“RIL ने Amazon को कोई ऑफर नहीं दिया” ब्लूमबर्ग की झूठी रिपोर्ट क्या Reliance को छोटा दिखाने के लिए छापी गयी थी?

मुकेश अंबानी ब्लूमबर्ग के सपने में आए थे या Amazon के?

RELIANCE

मीडिया में जानबूझकर ऐसी खबरे छापना जिससे किसी कंपनी को फायदा हो, यह आम बात है। बड़ी मीडिया हाउस में यह और अधिक देखा जाता है। आज के समय में Bloomberg एक ऐसी ही मीडिया हाउस है जिसने व्यापार की खबरों और रिपोर्टिंग वर्चस्व स्थापित किया हुआ है। इस मीडिया दिग्गज गुमनाम स्रोतों के हवाले ऐसी ही एक खबर छापी कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की Reliance Retail Ventures Limited (RRVL) रिटेल इंडस्ट्री की दिग्गज अमेज़न को अपना 40 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचना चाहती है। बाद में यह खबर झूठी निकली।

आखिर ब्लूमबर्ग ने किसके इशारे पर इस लेख को प्रकाशित किया था? इस लेख से सबसे अधिक फायदा किस कंपनी को हो सकता है?

ब्लूमबर्ग के एक संपादक, Anto Antony ने लेख में लिखा कि, ” मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति के अनुसार भारतीय अरबपति मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड Amazon.com को अपने खुदरा व्यापार में लगभग 20 बिलियन डॉलर की हिस्सेदारी बेचने की पेशकश कर रही है। “इस लेख का शीर्षक था, “अंबानी की Reliance अमेज़न को रिटेल आर्म में 20 बिलियन डॉलर स्टेक की पेशकश कर सकती है।”

इस खबर को भारतीय मीडिया में व्यापक रूप से कवर किया गया और लगभग हर प्रकाशक ने ब्लूमबर्ग के हवाले से इस खबर को प्रकाशित किया। हालांकि, बाद में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इस खबर को खारिज कर दिया और इसे ‘काल्पनिक’ कहा। रिलायंस इंडस्ट्रीज बयान में कहा गया है, “हम मीडिया से अपील करते हैं कि वे ऐसी किसी भी काल्पनिक खबर की सावधानीपूर्वक जांच करें और अपने और अपने पाठकों को झूठी खबरों से बचाए, जिनमें से कई व्यक्तिगत खुदरा निवेशक भी हैं। बयान में आगे कहा गया है कि, “हम इस बात को दोहराना चाहेंगे कि हम मीडिया की अटकलों और अफवाहों पर टिप्पणी नहीं करते हैं और हम किसी भी लेन-देन की पुष्टि नहीं कर सकते हैं।’’

खबर पढ़ कर यह स्पष्ट कहा जा सकता है कि यह ब्लूमबर्ग द्वारा एक “Hitjob” था, शायद अमेज़ॅन के इशारे पर या कुछ अन्य अज्ञात कारणों से। अब तक, अमेज़ॅन भारतीय ऑनलाइन खुदरा बाजार में निर्विवाद रूप से सबसे बड़ी कंपनी है, लेकिन उसे पता है कि अगर रिटेल क्षेत्र में रिलायंस ने प्रवेश कर लिया तो अमेज़न की भी वही हालत हो जाएगी जो जियो के आने के बाद अन्य संचार कंपनियों का हुआ था।

इसमें कोई संदेह नहीं है अमेज़न Reliance को भारत के रिटेल बाज़ारों पर अपनी मजबूत पकड़ तथा रुपये दिखाना चाहता था जिससे यह सभी को यह पता चले की अमेज़न RIL से बाजार का मूल्यांकन में कम से कम 5 गुना अधिक बड़ा है। इसके अलावा, शायद यह भी कहना चाहता था कि वह Reliance रिटेल को प्रतिद्वंदी बनने से पहले ही उसकी बड़ी हिस्सेदारी खरीदने में सक्षम है।

अमेज़न ने अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए ब्लूमबर्ग को चुना क्योंकि यह बिजनेस मीडिया में सबसे प्रभावशाली है। ब्लूमबर्ग मुकेश अंबानी को बदनाम करने के लिए पहले भी कुछ लेख लिख चुका है।

इससे पहले, ब्लूमबर्ग ने लेख लिखा था कि मुकेश अंबानी ने एरिक्सन मामले में जेल जाने से बचाने के लिए अनिल अंबानी से को “विनती” करने पर मजबूर किया था। उस रिपोर्ट का अर्थ स्पष्ट था कि मुकेश अंबानी को एक बेहद ही खराब व्यक्तित्व वाले बिजनेस मैन की तरह पेश करना, ऐसे समय में जब वह एशिया का सबसे अमीर आदमी बन गए हों और Jio एक ई-कॉमर्स कंपनी और 5G टेलीकॉम दिग्गज बनने की राह पर है।  रिपोर्ट में अज्ञात स्रोतों का हवाला दिया गया है जिससे उनका एजेंडा और स्पष्ट हो जाता है।

ऐसा लगता है कि जेफ बेजोस के नेतृत्व वाली अमेज़न उस प्रतिस्पर्धा से डरती है जो मुकेश अंबानी की रिलायंस के रिटेल क्षेत्र में आने से होगा और इसलिए, यह ब्लूमबर्ग जैसे मीडिया हाउस का उपयोग “Hitjob” के लिए कर रहे हैं।

अपने पिता के समान, मुकेश अंबानी को बाजारों में एकाधिकार के लिए काम करने के लिए जाना जाता है। बिजनेस के शुरुआती दिनों में, उनके पिता ने धागा बनाने के कारोबार पर एकाधिकार कर लिया, और उसके बाद मुकेश अंबानी ने खुद को रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल व्यवसाय में सबसे बड़े खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया। अब, कंपनी दूरसंचार बाजार और रिटेल व्यापार को भी एकाधिकार बनाने की कोशिश कर रही है।

विश्लेषकों के बीच कोई संदेह नहीं है कि अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस मौजूदा ई-कॉमर्स कंपनियों को जबर्दस्त टक्कर देगी। आगामी वर्ष हमें भारतीय ई-कॉमर्स बाजार में एक अच्छी प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी, विशेष रूप से एशिया के सबसे अमीर आदमी और दुनिया के सबसे अमीर आदमी जेफ बेजोस के बीच।

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