धीमी-दबी आवाज़ में चीन ने रूस को पहली बार धमकी दी है, पुतिन नाराज़ हुए तो खेल खत्म

Bat Soup पीकर कल Global Times वाला अंकल कुछ ज़्यादा ही बोल गया...

चीन

कोरोना के बाद पैदा हुए हालातों में रूस वैश्विक स्तर पर अलग-थलग पड़ता जा रहा है। ले देकर रूस आज अकेला ऐसा महत्वपूर्ण देश बचा है, जिसे चीन अपना दोस्त कह सकता है। हालांकि, समस्या यह है कि रूस भी भारत का सबसे प्रमुख रणनीतिक साझेदार है। चीन के साथ जारी विवाद के समय रूस खुलकर भारत के समर्थन में आया है, जिसके कारण चीनी सोशल मीडिया में रूस के खिलाफ बातें लिखी जा रही हैं। ऐसे समय में चीन के सरकारी अखबार Global Times के मुख्य संपादक “हु शीजीन” ने रूस-चीन की दोस्ती पर एक लेख लिखा है, जिसमें इशारों ही इशारों में उन्होंने रूस को धमकी जारी की है। बड़ा सवाल यह है कि आज के समय क्या चीन रूस के साथ दुश्मनी मोल लेने की स्थिति में है?

हु शीजीन ने बड़े ही सधे हुए शब्दों में इस लेख को लिखा है, जिसके माध्यम से ना सिर्फ उन्होंने रूस-चीन दोस्ती को दोनों देशों के लिए बड़ा महत्वपूर्ण बताया है, बल्कि इशारों ही इशारों में रूस को धमकी भी दी है कि अगर ऐसे वक्त में चीन ने रूस को अपना विरोधी बना लिया तो रूस बड़ी मुश्किलों में घिर जाएगा। GT के लेख के मुताबिक “रूस और चीन, दोनों देश ही अमेरिका के प्रतिबंधों का सामना कर रहे हैं। ऐसे समय में दोनों देशों को एक दूसरे के नजदीक ही रहना होगा। साथ ही रूस-चीन के अच्छे रिश्तों का सबसे बड़ा फायदा रूस को ही हो रहा है। चीन के विकास के साथ ही चीन के साथ अच्छे संबंध रखना अब रूस की ज़रूरत बन गया है।” इन पंक्तियों से ज़ाहिर है कि चीन ने रूस को चेतावनी भरे शब्दों में कहा है कि अगर आज के हालातों में चीन भी रूस के खिलाफ खड़ा होता है, तो रूस के लिए मुश्किलें बढ़ना तय है।

इस लेख में यह भी बताया गया है कि रूस द्वारा भारत की सहायता करने के कारण बड़े पैमाने पर चीन के लोग रूस से नाखुश हैं। आमतौर पर अपने लोगों के जज़्बात चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के लिए कोई महत्व नहीं रखते हैं, लेकिन इस बात को प्रकाशित कर चीनी मीडिया ने रूसी सरकार को यह संकेत दिया है कि भारत के साथ उसकी नजदीकी चीन-रूस के सम्बन्धों में खटास पैदा कर सकती है।

चीनी लोगों और चीनी मीडिया का गुस्सा होना बनता भी है। भारत-चीन विवाद के दौरान रूस ने चीन के साथ-साथ पाकिस्तान को भी बड़ा झटका देने का काम किया है। पहले तो रूस ने चीन को एस-400 की सप्लाई देने से साफ मना कर दिया, उसके बाद भी रूस का पेट नहीं भरा तो रूस ने भारत को साफ कर दिया कि वह China के साथी पाकिस्तान को एक भी हथियार नहीं बेचेगा। दूसरी ओर 15 जून को भारत-चीन के बीच खूनी संघर्ष के बाद भारत ने रूस से फाइटर जेट्स की खरीद के लिए आपात ऑर्डर दिया था, जिसे Russia ने तुरंत स्वीकार कर लिया था। 4 सितंबर को जिस प्रकार चीनी रक्षा मंत्री ने Russia  में मौजूद भारत के रक्षा मंत्री से बैठक के लिए गुहार लगाई थी, उससे भी यह अंदेशा है कि खुद रूस ने ही चीन पर भारत से बैठक करने के लिए दबाव बनाया हो। इन सब घटनाओं के बाद यह संभव है की चीनी राष्ट्रवादी लोग रूस के खिलाफ खड़ा हो गए हों, जिन्हें काबू में रखने के लिए ही अब चीनी मीडिया की ओर से रूस को यह धमकी दी गयी है।

हालांकि, China को यह समझ लेना चाहिए कि रूस के साथ पंगा मोल लेकर वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने आप को अलग-थलग करने का ही काम करेगा, जो बात खुद हु शिजीन भी अपने लेख में लिखते हैं। कई मुद्दों पर रूस और China के बीच पहले ही तनाव देखने को मिल चुका है। भारत के साथ दोस्ती बढ़ाकर रूस China के खिलाफ India Card खेल रहा है और अगर भविष्य में China खुलकर पुतिन के खिलाफ खड़ा होता है, तो पुतिन आसानी से भारत के साथ मिलकर China का दम घोंट सकते हैं। अमेरिका, जापान और भारत जैसे देश पिछले कुछ समय से रूस के साथ नज़दीकियाँ बढ़ाने पर फोकस कर रहे हैं, ऐसे में China रूस के खिलाफ होकर अपने पैरों पर कुल्हाड़ी तो नहीं मारना चाहेगा।

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