इस बार तुर्की की खैर नहीं। फ्रांस ने उसे चारों ओर से घेर लिया है, और तुर्की के वर्तमान तानाशाह Recep Tayyip Erdoğan को सबक सिखाने के लिए उसके शत्रुओं को आधुनिक रक्षा उपकरणों से लैस करना शुरू भी कर दिया है। एर्दोगन की हठधर्मिता के कारण अब तुर्की के मित्र कम और शत्रु ज़्यादा बन रहे हैं, और इसी दिशा में अब फ्रांस ने ग्रीस के साथ अपने रक्षा उपकरण साझा करने का निर्णय भी लिया है।
हाल ही में ग्रीस ने घोषणा की है कि वह फ्रांस से कम से कम 18 राफ़ेल फाइटर जेट्स खरीदने वाला है और साथ ही चार युद्धपोत भी वह फ्रांस से लगा। यही नहीं, ग्रीस अपने चार युद्धपोतों के पुनर्निर्माण में भी फ्रांस की सहायता लेगा। ग्रीस के प्रधानमंत्री Kyriakos Mitsotakisparty ने बताया कि ग्रीस के सुरक्षाबलों को अगले 5 वर्षों में फ्रांस की कृपा से नए एंटी टैंक शस्त्र, टॉरपीडो, एवं तय दिशा में जाने वाले मिसाइल उपलब्ध कराये जाएँगे। इसके अलावा 4 नए हेलीकॉप्टर भी ग्रीस की सेवा में जल्द ही उपलब्ध कराये जाएंगे।
परंतु ग्रीस की सरकार को इतनी ख़रीदारी क्यों करनी पड़ रही है? ऐसा इसलिए है क्योंकि तुर्की चीन की पद्वति पर चलते हुए पूर्वी मेडिटेरेनियन पर कब्जा जमाना चाहता है, और इसीलिए वह ग्रीस और साइप्रस के जलक्षेत्र में घुसपैठ करने से भी नहीं चूक रहा है। दरअसल, पूर्वी मेडिटेरेनियन दक्षिण चीन सागर की तरह खनिज पदार्थों से सम्पन्न है, और तुर्की इस क्षेत्र पर अपना वर्चस्व जमाकर अपनी डूबती अर्थव्यवस्था की नैया पार लगाना चाहता है।
ग्रीस के प्रधानमंत्री के अनुसार, “अंकारा [तुर्की की राजधानी] पूर्वी मेडिटेरेनियन की शांति को भंग करने में लगा हुआ है, और अब समय आ चुका है कि ग्रीस की अखंडता की रक्षा हेतु अपने सेनाओं को हम सशक्त बनाएँ!”
फ्रांस भली भांति परिचित है कि तुर्की किस खेत की मूली है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) ने इस विषय पर आक्रोश जताते हुए ग्रीस को हरसंभव सहायता का विश्वास दिलाया। फ्रांस ने हाल ही में एक अहम निर्णय में पूर्वी मेडिटेरेनियन क्षेत्र में तुर्की की दादागिरी को मुंहतोड़ जवाब देने हेतु अपने फाइटर जेट्स एवं युद्धपोत तैनात करने की दिशा में काम किया है।
बीबीसी वर्ल्ड की रिपोर्ट के अनुसार, “फ्रांस पूर्वी मेडिटेरेनियन में तुर्की के तेल एवं प्राकृतिक गैस खोजने के नाम पर होने वाली दादागिरी का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए दो राफेल फाइटर जेट्स एवं एक नौसैनिक को साइप्रस के जल क्षेत्र के निकट तैनात करने का निर्णय किया है।फ्रांसीसी राष्ट्राध्यक्ष इम्मैनुएल मैक्रोन ने तुर्की को चेतावनी दी है कि वह पूर्वी मेडिटेरेनियन सागर से दूर रहे। उन्होने ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोटाकिस को आश्वासन दिया है कि फ्रांस की सेना तुर्की की दादागिरी नहीं चलने देगी।“
फ्रांस ने इस बात की पूरी व्यवस्था की है कि तुर्की को पूर्वी मेडिटेरेनियन में हेकड़ी दिखाने के लिए मुंहतोड़ जवाब दिया जाये। ग्रीस द्वारा 18 राफ़ेल जेट्स को खरीदने के निर्णय का स्वागत करते हुए फ्रेंच रक्षा मंत्रालय की ओर से बयान आया, “रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ग्रीस के प्रधानमंत्री द्वारा 18 राफ़ेल एयरक्राफ्ट को खरीदने के निर्णय का स्वागत करती है। राफ़ेल जेट्स को चुनना ग्रीस और फ्रांस के बीच समन्वय स्थापित करेगा और दोनों सेनाओं को रणनीतिक और ओपेरेशनल साझेदारी मजबूत करने के लिए प्रेरित करेगा”।
परंतु फ्रांस केवल ग्रीस को ही नहीं, अपितु उत्तरी अफ्रीका और Middle East (मध्य पूर्व) में स्थित तुर्की के विरोधियों को हथियार उपलब्ध करने को तैयार है। फ्रांस न केवल तुर्की द्वारा लीबिया के मुस्लिम ब्रदरहुड आंदोलन को बढ़ावा दिये जाने से क्रोधित है, अपितु आईएसआईएस के विरुद्ध लड़ रहे कुर्दिश लड़ाकों के विरुद्ध तुर्की के अवैध एक्शन के विरुद्ध भी मोर्चा संभालने को तैयार है।
फ्रांस भली भांति जानता है कि तुर्की दूसरा चीन बनने की राह पर चल पड़ा है, और इसीलिए वह ईयू के साथ मिलकर तुर्की के अरमानों को मिट्टी में मिलाने के लिए प्रयासरत है, जो अपनी बिगड़ती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए पूर्वी मेडिटेरेनियन में लूटपाट मचाने को तैयार है।