ध्यान में रखते हुए बॉर्डर पर चीनी सैनिकों को प्रशिक्षित करने के लिए MMA फाइटर्स को तैनात किया गया।

इसके अलावा अभी हाल ही में हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में ये खुलासा किया गया कि एलएसी पर तैनात पीएलए के सैनिकों को अभी से ही ऊंचाई पर तैनात होने के कारण कई बीमारियों ने घेर लिया है, जबकि अभी उस क्षेत्र की कड़कड़ाती सर्दियों ने अभी दस्तक भी नहीं दी है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि रोते हुए चीनी सैनिकों की वीडियो इस बात को फिर सिद्ध करती है कि अपनी सनक में चीनी प्रशासन अपने नागरिकों की बलि चढ़ाने से पहले एक बार भी नहीं सोचेगा।

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