चीन को खुश करने के लिए और पैसों के लिए Disney ने एक फिल्म रिलीज़ की, अब उसने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है

दुनियाभर में Disney के बहिष्कार की मांग क्यों उठाई जा रही है?

Mulan

पिछले कुछ समय में देखा जाए तो हॉलीवुड के लिए अमेरिका और चीन से होने वाली कमाई में टक्कर देखने को मिली थी और यह अंदाजा लगाया गया था कि इस वर्ष चीन से होने वाली कमाई अधिक हो सकतीं है। इसी लालच में आकर वॉल्ट डिज़नी ने चीन को खुश करने के साथ-साथ कमाई करने के लिए Mulan नामक एक फिल्म बनाई जो आज विवादों का एक केंद्र बन चुका है और उसे कई देशों की जनता के रोष का सामना करना पड़ रहा है।

दरअसल, ‘Mulan’ 1998 में इसी नाम से आई एक हिट फिल्म का रीमेक है, जो चीनी लोकगीतों पर आधारित है और “चीनी मूल्यों” को बढ़ावा देती है। वॉल्ट डिज़नी ने इस फिल्म को 200 मिलियन डॉलर की लागत से बनाया है और यह उम्मीद लगाई जा रही थी कि यह कम से कम 1 बिलियन डॉलर कमाएगी।

यह फिल्म पर्दे पर उतरे उससे पहले ही यह विवादों के घेरे में आ गयी है और विश्व भर में इसका बॉयकॉट होना भी शुरू हो चुका है।

सबसे पहले इस फिल्म का विरोध इस फिल्म की नायिका Liu Yifei द्वारा पिछले वर्ष सोशल मीडिया पर हाँग-काँग पुलिस का समर्थन करने से शुरू हुआ था। अब यह बात सामने आई है कि इस फिल्म के कुछ हिस्सों की शूटिंग उसी शिनजियांग प्रांत में हुई है जहां उइगर मुसलमानों के साथ अत्याचार किया जाता है।

निक्की कारो द्वारा निर्देशित यह फिल्म जब से पश्चिमी बाजारों में रिलीज हुई है तब से यह विवाद और तूल पकड़ चुका है। शिनजियांग प्रांत में उइगर अल्पसंख्यकों के खिलाफ होने वाले अत्याचार से विश्व के सभी देश वाकिफ है कि किस तरह मुसलमानों को Re-education के नाम पर उनके साथ अत्याचार किया जाता। इस फिल्म के क्रेडिट्स में, डिज़नी स्टूडियो ने शिनजियांग प्रांत की सरकार को शूटिंग करने की अनुमति देने के लिए धन्यवाद दिया। जबकि अमेरिका सहित कई देश चीन के शिनजियांग प्रांत में होने वाले अत्याचार के खिलाफ बोल चुके हैं और चीन की आलोचना कर चुके हैं।

इस महीने डिज़नी की स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर फिल्म के लॉन्च के बाद हांगकांग के लोकतंत्र कार्यकर्ता Joshua Wong और ताइवान और थाईलैंड के इंटरनेट यूजर “#BoycottMulan” और “#BanMulan” ट्विटर पर हैशटैग ट्रेंड करावा रहे हैं।

हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं ने फिल्म और डिज्नी स्टूडियो का दोनों बहिष्कार करने का आग्रह किया है। हांगकांग के कार्यकर्ता जोशोंग वोंग ने ट्वीट करते हुए लिखा, ” डिज़नी बीजिंग के सामने झुक गया और Liu Yifei ने खुले तौर पर और गर्व से हांगकांग में पुलिस क्रूरता का समर्थन किया था, इसलिए मैं हर किसी से आग्रह करता हूं जो भी मानवाधिकारों में विश्वास करता है वो #BoycottMulan करे।”

वहीं, Amnesty International ने भी ट्वीट करते हुए डिज़नी से मानवाधिकार पर सवाल पूछा।

बता दें कि पिछले वर्ष अगस्त में Mulan फिल्म की अभिनेत्री ने लोकतन्त्र समर्थकों पर हमले के बाद Weibo पर लिखा था कि “मैं हांगकांग पुलिस का समर्थन करता हूं। आप सभी अब मुझ पर हमला कर सकते हैं। हांगकांग के लिए शर्म की बात है।”

डिज़नी का CCP के सामने झुकने की वजह कुछ और नहीं बल्कि चीन से होने वाली मोटी कमाई है। डिज़नी के 2019 के मेगा-हिट “एवेंजर्स: एंडगेम” ने चीन में $ 629.1 मिलियन की कमाई कि थी जो दुनिया भर में कुल 2.8 बिलियन डॉलर का लगभग 23% है। वहीं “द लायन किंग” के 2019 रीमेक ने चीन में $ 120 मिलियन मूल्य के टिकट बेचे थे।

अब इस फिल्म के लगातार बॉयकॉट होने के कारण डिजनी के माथे पर बल पड़ चुका है। आज भले ही चीन हॉलीवुड के लिए सबसे बड़ा बाजार बन चुका है लेकिन बाकी देशों के बाज़ारों के साथ बैर लेने का मतलब अपना आधा आधार खोना पड़ सकता है। ऐसे में किसी भी हालत में नुकसान डिजनी का ही होना तय दिखाई दे रहा है।

आज सिर्फ डिजनी ही नहीं बल्कि हॉलीवुड स्टूडियो के लगभग सभी निर्माता न केवल संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बीच लड़ाई में फंस गए हैं, बल्कि उन्हें अपने व्यापारिक हितों को देखते हुए मानवाधिकार, लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे सिद्धांतों के बीच संतुलन बनाने की दुविधा का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, अभी तक उन्होंने सिद्धांतों के ऊपर व्यापार को प्राथमिकता दी है।

यही कारण है कि आज लगभग सभी निर्माताओं पर चीन अपना शिकंजा कस चुका है। आज हॉलीवुड स्टूडियो के लिए चीन सबसे बड़ा बाजार है और चीनी सरकार ने इसी का फायदा अपने प्रचार उपकरण के रूप में करना शुरू कर दिया है। फिल्म की पटकथा लेखन से लेकर निर्देशक और प्रोडक्शन स्टूडियो तक चीन और चीन सरकार की अच्छी छवि दिखाने के लिए मजबूर हैं, अन्यथा चीन सरकार उनकी फिल्मों पर प्रतिबंध लगा देगी।

यही कारण है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अधिकारी ताइवान, तिब्बत, हांगकांग या शिंजियांग में चीन के मानवाधिकारों के हनन का कोई उल्लेख नहीं करते। हॉलीवुड में उदारवाद और मानव-अधिकारों के इन स्वघोषित एक्टिविस्टों को इन मुद्दों पर साँप सूंघ जाता है। यही कारण है कि आप कभी भी तिब्बतियों को अपनी भूमि, संस्कृति और हॉलीवुड फिल्म नहीं देख पाएंगे। । यदि अमेरिकी सरकार द्वारा समय पर कार्रवाई नहीं की जाती है, तो पूरा का पूरा हॉलीवुड अमेरिका में शी जिनपिंग का अनौपचारिक प्रवक्ता बन जाएगा।

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